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मप्र में खुलेंगे 11 नए आयुर्वेदिक कॉलेज, सीएम का ऐलान: खुद का उदाहरण देकर बताया, आयुर्वेदिक दवा कैसे करती है असर

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भोपाल। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को राजधानी भोपाल स्थित पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेदिक संस्थान में 21वें आयुर्वेद पर्व-2025 के तहत राष्ट्रीय सेमिनार के उद्घाटन-सत्र को संबोधित किया। यह आयुर्वेद पर्व तीन दिनों तक चलेगा। सीएम ने आरोग्य मेले का भी उद्घाटन किया। वहीं उनहोंने आयुर्वेद क्षेत्र के कर्मठ और निष्णात वैद्यों को सम्मानित किया और मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित व्याख्याताओं को नियुक्ति-पत्र प्रदान किए। सीएम ने प्रदेश में 11 आयुर्वेदिक कॉलेज खोलने का भी ऐलान किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम ने आयुर्वेदिक दवाई का लेकर बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि आयुर्वेद की दवाई देर से असर करती है लेकिन मुझे आयुर्वेद की दवाई ने तेजी से असर किया, मैं शिक्षा मंत्री से मुख्यमंत्री बन गया। सीएम ने आगे कहा कि एमपी की धरती पर 2028 को महाकुंभ होने जा रहा है। हमारी आस्था विश्वास रखने वालों का पलक पावड़े बिछा कर 2028 का इंतजार करेगी। 2028 कुंभ में आयुर्वेद पर्व का आयोजन करेंगे।

आयुर्वेद बेहतन जीवन का जीने का प्रमाणिक मार्ग
सीएम ने कहा है कि आयुर्वेद के माध्यम से ही सौ वर्ष जीने के लक्ष्य को साकार कर जीवते शरद: शतम के भाव को सिद्ध किया जा सकता है। आयुर्वेद, आयु की प्रत्येक अवस्था में बेहतर जीवन जीने का प्रमाणिक मार्ग है। परमात्मा ने प्रकृति में ही हर व्याधि के लिए औषधि दी है, इस तथ्य का सर्वाधिक ज्ञान और उसे व्यवहार में लाने की क्षमता आयुर्वेद में नीहित है। वनस्पतियों की जानकारी और योग की क्षमता से व्यक्ति स्वस्थ रहने के मार्ग का अनुसरण कर सकता है। आयुर्वेद हजारों साल पुरानी परंपरा है, संपूर्ण विश्व इसका अनुसरण करने के लिए तत्पर है और भारत आयुर्वेद की विधा का राजदूत है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय ज्ञान परंपरा की इस विधा को वैश्विक स्तर पर विस्तार देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

प्रदेश में 11 आयुर्वेदिक कॉलेज आरंभ किए जाएंगे
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में 11 आयुर्वेदिक कॉलेज आरंभ किए जाएंगे। नई शिक्षा नीति के प्रावधान अनुसार विश्वविद्यालयों को आयुर्वेदिक, मेडिकल सहित अन्य सभी प्रकार के कोर्स संचालित करने की अनुमति राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गई है। आयुर्वेद में पैरामेडिकल, नर्सिंग आदि कोर्सेज चलाने की व्यवस्था की जाएगी। आयुष से संबंधित क्लीनिक और नर्सिंग होम पंजीयन का कार्य आयुष विभाग को सौंपा जाएगा।

आयुष में भी सेवानिवृत्ति की आयु की जाएगी 65 वष्ज्ञ्र
स्वास्थ्य विभाग के समान आयुष में भी सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष की जाएगी। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान उज्जैन में आरंभ किया जाएगा। आयुष विभाग की क्रय नीति में आवश्यक संशोधन कर उसे सरल बनाया जाएगा। प्रदेश में आयुर्वेदिक उत्पादों की इकाई स्थापित करने पर राज्य शासन की ओर से सहयोग प्रदान किया जाएगा। उज्जैन में सिंहस्थ के लिए आयुर्वेदिक संस्थानों को भी स्थाई निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। उज्जैन में अंतरराष्ट्रीय वैदिक न्यायालय स्थापित करने में राज्य शासन की ओर से सहयोग प्रदान किया जाएगा। यूनानी चिकित्सा पद्धति की पढ़ाई हिंदी में भी करने की व्यवस्था होगी।

आयुर्वेद को समझना है तो पहले भारत को समझे
वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार बोले, अगर आयुर्वेद को समझना है, तो पहले भारत को समझना होगा। हमें आयुर्वेद को फिर से दुनिया के सामने स्थापित करना है। यह महासम्मेलन केवल भारत के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए है। हम इसका खोया हुआ गौरव वापस लाने का काम करेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी कहती है कि आयुर्वेद में रिसर्च की आवश्यकता है। हमने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। इस महाविद्यालय का हमने पतंजलि एम्स, भोपाल और मैनिट के साथ शोध का कार्य शुरू किया है। इस महाविद्यालय में ई-लाइब्रेरी बनाने का काम भी शुरू किया गया है। सिकल सेल पर भी शोध कार्य जारी है। हमें विश्वास है कि इस क्षेत्र में हम बेहतर परिणाम दे पाएंगे।

यह बोले विधायक सबनानी
वहीं विधायक भगवान दास सबनानी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने आयुर्वेद में उल्लेखित औषधियों के आधार पर स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए विकसित देशों के लोगों को भी प्रेरित किया है। पद्मश्री एवं पद्म भूषण श्री देवेंद्र त्रिगुणा ने प्रदेश में पचमढ़ी और उज्जैन जैसे स्थानों पर आयुर्वेद, योग, पंचकर्म, आदि के केंद्र विकसित करने का सुझाव रखा। वैद्य मनोज नेसरी ने आयुष को तकनीक से जोड़ने की दिशा में पहल करने की आवश्यकता बताई। महर्षि वैदिक विश्वविद्यालय के निदेशक डॉ.गिरीश चंद्र वर्मा ने शाला से उच्च शिक्षा स्तर तक के विद्यार्थियों को स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करने के लिए आवश्यक व्यवस्था विकसित करने का सुझाव दिया।

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