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CG शराब घोटाले में ED का एक्शन: पूर्व CM के घर एजेंसी की दबिश, जद में बेटा भी, कार्रवाई पर यह बोले भूपेश बघेल

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रायपुर। छत्तीसगढ़ शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ा एक्शन ले लिया है। ईडी ने सोमवार सुबह एक साथ 15 ठिकानों पर दबिश दी है। जद में प्रदेश के पूर्व सीएम भूपेश बघेल भी हैं। शराब घोटाले मामले में भिलाई स्थित भूपेश बघेल के निवास और चैतन्य बघेल के घर पर छापेमारी की है। बता दें कि भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य का नाम इस मामले की जांच के दौरान सामने आया था।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रवर्तन निदेशालयकी टीम ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के बेटे के घर पर चल रहे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छापेमारी कर रही है। ईडी कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छत्तीसगढ़ में 14 स्थानों पर छापेमारी कर रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर ईडी छापेमारी की जानकारी लगाने पर उनके बड़ी संख्या में समर्थकों ने निवास पहुंचकर ईडी के खिलाफ नारेबाजी कर रहे है।

ईडी के एक्शन पर यह बोले भूपेश
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भूपेश बघेल ने ईडी की कार्रवाई को लेकर कहा कि सात वर्षों से चले आ रहे झूठे केस को जब अदालत में बर्खास्त कर दिया गया तो आज ईडी के मेहमानों ने पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल के भिलाई निवास में आज सुबह प्रवेश किया है। अगर इस षड्यंत्र से कोई पंजाब में कांग्रेस को रोकने का प्रयास कर रहा है, तो यह गलतफहमी है। बता दें कि इस मामले में ईडी पहले भी कई बड़े एक्शन ले चुकी है। इससे पहले जांच एजेंसी ने मई 2024 में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर समेत कई आरोपियों की लगभग 18 चल और 161 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया था, जिसकी कीमत 205।49 करोड़ रुपये थी।

ईडी ने इनकी संपत्तियों को किया था कुर्क
ईडी ने जो संपत्तियां कुर्क की थी, उसमें पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा की 14 संपत्ति शामिल थी, जिनकी कीमत 15.82 करोड़ रुपये थी। वहीं, 115 संपत्तियां अनवर ढेबर की थीं, जिसकी कीमत 116.16 करोड़ थी। इसके साथ ही विकास अग्रवाल की भी 3 संपत्तियां कुर्क की गई थीं, जिसकी कीमत 1.54 करोड़ थी। 33 प्रॉपर्टी अरविंद सिंह की थीं, जिसकी कीमत 12।99 करोड़ थी। अरुण पति त्रिपाठी की 1.35 करोड़ रुपये की एक संपत्ति को जब्त किया गया था।

क्या है ईडी का आरोप
ईडी के मुताबिक 2017 में शराब की खरीद और बिक्री के लिए सीएसएमसीएल बनाई गई थी, लेकिन सरकार बदलने के साथ ही ये सिंडिकेट के हाथ का एक टूल बन गई। आरोप है कि सीएसएमसीएल से जुड़े कामों के लिए सारे कॉन्ट्रैक्ट इस सिंडिकेट से जुड़े लोगों को ही दिए जा रहे थे। ईडी का दावा है कि सिंडिकेट ने अवैध शराब की बिक्री से ‘बड़ा कमीशन’ कमाया, ये रकम अनवर ढेबर को दी गई और फिर उसने इसे राजनीतिक पार्टी तक साझा किया

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