भोपाल। राजधानी भोपाल में 24-25 फरवरी को आयोजित हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की सफलता से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गदगद हैं। उन्होंने कहा कि भोपाल जीआईएस में 30 लाख 77 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त होना मप्र के लिए बड़ी उपलब्धि हैं। सीएम ने इसका श्रेय टीमवर्क को दिया। जीआईएस में मिले निवेश प्रस्तावों की समीक्षा करते हुए सीएम ने सभी विभागों के अधिकारियों और टीम को बधाई दी है। बैठक में सीएम अनुरग जैन सहित संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव तथा प्रमुख सचिव उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावों को वास्तविक निवेश में परिवर्तित करने के लिए रणनीति बनाकर कार्य होगा। इसके लिए प्राथमिकता पर प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे और सेक्टर फोकस्ड औद्योगिक सेक्टरों का भी विकास होगा। जिला स्तर पर कलेक्टर्स को भूमि और जल की आवश्यकता से अवगत कराकर समय-सीमा में उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। निवेशक अपनी इकाई का शीघ्रता से संचालन शुरू कर सकें, इसके लिए प्लग-एंड-प्ले सुविधा विकसित की जाएगी। प्रदेश में एमपी इन्वेस्टर पोर्टल का उन्नयन किया गया है। इसके साथ ही एमपीआईडीसी में विशेष सेल अंतर विभागीय समन्वय सुनिश्चित करेगा। सीएम ने कहा कि प्रदेश में निवेश और औद्योगिक गतिविधियों के विस्तार का यह कारवां निरंतर जारी रहेगा।
निवेश प्रस्तावों के फालओप के लिए बनाई विशेष योजना
बैठक को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि निवेश प्रस्तावों के प्रभावी फॉलो-अप के लिए छह स्तरीय कार्य योजना बनाई गई है। इसके अंतर्गत एमपीआईडीसी द्वारा निवेश प्रस्तावों की स्क्रीनिंग और डेटा प्रविष्टि कर उनका विभागवार वर्गीकरण किया जाएगा। संबंधित विभाग निवेश राशि के आधार पर क्षेत्रीय कार्यालय, मुख्यालय और विभाग स्तर पर प्रस्तावों का फॉलो-अप करेंगे। प्रत्येक विभाग द्वारा रिलेशनशिप मैनेजर की नियुक्ति की जाएगी। फॉलोअप के लिए मॉनीटरिंग और रिपोर्टिंग की पुख्ता व्यवस्था की गई है। संबंधित विभाग के प्रमुख सचिव प्रति सप्ताह प्रगति की समीक्षा कर मुख्य सचिव को रिपोर्ट देंगे। इसके साथ ही मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री स्तर पर भी निश्चित अंतराल पर मॉनीटरिंग की व्यवस्था की गई है।
बैठक में सीएम ने दी यह जानकारी
इस दौरान सीएम ने यह भी बताया कि समिट में कुल 30 लाख 77 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे लगभग 21 लाख 40 हजार रोजगार के अवसर सृजित होंगे। जीआईएस में 25 हजार से अधिक लोगों ने भागीदारी की। इसमें 9 पार्टनर कंट्री और 60 से अधिक देशों से 100 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय डेलिगेट शामिल हुए। जीआईएस में 300 से अधिक प्रमुख उद्योगपतियों और उद्योगों की भागीदारी रही। जीआईएस में 10 सेक्टरल सत्र, 6 कंट्री सेशंस, 6 समिट, 70 से अधिक वन-टू-वन बैठकें, 5 हजार से अधिक बी-टू-बी मीटिंग और 600 से अधिक बी-टू-जी मीटिंग्स संपन्न हुईं।