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प्रयागराज महाकुंभ: सनातन संस्कृति की दिव्य अनुभूति के महापर्व की शुरुआत कल से, आकर्षण का केन्द्र रहेगा मप्र का एकात्म धाम

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भोपाल। तीर्थनगरी प्रयागराज में कल 13 जनवरी से सनातन संस्कृति की दिव्य अनुभूति के महापर्व महाकुंभ की शुरूआत होने जा रही है। खास बात यह है कि मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में स्थित एकात्म धाम भी महाकुंभ में आकर्षण का केन्द्र रहेगा। दरअसल प्रयागराज के पावन संगम तट पर आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास, मध्यप्रदेश द्वारा अद्वैत वेदान्त दर्शन के लोकव्यापीकरण एवं सार्वभौमिक एकात्मता की संकल्पना के उद्देश्य से एक माह 12 जनवरी से 12 फरवरी 2025 तक एकात्म धाम शिविर आयोजित किया जाएगा। यह शिविर सेक्टर-18, हरिश्चन्द्र मार्ग, महाकुम्भ क्षेत्र, झूंसी, प्रयागराज आयोजित किया जाएगा।

अद्वैत एवं शांति विषय पर आयोजित विमर्श सभा में शामिल होंगे पद्मविभूषण श्री श्री रविशंकर, अद्वैत एवं पर्यावरण सत्र में एरिक सोहेम (नार्वे) होंगे शामिल।  एकात्म धाम शिविर में प्रतिदिन अद्वैत वेदान्त पर केन्द्रित संवाद, श्रवण, मनन, निधिध्यासन द्वारा ध्यान, शास्त्रार्थ सभा, संत समागम, शंकर संगीत एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम, वैदिक अनुष्ठान एवं भाष्य पारायण, एकात्म धाम प्रकल्प पर केन्द्रित प्रदर्शनी, अद्वैतामृतम्, विमर्श सभा, पुस्तक प्रदर्शनी भी आकर्षण का केंद्र होगी।

पहली बार प्रयागराज महाकुम्भ में आएंगे श्रृंगेरी शंकराचार्य
दशनामी संन्यास परम्परा के लाखों साधु-संत, संन्यासी, आचार्य महामंडलेश्वर, महंत सहित आर्ष परंपरा के मनीषी महाकुम्भ में सम्मिलित होते हैं। यह सुखद संयोग है कि इस बार महाकुम्भ में पहली बार श्रृंगेरी शंकराचार्य श्री श्री विधुशेखर भारती सन्निधानम् आएंगे, वे एकात्म धाम द्वारा 25 एवं 26 जनवरी को शास्त्रार्थ सभा एवं 27 जनवरी को संत-समागम की अध्यक्षता करेंगे। शास्त्रार्थ सभा में देश-दुनिया के प्रमुख विद्वान आएंगे जो आत्मा, जगत जैसे मनुष्य के जिज्ञास्य विषयों पर चिंतन की अनेक धाराओं के अनुसार विवेचना करेंगे।

शास्त्रार्थ सभा में यह विद्वान होंगे शामिल
शास्त्रार्थ चिंतन के मूल्यांकन की विशेष विधि है जिसमें विषय को प्रस्तुत किया जाता है और विद्वत परिषद वाद, जल्प और वितण्डा के रूप में समालोचनात्मक पद्धति से विचार करती है। शास्त्रार्थ सभा में प्रो. राजाराम शुक्ल (वाराणसी), प्रो. मणि द्रविड़ शास्त्री (चेन्नई), प्रो. श्रीहरि शिवराम धायगुड़े (तिरुपति) सहित अनेक विद्वान शामिल होंगे। संत समागम में श्रृंगेरी शंकराचार्य के साथ द्वारिका शंकराचार्य श्री श्री सदानंद सरस्वती, जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि महाराज सहित हजारों साधु संत शामिल होंगे।

विमर्श सभा में देश- दुनिया के विद्वान 5 प्रमुख विषयों पर अद्वैत दर्शन की प्रासंगिकता पर विमर्श करेंगे। 28 जनवरी को अद्वैत एवं पर्यावरण विषय पर संयुक्त राष्ट्र संघ के पूर्व कार्यकारी निदेशक (पर्यावरण) एवं एकात्म धाम के एम्बेंसडर एरिक सोहेम, परमार्थ निकेतन के प्रमुख स्वामी चिदानंद मुनि, पद्मभूषण अनिल जोशी, 31 जनवरी को अद्वैत एवं विकास विषय पर नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार, एरिक सोहेम, 2 फरवरी को अद्वैत एवं शांति विषय पर आर्ट आॅफ लिविंग के संस्थापक पद्मविभूषण श्री श्री रविशंकर, 4 फरवरी को अद्वैत एवं संस्कृति एवं 5 फरवरी को अद्वैत एवं विज्ञान विषय पर आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. कामकोटि, रामकृष्ण मिशन के स्वामी आत्मप्रियानंद, प्रो. मृत्युंजय गुहा सहित अनेक विषय विशेषज्ञ सम्मिलित होंगे।

12 से 17 जनवरी तक आनंदमूर्ति गुरू मां के होंगे प्रवचन
शिविर में 12 से 17 जनवरी तक आनंदमूर्ति गुरू मां आचार्य शंकर विरचित दृग्दृश्यविवेक, 25 से 27 जनवरी तक स्वामी परमात्मानंद सरस्वती कठोपनिषद, 6 फरवरी को स्वामिनी विमलानंद सरस्वती एवं 7 फरवरी को स्वामी मित्रानंद सरस्वती आचार्य शंकर के जीवन दर्शन पर संवाद करेंगे। 6-7 फरवरी को ही शाम 6 बजे से अभिनेता नीतिश भारद्वाज एवं कोरियोग्राफर मैत्रेयी पहाड़ी शंकर गाथा की प्रस्तुति देंगी। दिनांक 8 से 12 फरवरी तक राम जन्म भूमि न्यास के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविन्द देव गिरि प्रतिदिन शंकरो लोकशंकर: आचार्य शंकर के जीवन प्रसंग पर कथा करेंगे।

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