भोपाल। राजधानी भोपाल से सटे मेंडोरी के जंगल में 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए कैश मिलने के बाद मप्र की सियासत गरमाई हुई है। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष मप्र सरकार पर हमलावर है। कल शनिवार को पीसीसी जीतू पटवारी ने सरकार पर बड़ा हमला बोला था। अब रविवार के विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने पीसी कर मोहन सरकार को घेरा है। इस दौरान उन्होंने पीम नरेन्द्र को मोदी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि काला धन वापस लाने का वादा किया गया था, लेकिन सोने के रूप में पीला धन वापस आया है।
मीडिया को संबोधित करते हुए हेमंत कटारे ने कहा कि बीते दिनों राजधानी भोपाल में आयकर विभाग और लोकायुक्त द्वारा की गई कार्यवाहियों में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इन कार्यवाहियों में प्रमुखता से राजेश शर्मा और पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस का गठजोड़ उजागर हुआ है। कई बेनामी संपत्तियों और संदिग्ध वित्तीय व्यापारिक संबंधों का खुलासा हुआ है, जिनकी जानकारी सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध तथ्यों से स्पष्ट होती है।
वर्तमान में व्यवस्था को चलाने वाला दूसरा सौरभ कौन है
उपनेता प्रतिपक्ष ने कहा कि एक सौरभ शर्मा का सच तो सामने आ गया, लेकिन वर्तमान में व्यवस्था को चलाने वाला दूसरा सौरभ कौन है। उसका सच कब सामने आएगा? उन्होंने वर्तमान परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह को घेरते हुए कहा कि इस मामले में उनके स्टाफ की संलिप्तता की भी जांच होनी चाहिए। क्योंकि मेरे सूत्रों द्वारा यह जानकारी उपलब्ध कराई गई है कि आज भी कुछ परिवहन नाकों को गौरव पाराशर नाम से संचालित कर रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व और वर्तमान मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और परिजनों की सम्मति की जांच कब शुरू होगी?।
पहले नोट गिनने की मशीन और अब तराजू बुलाए जा रहे
आयकर विभाग ने जो कार्यवाही की है, उसमें करोड़ों की अघोषित संपत्तियां और धनराशि का पता चला है। यह स्थिति न केवल चिंताजनक है, बल्कि यह भी दर्शातीं है कि राज्य के उच्च पदों पर बैठे लोग किस प्रकार भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। कटारे ने तंज कसते हुए कहा कि पहले नोट गिनने की मशीन बुलाई जाती थी, अब तराजू बुलाए जा रहे हैं।
सारे डाक्यूमेंट दूंगा जांच एजेंसी और इनकम टैक्स को
हेमंत कटारे ने कहा कि गठजोड़ स्पष्ट है। नाम से प्रापर्टी हैं। इकबाल सिंह बेस की संपत्ति की जांच होना चाहिए। पूरे कागजात इनकम टैक्स समेत जांच एजेंसी को दूंगा। राजेश शर्मा के यहां रेड के बाद ही सौरभ पर शिकंजा कसा गया है। वहां से तथ्य मिले। यह भी संभव है। दो पूर्व परिवहन मंत्री समेत वर्तमान मंत्री भी मामले में संलिप्त हैं। आज भी परिवहन विभाग की वसूली जारी हैह्ण।
प्रशासनिक तंत्र की ईमानदारी पर खड़ा हो रहा प्रश्न चिन्ह
इसके अतिरिक्त, परिवहन विभाग के आरक्षक सौरभ शर्मा के यहां लोकायुक्त और आयकर विभाग द्वारा की गई संयुक्त कार्यवाही में 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति और नकदी जप्त की गई है। इस कार्यवाही में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है, जो प्रदेश में प्रशासनिक तंत्र की पारदर्शिता और ईमानदारी पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।
घोटाले में इतने बड़े नाम की हिल जाएगी सरकार
उपनेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि इसमें इतने बड़े-बड़े नाम हैं कि सरकार हिलेगी और गिरेगी। इसलिए सभी सीसीटीवी को सुरक्षित रखा जाए। परिवहन विभाग ऐसा विभाग है, जहां कोई प्रमोशन नहीं चाहता। 2011 से प्रमोशन नहीं किया गया। पत्र तक लिखे गए, क्यों।। क्योंकि उसी स्तर पर भ्रष्टाचार जारी रह सके। मैं पीएमओ में भी मामले की शिकायत करूंगा। सौरभ शर्मा आज भी दो-दो टोल नाका चला रहा है। हो सकता हैं कि इन्हें दुबई भगाया ।