भोपाल। लंबे इंतजार के बाद धनकुबेर आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और उसके साथ चेतन सिंह गौर को लोकायुक्त पुलिस ने मंगलावार को गिरफ्तार कर लिया है। लोकायुक्त पुलिस को सफलता छापेमारी के 41 दिन बाद मिली है। गिरफ्तारी के बाद सौरभ शर्मा और चेतन सिंह गौर को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से कोर्ट ने दोनों को 7 दिन यानि 4 फरवरी तक लोकायुक्त की रिमांड पर सौंप दिया।
इससे पहले लोकायुक्त आॅफिस में दोनों से करीब 5 घंटे तक पूछताछ की गई। इसके बाद कोर्ट में पेश किया गया। यहां से कोर्ट ने उन्हें सात दिन की रिमांड पर भेज दिया है। अब पूछताछ में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं। बता दें कि सौरभ एक दिन पहले सोमवार को अपने वकील के साथ लोकायुक्त कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचा था, तब कोर्ट ने उसे मंगलवार का समय दिया था। इधर, सौरभ का पार्टनर शरद जायसवाल भी मंगलवार दोपहर अपने वकील के साथ लोकायुक्त आॅफिस में बयान दर्ज कराने पहुंचा। बयान दर्ज करने के बाद शरद को भी हिरासत में ले लिया है। उससे भी पूछताछ की गई।
एजेंसियों को चकमा देकर सरेंडर करने कोर्ट पहुंचा था सौरभ
बता दें, सौरभ 41 दिन से फरार था। छापे वाले दिन 19 दिसंबर को वो दुबई में था। इसके 4 दिन बाद 23 दिसंबर को भारत लौट आया लेकिन, तलाश में जुटी लोकायुक्त, ईडी और आयकर की टीम उसे पकड़ नहीं सकी। तीनों एजेंसियों को चकमा देकर सौरभ सोमवार को अपने वकील राकेश पाराशर के साथ लोकायुक्त की विशेष अदालत में सरेंडर करने पहुंचा था। कोर्ट ने उसे मंगलवार 11 बजे हाजिर होने के आदेश दिए थे। लेकिन कोर्ट पहुंचने से पहले ही लोकायुक्त पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
इन तीन एजेंसियों ने मारे थे छापे
बता दें कि भोपाल में आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के यहां 9 दिन में तीन एजेंसियां ईडी, लोकायुक्त और आयकर विभाग ने छापे मारे थे। कार्रवाई के दौरान उसके पास 93 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी मिली। इनमें कार में मिला 52 किलो सोना और 11 करोड़ कैश भी शामिल है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 27 दिसंबर को सौरभ शर्मा और उसके सहयोगी चेतन सिंह गौर, शरद जायसवाल, रोहित तिवारी के ठिकानों पर छापे मारे थे। सौरभ के परिजन और दोस्तों के खातों में 4 करोड़ रुपए का बैंक बैलेंस पाया। इसके अलावा 23 करोड़ की संपत्ति भी जांच के दायरे में ईडी ने ली थी।