नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव दिन-प्रतिदिन रोचक होता जा रहा है। ऐसा इसलिए की दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार नई-नई पार्टियां किस्मत आजमा रही हैं। भाजपा-आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बाद सबसे पहले चन्द्रशेखर आजाद की पार्टी समाज पार्टी (कांशी राम) की एंट्री हुई। चन्द्रशेखर आजाद ने दिल्ली की पांच विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे। इसके बाद अब दिल्ली विधानसभा चुनाव में एनसीपी अजित पवार गुट ने दस्तक दे दी है। एनसीपी ने शुक्रवार को 30 उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी है। इतना ही नहीं, अकेले ही मैदान उतरने का भी फैसला किया है। यहां पर सबसे बड़ी बात यह है कि अजीत पवार की महाराष्ट्र महायुति के साथ है। इसके बावजूद अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
एनसीपी ने नई दिल्ली, कालकालजी और करावल नगर जैसी सीटों पर भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं। नई दिल्ली सीट से विश्वनाथ अग्रवाल, कालकाजी से जमील और करावल नगर सीट से संजय मिश्रा को मैदान में टिकट दिया गया है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए एनसीपी की लिस्ट:
- बुराड़ी – रतन त्यागी
- बादली – मुलायम सिंह
- रिठाला – लाखन प्रजापति
- मंगोल पुरी (एससी) – खेम चंद बसवाल
- शालीमार बाग – मो. उस्मान
- चांदनी चौक – खालिद उर रहमान
- मटिया महल – मो. जावेद
- बल्ली मारन – मो. हारून
- मोती नगर – सदरे आलम
- मादीपुर (एससी) – हरीश कुमार
- हरि नगर – शब्बीर खान
- जनकपुरी – मो. नवीन
- विकासपुरी – हामिद
- नई दिल्ली – विश्वनाथ अग्रवाल
- कस्तूरबा नगर – सुरेंद्र सिंह हुडडा
- मालवीय नगर – मो. समीर
- छतरपुर – नरेन्द्र तंवर
- देवली (अ.जा.) – खेम चंद राजोरा
- संगम विहार – कमर अहमद
- कालकाजी – जमील
- तुगलकाबाद – प्रेम खटाना
- बदरपुर – इमरान सैफी
- लक्ष्मी नगर – दानिश अली
- कृष्णा नगर – राजेंद्र पाल
- शाहदरा – राजेश लोहिया
- सीमा पुरी (एससी) – अभिषेक
- रोहतास नगर – महक डोगरा
- घोंडा – जगदीश भगत
- गोकलपुर (अ.जा.) – जगदीश भगत
- करावल नगर – संजय मिश्रा
बता दें कि अजित पवार की पार्टी एनसीपी महाराष्ट्र में बीजेपी गठबंधन वाली सरकार की सहयोगी है। वह खुद महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री भी हैं, लेकिन उन्होंने दिल्ली में बीजेपी से गठबंधन नहीं किया है। अकेले चुनाव लड़ने का फैसला माना जा रहा है कि अजित पवार ने इसलिए लिया है, ताकि एनसीपी दिल्ली में अपनी मौजूदगी कायम कर सके। जुलाई 2023 में एनसीपी के अजित पवार और शरद पवार गुटों में विभाजित होने के बाद से यह दिल्ली में पार्टी का पहला चुनाव होगा। यहां आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस का प्रभुत्व है, जहां मुकाबला त्रिकोणीय रहने की संभावना है।