ग्वालियर। मप्र के पूर्व सीएम और केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान रविवार को ग्वालियर-मुरैना के दौरे पर पहुंचे। खास बात यह रही की इस दौरान जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं ने उनका ऐसा स्वागत किया की शिवराज अभिभूत हो गए। उत्साहित समर्थकों ने शिवराज पर हाथ से तो फूल बरसाए ही जेसीबी मशीन पर भी चढ़कर उन पर फूलों की बारिश की और मामा जिंदाबाद के नारे लगाए। वहीं शिवराज ने भी सभी का अभिवादन स्वीकार किया।
शिवराज सिंह ने भी दोनों हाथ जोड़कर और शीश झुकाकर सभी का अभिवादन किया। इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, ये प्रेम आत्मियता और विश्वास ही मुझे दिन-रात जनता की सेवा के लिए एक नई ऊर्जा प्रदान करता है। केन्द्रीय मंत्री मुरैना में एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे। जहां उन्होंने समर्थकों को संबोधित भी किया। उन्होंने किसानों की समस्याएं भी सुनीं।
मप्र लगातार कर रहा प्रगति
शिवराज सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश लगातार प्रगति और विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है। पहले भी प्रदेश में कई रिकॉर्ड बने थे और अब मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में भी लगातार कृषि और किसानों के हित में काम हो रहा है। शिवराज सिंह ने कहा कि मेरे पास कृषि और ग्रामीण विकास मंत्रालयों की जिम्मेदारी है। इसलिए कृषि हो या ग्रामीण विकास मध्यप्रदेश अद्भुत और अभूतपूर्व प्रगति करता रहेगा। वहीं शिवराज ने ग्वालियर में आम बजट के बारे में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बजट ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ का प्रतीक है।
बजट देश के 140 करोड़ लोगों के लिए
शिवराज सिंह ने कहा कि मेरे पास कृषि और ग्रामीण विकास मंत्रालयों की जिम्मेदारी है। इसलिए कृषि हो या ग्रामीण विकास मध्यप्रदेश अद्भुत और अभूतपूर्व प्रगति करता रहेगा। चौहान ने कृषि और ग्रामीण विकास के लिए रिकॉर्ड आवंटन पर खुशी जताई। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह बजट देश के 140 करोड़ लोगों के लिए है। इसमें समाज के हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। चौहान ने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कृषि और ग्रामीण विकास के लिए बजट में अब तक का सबसे बड़ा आवंटन किया गया है।
किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ने पर जताई खुशी
किसानों को अब 5 लाख रुपये तक का कर्ज सस्ती ब्याज दरों पर मिलेगा। पहले यह सीमा 3 लाख रुपये थी। इससे किसान खेती में अधिक निवेश कर सकेंगे। बागवानी जैसी फसलों की तरफ भी उनका रुझान बढ़ेगा। कृषि में विविधता आएगी। कम उत्पादकता वाले जिलों में उत्पादन बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे।