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पिता के अंतिम संस्कार को लेकर ऐसे झगड़े दो बेटे कि अबाक रह गए रिश्तेदार : मृतक के शरीर के दो टुकड़े करने की जिद पर अड़ा था बड़ा भाई

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टीकमगढ़। मप्र के बुंदेलखंड के टीकमगढ़ जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। दरअसल यहां पर पिता की मौत के बाद अंतिम संस्कार को लेकर दो भाइयों में विवाद हो गया है। यहीं नहीं, दोनों भाइयों में विवाद इतना बढ़ गया कि बड़े भाई ने पिता के शव के दो टुकड़े कर अंतिम संस्कार करने की भी बात कह डाली। यह दृश्य देख अंतिम संस्कार में शामिल होने आए रिश्तेदार भी अबाक रह गए। यह हैरान करने वाला मामला जतारा थाना क्षेत्र की ग्राम पंचायत ताल लिधौरा का है। जहां रविवार को 85 वर्षीय ध्यानी सिंह घोष का निधन हो गया था।

बड़ा बेटा जिद पर ऐसा अड़ा कि शव करीब 5 घंटे तक घर के बाहर जमीन पर पड़ा रहा। लोगों ने उसे समझाया भी कि ऐसा नहीं हो सकता। लेकिन वह जिद पर अड़ गया। इसके बाद इसकी जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर जब बड़े बेटे को समझाया तब कहीं जाकर ध्यानी सिंह घोष का अंतिम संस्कार हो पाया। जतारा थाना प्रभारी अरविंद सिंह दांगी ने बताया कि पिता के अंतिम संस्कार को लेकर दोनों बेटों के बीच विवाद हो गया था। मौके पर पहुंच कर रिश्तेदारों और परिजनों से पूरी जानकारी लेने के बाद छोटे बेटे दामोदर से अंतिम संस्कार कराया गया है। बड़े बेटे को सलाह दी गई है कि वह भी पिता के अंतिम संस्कार में सहयोग करें।

यह है पूरा मामला
ध्यानी सिंह के दो बेटे हैं। छोटा बेटा दामोदर सिंह और बड़ा बेटा किशन सिंह। छोटे बेटे दामोदर ने पिता की देखभाल की थी। पिता की मौत के बाद वह उनके अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहा था। तभी बड़ा बेटा किशन सिंह अपने परिवार के साथ वहां पहुंच गया और पिता के अंतिम संस्कार करने की जिद करने लगा। दामोदर ने इसका विरोध किया, क्योंकि किशन और उनके परिवार ने पिता की बीमारी के दौरान उनकी देखभाल नहीं की थी।

पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाया
स्थिति तब और भी गंभीर हो गई जब किशन ने पिता के शव के दो टुकड़े करने की बात कह दी। उसने भाई से कहा कि एक टुकड़े का अंतिम संस्कार तुम कर दो, एक टुकड़े का मैं कर दूंगा। परिजनों और रिश्तेदारों की समझाइश का कोई असर नहीं हुआ। इसके बाद ग्रामीणों ने पुलिस को विवाद की सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों से बात की। इसके बाद ग्रामीणों और परिजनों की राय के अनुसार छोटे बेटे दामोदर को अंतिम संस्कार करने की अनुमति दी।

मृतक के छोटे बेटे ने कही यह बात
मृतक के छोटे बेटे दामोदर घोष ने बताया कि अंतिम समय में पिता उनके पास थे। पिछले कई दिनों से वह उनका इलाज करा रहे थे। रविवार सुबह उनकी मृत्यु के बाद जब अंतिम संस्कार की तैयारी करने लगे तो किशन, रिंकू, वृंदावन और महिलाएं घर आ गए। गाली गलौज कर पिता का शव घर से बाहर सड़क पर रखने को कहा। किशन ने कहा की खेत पर मैं जलाऊंगा। न तो खुद पिता का अंतिम संस्कार कर रहे और न मुझे करने दे रहे थे। मृतक के नाती धर्मेंद्र सिंह घोष ने बताया कि दादा के अंतिम संस्कार के लिए ट्रैक्टर से लकड़ी लेकर खेत पर जा रहा था। इसी दौरान उसके चाचा और उनके बेटों ने मारपीट की। रिश्तेदारों ने बीच बचाव कराया। उसने बताया कि चाचा की मांग है कि दादा को काटकर दो हिस्से किए जाए।

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