नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र का गुरुवार को पांचवा दिन था। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज राज्यसभा को संबोधित किया। पीएम मोदी के संबोधन की खास बात यह रही की उन्होंने कांग्रेस पर एक बार फिर जोरदार हमला बोला। वह भी शायराना अंदाज में। पीएम ने कवि गोपाल दास नीरज, पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी जैसे दिग्गज कवियों की कविताओं को पढ़कर कांग्रेस पर वार किया। इस दौरान पीएम ने संसद में इमरजेंसी के दौरान फिल्म इंडस्ट्री और कलाकारों की ‘फ्रीडम आॅफ स्पीच’ कुचलने को लेकर भी कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने मजरूह सुल्तानपुरी, देव आनंद और बलराज साहनी जैसे कलाकारों के साथ हुई घटनाओं का जिक्र किया। संसद में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय रहा पीएम का शायराना अंदाज। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधने के लिए एक से बढ़कर एक पंक्तियां पढ़ी।
पीएम मोदी ने संसद में पढ़ी कविताएं
संसद में विपक्ष पर कटाक्ष करने के लिए पीएम मोदी ने गोपाल दास नीरज की कविता का जिक्र करते हुए कहा कि…
है बहुत अंधियारा, अब सुरज निकलना चाहिए..
जिस तरह से भी हो बस ये मौसम बदलना चाहिए….।।
‘फिर दीप जलेगा’
पीएम मोदी ने आगे कहा कि 1970 जब चारो ओर कांग्रेस ही कांग्रेक का राज चलता था तब फिर गोपाल दास नीरज का एक और कविता प्रकाशित हुआ था। ‘फिर दीप जलेगा’.. पीएम मोदी ने उस पंक्ति का जिक्र करते हुए कहा कि…
‘मेरे देश उदास न हो, फिर दीप जलेगा, तिमिर ढलेगा’
इसके बाद पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आज से 40 साल पहले अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि ‘सूरज निकलेगा, अंधेरा छटेगा, कमल खिलेगा’
कांग्रेस के मॉडल में फैमिली फर्स्ट सर्वोपरि रहा’
इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि ये उनकी सोच, समझ के बाहर है और रोडमैप में भी सूट नहीं करता। इतना बड़ा दल एक परिवार के लिए समर्पित हो गया है। उसके लिए ये संभव ही नहीं है। कांग्रेस के मॉडल में फैमिली फर्स्ट सर्वोपरि रहा है। पीएम ने कहा कि देश की जनता ने हमें तीसरी बार लगातार सेवा का मौका दिया। ये बताता है कि देश की जनता ने हमारे विकास के मॉडल को परखा है, समझा है और समर्थन दिया है। हमारा ये मॉडल एक शब्द में कहना हो तो कहूंगा- नेशन फर्स्ट। पीएम मोदी ने कहा कि, इसी उम्दा भावना के साथ वाणी-वर्तन, नीतियों में इसी एक बात को मानदंड मानकर सेवा करने का प्रयास किया है।
कांग्रेस ने उड़ाई संविधान की भावनाओं की धज्जियां
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर आजादी के बाद तुरंत बाद ‘संविधान की भावनाओं की धज्जियां उड़ाने’ का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘नेहरू जी प्रधानमंत्री थे, पहली सरकार थी और मुंबई में मजदूरों की एक हड़ताल हुई। उसमें मजरूह सुल्तानपुरी ने एक कविता गाई थी- कॉमनवेल्थ का दास है। इसके जुर्म में नेहरू जी ने उन्हें जेल भेज दिया। बलराज साहनी एक जुलूस में शामिल हुए थे, उन्हें जेल में बंद कर दिया गया था। लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने वीर सावरकर पर एक कविता आकाशवाणी पर प्रसारित करने की योजना बनाई, उन्हें आकाशवाणी से बाहर कर दिया गया। देश ने इमरजेंसी का दौर भी देखा है। देवानंद ने इमरजेंसी को सपोर्ट नहीं किया तो उनकी फिल्में बैन करा दीं।’
अंबेडकर के प्रति कांग्रेस को थी इतनी नफरत
वहीं पीएम ने बाबा साहेब अंबेडकर का जिक्र करते हुए कहा कि इतिहास की ओर थोड़ी नजर डालें तो बाबा साहेब अंबेडकर के साथ कांग्रेस को कितनी नफरत रही थी, उनके प्रति कितना गुस्सा था, इसके सारे दस्तावेज मौजूद हैं। इस गुस्से को बाबा साहेब को दो-दो बार चुनाव में पराजित करने के लिए क्या-क्या नहीं किया गया। कभी भी बाबा साहेब को भारत रत्न के योग्य नहीं समझा गया। इतना ही नहीं, इस देश के लोगों ने बाबा साहेब की भावना का आदर किया। तब आज मजबूरन कांग्रेस को जय भीम बोलना पड़ रहा है, उनका मुंह सूख जाता है।’
कांग्रेस का मूल मंत्र दूसरे की लकीर छोटी करना
पीएम ने कहा कि ‘हमारी तरह ही कांग्रेस की राजनीति में भी मूलमंत्र रहा है। हमारा मूलमंत्र ‘सबका साथ सबका विकास’ है। वहीं, कांग्रेस का मूलमंत्र ‘दूसरे की लकीर छोटी करना’ है।’ हमारी गर्वनेंस का आधार सबका साथ सबका विकास है। हम इसे जीते हैं। बीते दशक में हमने हर स्तर पर सबका साथ सबका विकास की योजना को जमीन पर उतारा है। जहां तक कांग्रेस का सवाल है, उनसे सबका साथ सबका विकास की उम्मीद करना गलती हो जाएगी। यह उनकी सोच और समझ के बाहर है।’