नीमच। नीमच जिले में मादक पदार्थ तस्करी (एनडीपीएस) के मामले में जांच करने पहुंची पुलिस टीम को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। यही नहीं ग्रामीणों ने पुलिस की टीम को करीब 7 घंटे तक बंधक बनाए रखा। घटना बुधवार की है। बताया जा रहा है कि बंधक पुलिस टीम को छुड़ाने मौके पर पहुंचे अतिरिक्त बल ने उन्हें निकालने की कोशिश की तो ग्रामीणों ने विरोध करते हुए टीम पर पथराव शुरू कर दिया और जेसीबी से गाड़ियों का रास्ता रोक लिया। जिसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए बल प्रयोग किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। तब कहीं जाकर वह ग्रामीणों के चंगुल से बाहर निकल सके। ग्रामीणों के पथवरा में कुछ पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं। ये मामला जिले के मनासा थाना क्षेत्र के चौकड़ी गांव का है।
ग्रामीणों का कहना है पुलिस ने 30 किलो डोडाचूरा की जगह 60 किलो डोडाचूरा का फर्जी केस बनाया है। झूठा केस दर्ज करने का विरोध कर रहे ग्रामीण एसपी अंकित जायसवाल को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़ गए। सूचना पर मनासा विधायक अनिरुद्ध मारू और पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे, उन्होंने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। मनासा विधायक अनिरुद्ध माधव मारू ने करीब एक से डेढ़ घंटे तक ग्रामीणों को समझाया। लेकिन जब वे नहीं माने तो विधायक भी मौके से रवाना हो गए।
पथराव में कई पुलिसकर्मी घायल
एएसपी नवल सिंह सिसोदिया ने बताया कि गाड़ियों को निकालने के दौरान ग्रामीणों ने विवाद किया और कानून व्यवस्था बिगाड़ने का प्रयास किया। ग्रामीणों ने पथराव किया। इस दौरान पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए आंसू गैस गोले के करीब 10-12 राउंड छोड़े हैं। ग्रामीणों के पथराव में कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनका मेडिकल करवाया जा रहा है। कानून व्यवस्था बिगड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले पुलिस के आला अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाया, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे।
तस्करी मामले में जांच करने पहुंची थी टीम
बताया जा रहा है कि बुधवार शाम करीब 4 बजे पुलिस यहां तस्करी मामले में जांच के लिए पहुंची थी। जिसे ग्रामीणों ने घेर लिया। लोगों ने पुलिस वाहनों के सामने जेसीबी खड़ी कर दी। बाद में सूचना पर मौके पर आला अधिकारी पहुंचे थे। ग्रामीणों का आरोप है कि जिस युवक को पकड़ा गया था, उसके पास 30 किलो अवैध मादक पदार्थ था, लेकिन पुलिस ने उसकी मात्रा बढ़ाकर 54 किलो कर दिया। ग्रामीणों का ये भी आरोप है कि पुलिस झूठे मामलों में फंसा रही है। मादक पदार्थ तस्करी के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है। ग्रामीण मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। दरअसल, जिले की सिंगोली थाना पुलिस ने सोमवार की रात झांतला गांव के पास से चौकड़ी गांव के नीलेश (उम्र 24 वर्ष) पिता श्यामलाल को 54.3 किलोग्राम डोडाचूरा के साथ गिरफ्तार किया था। इसी मामले में आगे की जांच के लिए पुलिस की टीम आरोपी को लेकर चौकड़ी गांव पहुंची थी।
तीन गाड़ियों के साथ नीलेश को लेकर गांव पहुंची थी पुलिस
पुलिस के अनुसार मंगलवार शाम 4 बजे सिंगोली थाना पुलिस की टीम तीन गाड़ियों के साथ आरोपी नीलेश को लेकर मनासा थाना क्षेत्र के चौकड़ी गांव पहुंची थी। पुलिस टीम के गांव में पहुंचने की सूचना पर ग्रामीण मौके पर एकत्रित हो गए। उन्होंने पुलिस के वाहनों को घेरना शुरू किया। इसी बीच पुलिस की एक गाड़ी मौका पाकर आरोपी को लेकर मौके से रवाना हो गई, लेकिन दो गाड़ियां घिर गई। इन गाड़ियों में सिंगोली थाना प्रभारी उमेश यादव समेत लगभग 12 पुलिसकर्मी सवार थे। ग्रामीणों ने पुलिस की गाड़ियों के आगे जेसीबी लगा दी और गांव के रास्ते भी बंद कर दिए। वे लगातार एसपी अंकित जायसवाल को मौके पर बुलाने की मांग कर रहे थे।
आला अधिकारी और विधायक मौके पर पहुंचे
हंगामे की जानकारी मिलने के बाद एएसपी नवलसिंह सिसोदिया, एसडीओपी विमलेश उइके और आसपास के थाना क्षेत्रों का पुलिस बल मौके पर पहुंचा। इधर, मनासा विधानसभा क्षेत्र के विधायक माधव अनिरुद्ध मारू भी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन, ग्रामीणों ने पथराव शुरू कर दिया, स्थिति बिगड़ते देख पुलिस की टीम ने रात करीब 10:30 बजे बल प्रयोग कर आंसू गैस के गोले छोड़े और गाड़ियों को ग्रामीणों के चंगुल से निकालकर वहां से रवाना हुए।