नई दिल्ली। सत्ता जाने के बाद दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। उनकी सबसे ज्यादा मुश्किलें शीशमहल बढ़ा रहा है। भाजपा के आरोपों पर अब केन्द्रीय सतर्कता आयोग ने शीशमहल के जांच के आदेश दे दिए हैं। जानकारी के मुताबिक केन्द्र सरकार के आदेश पर सीवीसी ने 13 फरवरी को शीशमहल के जांच के जारी किए हैं। बता दें कि वैसे तो इस मामले में नवंबर से ही सीवीसी के आदेश पर जांच चल रही थी।
वहीं सीवीसी ने जांच का आदेश सेंट्रल पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (सीपीडब्ल्यूडी) की रिपोर्ट सामने आने के बाद दिया। रिपोर्ट में कहा गया कि 40,000 वर्ग गज (8 एकड़) में बनी भव्य हवेली के निर्माण में कई नियमों को तोड़ा गया। शुरूआती रिपोर्ट मिलने के बाद अब विस्तृत जांच का आदेश जारी हुआ है। इस मामले में केजरीवाल पर कानूनी संकट का नया शिकंजा कसता नजर आ रहा है। सीवीसी ने पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास 6 फ्लैग स्टाफ बंगले के रेनोवेशन की जांच के आदेश दिए हैं। सीवीसी ने सीपीडब्ल्यूडी (केंद्रीय लोक निर्माण विभाग) से उन आरोपों की विस्तृत जांच करने को कहा है जिनमें कहा गया है कि 40,000 वर्ग गज (8 एकड़) में फैले एक भव्य बंगले के निर्माण के लिए भवन निर्माण मानदंडों का उल्लंघन किया गया था।
भाजपा बोली- शीशमहल में नहीं रहेगा हमारा सीएम
बता दें कि विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने 14 अक्टूबर 2024 को मुख्य सतर्कता आयोग से शिकायत में यह आरोप लगाया था कि राजपुर रोड पर प्लॉट नंबर 45 और 47 और दो बंगले (8-ए और 8-बी, फ्लैग स्टाफ रोड) सहित सरकारी संपत्तियों को ध्वस्त कर दिया गया और नए आवास में विलय कर दिया गया, जो ग्राउंड कवरेज और फ्लोर एरिया अनुपात (एफएआर) मानदंडों का उल्लंघन करता है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने उप-राज्यपाल वीके सक्सेना से शिकायत की थी कि केजरीवाल का बंगला 4 सरकारी संपत्तियों को गलत तरीके से मिलाकर बनाया गया है। इस प्रॉसेस को रद्द कर दिया जाना चाहिए। जब हम सरकार बना लेंगे तो हमारा नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री यहां नहीं रहेगा।
भाजपा ने जारी किया था वीडियो, शीशमहल कहा
9 दिसंबर 2024 को बीजेपी ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें दिल्ली के सीएम हाउस का आलीशान इंटीरियर दिखाया गया। बीजेपी ने केजरीवाल पर तंज कसा, ‘वे कहते थे कि सरकारी घर नहीं लूंगा, लेकिन रहने के लिए 7 स्टार रिसॉर्ट बना डाला।’ दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने मांग की है कि केजरीवाल को दिल्ली के लोगों को बताना चाहिए कि उन्होंने किस अधिकार से अपने बंगले की सजावट पर करीब 45 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। ये वो समय था जब कोविड में जनता के विकास कार्य बंद थे।
सीबीआई ने की जांच, 44।78 करोड़ का खर्च निकला
मई 2023 में पहली बार शीशमहल का मामला सामने आया। जब दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने उइक डायरेक्टर प्रवीण सूद को चिट्ठी लिखकर सीएम हाउस रेनोवेशन मामले की जांच का काम सौंपा। सितंबर 2023 में सीबीआई ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज की। इसमें आरोप लगाया गया था कि दिल्ली के पूर्व सीएम केजरीवाल ने कोविड काल के दौरान सीएम आवास पर लगभग 45 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। यह पैसा सरकारी खजाने से लिया गया।