पटना। आज पूरे देश में रंगों का पर्व होली धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत तमाम राजनीतिक हस्तियों ने देश की जनता को होली की शुभकामनाएं दी हैं। होली पर्व के दौरान सियासत भी खूब देखने को मिल रही है। राजनीतिक दल एक-दूसरे का बधाई देते हुए जुबानी हमला भी बोल रहे हैं। इसी कड़ी में आरजेडी चीफ लालू प्रसाद ने होली की शुभकामना के साथ एनडीए सरकार पर हमला भी बोला है। लालू प्रसाद ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की। इसमें गरीबी, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, अपराध, महंगाई और अस्थिर सरकार लिखा था। इस तस्वीर के साथ लालू प्रसाद ने लिखा कि बिहार इस होलिका दहन हर बुराई के अंत का ले रहा प्रण!। लालू के इस बयान पर भाजपा और जेडीयू ने भी जोरदार पलटवार किया है।
इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यवासियों को होली की शुभकामना देते हुए लिखा कि रंगों के त्योहार होली की बधाई एवं शुभकामनाएं। होली सामाजिक समरसता का प्रतीक है। होली का यह पवित्र त्योहार राज्यवासियों के जीवन में खुशियों के नए रंग लेकर आए। यह पवित्र त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है। होली का त्योहार प्रेम, भाईचारे एवं सद्भाव के साथ मनाएं। वहीं भाजपा ने राजद और लालू फैमिली पर तीखा वार किया है। भाजपा ने होली की शुभकामना के बहाने लिखा कि बिहार में होली के रंग बदले हैं, लेकिन लालूराज का खौफनाक इतिहास नहीं! गुंडाराज में गुलाल नहीं, खून उड़ता था, आज कानून का राज है, खुशियों की बहार है। इतना ही नहीं भाजपा ने लालू राज और वर्तमान सरकार के कार्यकाल भी तुलना भी की। लिखा कि बिहार में बदला दौर, अब रंगों में बहार! लालू राज में डर था, सन्नाटा था। आज कानून का राज है, खुशियों की बरसात है।
बिहार को उन्नत बनाने वाले एक नए अध्याय का आरम्भ करे
इधर, तेजस्वी यादव ने लिखा कि आपके जीवन में रंग भरने का वर्ष है यह! चुनाव बाद जब आपको बिहार में नौकरी-रोजगार मिलेगा, काम के लिए पलायन नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने आगे लिखा कि इस 20 वर्षों की सरकार की विदाई के बाद ही आपके जीवन में खुशहाली के रंग आएंगे। रंग नौकरी का, उन्नति और सद्भाव का रंग रोजगार का, विकास और बदलाव का। तेजस्वी ने आगे लिखा कि यह होली आपके जीवन में सुखद परिवर्तन का प्रारंभ करे। बिहार को उन्नत बनाने वाले एक नए अध्याय का आरम्भ करें। इसे पहले तेजस्वी यादव ने लिखा था कि होलिका दहन की आग में हम सब मिलकर नफरत, हिंसा, घृणा, अहंकार, बैर-भाव, कड़वाहटें और गलतफहमियों के साथ-साथ स्वयं और समाज में व्याप्त गरीबी, बेरोजगारी, पलायन, महंगाई, बुराई, कष्ट एवं निराशाओं को जलायें। इस होली पर हम सब मिलकर नया बिहार बनाने के लिए एक नई शुरूआत करें जो प्रेम, विश्वास, सच्चाई और खुशहाली के रंगों से भरी हो।