भोपाल। राजधानी भोपाल में आयोजित हुई दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का मंगलवार की शाम समापन हो गया है। समिट में शिरकत करने आए देश-विदेश के दिग्गज उद्योगपतियों और निवेशकों में भरपूर उत्साह देखने को मिला। यही नहीं, दो दिवसीय समिट में 30 लाख 77 हजार करोड़ रुपये के निवेश के एमओयू साइन हुए हैं। इससे 21 लाख 40 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। बता दें कि भोपाल जीआईएस का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और समापन केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया। शाह ने सीएम की टीम को इस सफल कार्यक्रम की बधाई दी। इस दौरान सीएम ने गृहमंत्री को बाबा महाकाल की प्रतिकृति भेंट की।
समिट में शिरकत करने पहुंचे उद्योगपतियों ने मैन्युफैक्चरिंग के अलावा रिन्युएबल एनर्जी सेक्टर में सबसे ज्यादा रुचि दिखाई है। अडाणी ग्रुप, रिलायंस जैसी बड़ी कंपनियों ने भी प्रस्ताव दिए हैं। समिट में पहले दिन यानि 24 फरवरी को 22 लाख 50 हजार 657 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव और एमओयू हुए थे। वहीं दूसरे दिन 25 फरवरी को 4 लाख 11 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। दो दिनों में 6 विभागीय समिट हुई हैं, जिनमें 500 से ज्यादा एनआरआई शामिल हुए और अपने निवेश प्रस्ताव रखे।
मप्र में नई फ्लाइट के लिए 5 एमओयू हुए साइन
एविएशन कंपनी फ्लाई भारती के साथ उज्जैन में एयरपोर्ट डेवलपमेंट के लिए एमओयू हुआ। इसमें 750 करोड़ रुपए का निवेश होगा। वहीं, एअर इंडिया एक्सप्रेस और मध्यप्रदेश नागरिक विमानन विभाग के बीच 5 नई फ्लाइट के लिए एमओयू साइन हुआ है। भोपाल जीआईएस की समापन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि सरकार को 30 लाख 77 हजार करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। विभिन्न एमओयू साइन किये गये। प्रदेश सरकार अपने प्रयासों को धरातल पर उतरने के लिए पूर्ण प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार यहां के युवाओं, किसानों, महिलाओं और सभी प्रकार के संभावित क्षेत्रों में विकास के इस अभियान को जारी रखेगी।
60 से अधिक देशों के निवेशक डेलीगेट भोपाल आए: सीएम
उन्होंने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 100 से अधिक एक्सपटर्स और उद्योगपतियों सहित करीब 25000 से अधिक प्रतिभागियों ने सहभागिता की। इसमें 60 से अधिक देशों के निवेशक डेलीगेट भोपाल आए। जीआईएस करीब 5000 बिजनेस-टू-बिजनेस और 600 बिजनेस-टू-गर्वनमेंट मीटिंग्स आयोजित हुई। इस दौरान सीएम ने मेहमानों को यह भी बताया कि पर्यटन पर विशेष समिट आयोजित होगी। इंदौर, नागदा, उज्जैन, देवास, मक्सी (शाजापुर), पीथमपुर (धार) को जोड़कर महानगर के रूप में विकसित किया जाएगा। भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा का भी समन्वित रूप से विकास होगा। उज्जैन में 3300 हेक्टेयर में धार्मिक नगर विकसित किया जाएगा। वहीं, ग्वालियर, जबलपुर, सागर, रीवा, नर्मदापुरम जैसे छोटे शहर भी अब औद्योगिक विकास के नए केंद्र बन रहे हैं। हेल्थ टूरिज्म के तहत प्रदेश एयर एम्बुलेंस सेवा शुरू की गई है। 10 मार्च को प्रदेश के 9वें टाइगर रिजर्व के रूप में माधव नेशनल पार्क का लोकार्पण होगा।
सीएम बोले- विकास में भागीदार बनें प्रवासी भारतीय
समिट के दूसरे दिन की शुरूआत प्रवासी भारतीयों के सम्मेलन के साथ हुई। बकिंघमशायर (लंदन) की मेयर प्रेरणा भारद्वाज, फ्रेंड्स आॅफ एमपी (बोस्टन चैप्टर) के अध्यक्ष रोहित दीक्षित, फिजी के हाई कमिश्नर जगन्नाथ सामी, जिम्बाब्वे के राज मोदी, फ्रेंड्स आॅफ एमपी चैप्टर के कई सदस्य और मध्यप्रदेश से जुड़े प्रवासी भारतीयों ने सहभागिता की। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश के प्रवासी नागरिकों, फ्रेंड्स आॅफ एमपी, इंडिया कनेक्ट के सदस्यों से कहा कि मध्यप्रदेश में रोजगार के नए अवसरों के सृजन में प्रदेश के प्रवासी भारतीयों की महत्वपूर्ण भूमिका है। जब लंदन में मध्यप्रदेश के निवासी मेयर बनते हैं, तो यहां भी आतिशबाजी की जाती है। यह आंतरिक लगाव और मध्यप्रदेश की सामूहिक शक्ति का प्रतीक है।