ग्वालियर। कांग्रेस 27 जनवरी से जय बापू, जय भीम, जय संविधान यात्रा निकालने जा रही है। जिसको लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जोरदार हमला बोला है। ग्वालियर के अटल सभागार में संविधान गौरव अभियान के अंतर्गत आयोजित महासंगोष्ठी को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस ने असली गांधी को भुला दिया और कांग्रेस के नेता नकली गांधी बन बैठे। जिन बाबा साहब अंबेडकर ने देश को संविधान दिया, धारा 370 लगाने जैसे कुत्सित विचार का विरोध किया, उन बाबा साहब की राह में कांटे बिछाने का काम कांग्रेस पार्टी ने किया।
सीएम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने लगातार बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर और उनके बनाए संविधान का अपमान किया। अब जब कांग्रेस पार्टी पूरे देश में खत्म हो रही है, उसके साथी उसे छोड़कर भाग रहे हैं, तब उसे बापू, बाबा साहेब और देश के संविधान की याद आ रही है। कांग्रेस पार्टी अब बापू, बाबा साहब और संविधान के नाम पर यात्रा निकाल रही है। कांग्रेस के नेताओं को तो इन तीनों के अपमान के लिए देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
कांग्रेस वोट पाने गांधी के नाम का करती है उपयोग
पं. नेहरू के व्यवहार के कारण बाबा साहब की आत्मा को जो कष्ट पहुंचा, उसके लिए कांग्रेस के नेताओं को माफी यात्रा निकालनी चाहिए। कांग्रेस के जिन नेताओं से पं. नेहरू की दुश्मनी थी, वो आजादी के बाद उनसे चुन-चुनकर हिसाब चुकता करते रहे। कांग्रेस गांधी के नाम का उपयोग सिर्फ वोट पाने के लिए करती है। कांग्रेस अपनी बंद दुकान को चमकाने के लिए बाबा साहब के नाम पर यात्रा निकालने का ढोंग कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने देश-विदेश में मध्यप्रदेश को गौरवान्वित करने वाले अनुसूचित जाति की प्रतिभाओं का सम्मान किया।
बाबा साहब से दुश्मनी निकालती रहीं कांग्रेस की चार पीढ़ियां
मुख्यमंत्री ने कहा कि पं. नेहरू ने अपनी संकुचित सोच के चलते बाबा साहब डॉ. अंबेडकर को आगे नहीं बढ़ने दिया। योग्यता, क्षमता और सिद्धांतों के आधार पर बाबा साहब को मंत्रिमंडल में स्थान दिया जाना था, लेकिन कांग्रेस के नेताओं ने ऐसा नहीं किया। पं. नेहरू ने अपनी हीनभावना के चलते बाबा साहब को चुनाव नहीं जीतने दिया। उनका सम्मान करना तो दूर, कांग्रेस की सरकार ने उस व्यक्ति को पद्भविभूषण से सम्मानित किया, जिसने बाबा साहब को चुनाव हराया था।
बाबा साहब के नाम यात्रा निकालने का ढोंग कर रही कांग्रेस
कांग्रेस के नेताओं ने देश का संविधान बनाने में डॉ. अंबेडकर के योगदान को देखते हुए भी उनकी एक फोटो तक लगाना ठीक नहीं समझा। उनके स्मारक बनाने या उनकी स्मृतियों को संजोने के लिए कुछ नहीं किया। अब जब कांग्रेस की जमीन सिकुड़ती जा रही है, तो कांग्रेस पार्टी जमीन से जुड़ने के लिए बाबा साहब के नाम पर यात्रा निकालने का ढोंग कर रही है। लेकिन देश और प्रदेश की जनता सब जानती है। जनता की आंखों में धूल झोंकने की कांग्रेस की यह कोशिश कभी कामयाब नहीं होगी।
हमारी संस्कृति समरसता की
CM ने कहा कि हमारी संस्कृति समरसता की रही है और जब-जब किसी ने हमारे देश पर, भारत की आत्मा पर प्रहार करने की कोशिश की है, तब देश ने उसका जवाब दिया है और उन चुनौतियों के बीच से ही रास्ता निकाला है। हमारी संस्कृति समरसता की है और उसकी विशेषता है कि वह हमें एक-दूसरे से जोड़ती है, नजदीक लाती है। आजादी के पहले कांग्रेस कुछ और थी, लेकिन आजादी के बाद कांग्रेस पार्टी का व्यवहार बदल गया और उसने अपने ही नेताओं को भुला दिया।
कांग्रेस ने संकुचित सोच के चलते इन नेताओं को भुलाया
देश की आजादी में महात्मा गांधी के योगदान को कांग्रेस के नेताओं ने भुला दिया। आज पता नहीं बापू का असली परिवार कहां है। लेकिन कांग्रेस के नेता नकली गांधी बन बैठे। इन्हें पता है कि गांधी नाम से वोट मिलते हैं, इसलिए ये उसे छोड़ना नहीं चाहते। पं. मदनमोहन मालवीय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की और एक गुरुकुल के रूप में इस संस्थान का सनातन संस्कृति में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। लेकिन कांग्रेस ने पं. मालवीय को भी भुला दिया। उन्होंने बाल गंगाधर तिलक को भुला दिया, नेताजी सुभाषचंद्र बोस को भुला दिया। अपनी संकुचित सोच के चलते कांग्रेस के नेताओं ने सरदार वल्लभभाई पटेल को भुला दिया।