भोपाल। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को स्व-सहायता समूहों के सुदृढ़ीकरण एवं सशक्तिकरण को लेकर आयोजित एक अहम बैठक को संबोधित किया। इस दौरान सीएम ने स्व-सहायता समूहों को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्देश भी दिए। बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया, सीएम अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव सीएमओ डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास दीपाली रस्तोगी मौजूद थी।
बैठक को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि मप्र सरकार महिलाओं के आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। स्व सहायता समूह हमारे प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। इनके सशक्तिकरण से न केवल महिलाओं की स्थिति मजबूत होगी, बल्कि राज्य की समग्र प्रगति भी सुनिश्चित होगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि स्व-सहायता समूहों को अधिक से अधिक प्रोत्साहन एवं जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए जाएं, ताकि वे आर्थिक रूप से मजबूत होकर आत्मनिर्भर बनकर समृद्धि की ओर बढ़ें।
सीएम ने ठोस कार्य योजना तैयार करने पर भी दिया जोर
सीएम ने अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि स्व-सहायता समूहों को बाजार से जोड़ने, प्रशिक्षण देने और वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं। इसके साथ ही उन्होंने समूहों की आय बढ़ाने के लिए नए अवसरों को तलाशने और उन्हें आत्म-निर्भर बनाने के लिए ठोस कार्य योजना भी तैयार करने पर जोर दिया। सीएम ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि महिला स्व-सहायता समूहों को सरकार की सभी योजनाओं से जोड़ा जाए। उन्हें बैंक लिंकेज प्रदान कर ऋण सहायता उपलब्ध कराने सहित उनके उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने के लिए भी ठोस कदम उठाए जाएं।
बढ़ाई जाए प्रोडक्ट की रेंज और गुणवत्ता
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की ज्ञान (जीवायएएन) संकल्प के अनुरूप राज्य सरकार महिलाओं को आर्थिक संबल देने एवं नारी सशक्तिकरण के लिए हर जरूरी कार्य कर रही है। उन्होंने अधिकारियों को आजीविका मिशन के अंतर्गत स्व-सहायता समूहों के उत्पादों की मार्केटिंग, ब्रांडिंग एवं प्रोडक्ट की पैकेजिंग के लिए समुचित कार्य योजना तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि अधिकाधिक ग्रामीण महिलाओं को लखपति दीदी बनाने के लक्ष्य की पूर्ति के लिए पोषण आहार संयंत्रों (टेक होम राशन संयंत्र) एवं किसान उत्पादक समूहों द्वारा तैयार प्रोडक्ट की रेंज एवं गुणवत्ता बढ़ाई जाए। इससे बाजार की मांग पूरी की जा सकेगी और महिलाओं की आय में भी वृद्धि होगी।