मध्यप्रदेश और कश्मीर के बीच में चुनावी कनेक्शन हो गया है। कश्मीर में नगरीय निकाय चुनाव होने वाले हैं। इस चुनाव के लिए मध्य प्रदेश 700 EVM देगा। सिर्फ इतना ही नहीं, कश्मीर के कर्मचारियों को चुनाव की ट्रेनिंग भी देगा। एक प्रकार से कश्मीर का नगरीय निकाय चुनाव, मध्य प्रदेश की प्रशासनिक और टेक्निकल पार्टनरशिप के साथ संपन्न होंगे।
मध्य प्रदेश के पेंच नेशनल पार्क सिवनी में आयोजित राज्य निर्वाचन आयुक्तों की 31वीं नेशनल कॉन्फ्रेंस के तीसरे दिन मध्य प्रदेश और जम्मू-कश्मीर राज्य निर्वाचन आयोग के बीच इस महत्वपूर्ण समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते के तहत मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर में नगरीय निकाय चुनावों की प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए तकनीकी और प्रशासनिक सहायता प्रदान करेगा।
एमओयू के अनुसार, मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग जम्मू और कश्मीर में होने वाले आगामी नगरीय निकाय चुनाव में 7 हजार ईवीएम और अन्य उपकरण उपलब्ध कराने के साथ ही पोलिंग स्टाफ को ट्रेनिंग भी दिलाएगा। इसके साथ ही मध्यप्रदेश में किए गए नवाचारों को जम्मू और कश्मीर में लागू करवाने के लिए प्रयास करेगा। साथ ही पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चयनित बूथों पर पेपर लेस बूथ की प्रक्रिया अपनाने में मदद करेगा।
इस मौके पर राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज श्रीवास्तव की उपस्थिति में मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव अभिषेक सिंह और जम्मू-कश्मीर राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव सुशील कुमार ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। सुशील कुमार ने मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि “इस समझौते से जम्मू-कश्मीर में नगरीय निकाय चुनावों का संचालन और अधिक सुगम और पारदर्शी होगा।”
नेशनल कॉन्फ्रेंस के दौरान देश-विदेश के विषय विशेषज्ञों ने चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाने के लिए विभिन्न विषयों पर प्रस्तुतियां दीं। आईसीपीएस (इंटरनेशनल सेंटर फॉर पार्लियामेंटरी स्टडीज), लंदन के डायरेक्टर अरविंद वेंकटरमन ने अपने संबोधन में भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को वैश्विक नेतृत्व देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने इलेक्टोरल मैनेजमेंट, ई-लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और ब्लॉकचेन तकनीक के उपयोग पर जोर दिया।
सेल्स डायरेक्टर एपीएसी, टर्की के मेहमत बुरक ने दूरस्थ मतदाता पंजीयन और ऑनलाइन वोटिंग प्रणाली की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने डिजिटल पंजीयन और बायोमेट्रिक पहचान के माध्यम से मतदाता सत्यापन की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। कनाडा और बेनिन में इस्तेमाल हो रहे वोटर रजिस्ट्रेशन एप्लिकेशन का डेमो भी प्रस्तुत किया गया।
कॉन्फ्रेंस में इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन इंडिया लिमिटेड, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, और आईआईटी लिमिटेड बैंगलुरु के विशेषज्ञों ने चुनावी प्रक्रियाओं में हो रहे अनुसंधानों पर चर्चा की। नवीनतम एस-3 ईवीएम और इलेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम के उपयोग और उनके लाभों को भी रेखांकित किया गया।
इसके अलावा, आईएनसीटी चेन्नई के सीईओ गजपथी ने पोलिंग एवं काउंटिंग में उपयोग होने वाले विभिन्न एप्लिकेशन के संबंध में जानकारी दी। अमिट स्याही और अन्य चुनावी सामग्री पर हैदराबाद और जयपुर की कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भी प्रेजेंटेशन दिया।
नेशनल कॉन्फ्रेंस में शामिल विभिन्न राज्यों के राज्य निर्वाचन आयुक्तों ने मध्यप्रदेश में विकसित ‘पेपरलेस बूथ’ मॉडल का अवलोकन किया। इस मॉडल को भविष्य में अन्य राज्यों में भी लागू करने की संभावनाओं पर चर्चा की गई।
इस राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चुनावी प्रक्रियाओं में तकनीकी नवाचार और डिजिटल सुविधाओं के बढ़ते उपयोग पर विचार किया गया। मध्यप्रदेश और जम्मू-कश्मीर के बीच हुआ यह समझौता चुनावी सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे देश में पारदर्शी और सुगम निर्वाचन प्रक्रिया को बढ़ावा मिलेगा।