पटना। बिहार में नवंबर में विधानसभा चुनाव होना है। चुनाव से 9 महीने पहले सीएम नीतीश कुमार ने कैबिनेट विस्तार कर दिया है। बुधवार को हुए कैबिनेट विस्तार में सात नए मंत्रियों ने शपथ ली। यह सभी भाजपा के कोटे से कैबिनेट मंत्री बनें हैं। इनमें से 4 मिथिलांचल इलाके से हैं। इन्हें मिलाकर अब मिथिलांचल से 6 मंत्री हो गए हैं। इसके अलावा पटना, पूर्णिया और सारण प्रमंडल से एक-एक मंत्री को नीतीश कैबिनेट में जगह मिली है।
नीतीश कुमार की कैबिनेट में शामिल होने वाले सात विधायक हैं- संजय सरावगी (दरभंगा), सुनील कुमार (बिहारशरीफ), जीवेश कुमार (जाले), राजू कुमार सिंह (साहेबगंज), मोतीलाल प्रसाद (रीगा), विजय कुमार मंडल (सिकटी) और कृष्ण कुमार मंटू (अमनौर)। इनमें 3 पिछड़े, 2 अति पिछड़े और 2 सवर्ण समुदाय से हैं। सात नए मंत्रियों में दो कृष्ण कुमार मंटू और विजय कुमार मंडल 10वीं पास हैं। इसी तरह मोती लाल प्रसाद 12वीं पास हैं। डॉक्टर सुनील कुमार के पास एमबीबीएस की डिग्री है। संजय सरावगी और जिबेश कुमार स्नाकोत्तर हैं। वहीं, राजू सिंह ने पीएचडी की है।
किस तरह साधा गया जातीय और क्षेत्रीय समीकरण
जिन सात मंत्रियों को बुधवार को शपथ दिलाई गई उनके जरिए भाजपा ने सभी जातियों को साधने की कोशिश की है। इन मंत्रियों में एक राजपूत, एक भूमिहार, एक कुर्मी, एक केवट, एक कुशवाह, एक तेली और मारवाड़ी समाज से आते हैं। मंत्री बनाए गए विधायकों में कुर्मी जाति के कृष्ण कुमार मंटू, केवट जाति के विजय मंडल, राजपूत जाति के राजू सिंह, भूमिहार जाति के जीवेश मिश्रा, कुशवाहा जाति के सुनील कुमार, तेली जाति के मोतीलाल प्रसाद और मारवाड़ी समाज के संजय सारावगी शामिल हैं। ऐसी अटकलें थीं कि भाजपा राजद के परंपरागत यादव वोटबैंक में सेंध लगाने के लिए यादव जाति के किसी विधायक को भी मंत्रिमंडल में शामिल कर सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस विस्तार में पार्टी ने अगड़ी जातियों से तीन नेताओं को मौका दिया। वहीं, चार पिछड़ी जाति के नेताओं ने शपथ ली।
केंद्रीय नेतृत्व ने दी मंजूरी
सूत्रों ने बताया कि इस मामले पर पहले हुई बातचीत बेनतीजा रहने के बाद केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और नीतीश कुमार ने संभावित मंत्रिमंडल विस्तार पर बैठक की। बताया जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार तभी संभव हुआ जब केंद्रीय नेतृत्व ने नीतीश सरकार द्वारा प्रस्तावित संभावित मंत्रियों की सूची को मंजूरी दी। फिलहाल, बिहार में कई भाजपा मंत्री एक से अधिक विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा तीन विभागों का नेतृत्व कर रहे हैं, जबकि राज्य मंत्री मंगल पांडेय और नीतीश मिश्रा दो-दो विभागों की कमान संभाल रहे हैं।