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राजा भोज की नगरी में गीता पाठ का ऐतिहासिक आयोजन, दर्ज हुआ गिनीज आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में: यह बोले गदगद मोहन

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भोपाल। गीता जयंती पर राजधानी भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में बुधवार को गीता पाठ का आयोजन किया गया। यही नहीं 5 हजार से ज्यादा आचार्य बटुक और महिलाओं ने एक साथ गीता का पाठ कर वर्ल्ड रिकार्ड भी बनाया। जो गिनीज बुक में दर्ज हो गया। गीता पाठ कार्यकम के दौरान मंच पर मौजूद रहे मुख्यमंत्री मोहन यादव को गिनीज आॅफ वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट सौंपा गया।

वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम सीएम संस्कृति विभाग के माध्यम से सरकार ने गीता जयंती पर यह भव्य आयोजन किया गया। जिसमें 5 हजार विद्यार्थियों ने यहां गीता पाठ का भव्य आयोजन किया। जो खुशी का विषय है। वहीं उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण के आशीर्वाद से धन्य भूमि मध्य प्रदेश में गीता जयंती के पावन पर्व के अवसर पर “गीता पाठ का गिनीज विश्व रिकॉर्ड” बना। सीएम ने गीता जयंती के अवसर पर वर्ल्ड रिकॉर्ड वाले आयोजन के लिए संस्कृति मंत्रालय के साथ ही सभी को बधाई दी।

भगवान श्रीकृष्ण ने समूचे समाज को दी प्रेरणा
सीएम ने कहा, राजा भोज की नगरी भोपाल में आज स्वर्ग के समान दृश्य उपस्थित हो गया है। हमारी सरकार जनकल्याण के मार्ग पर चल रही है। पवित्र ग्रंथ गीता के अध्ययन से हर समस्या का समाधान होगा। धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म से लेकर मृत्यु तक अपनी लीलाओं और आदर्शों के माध्यम से समूचे समाज को प्रेरणा दी है। भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और पवित्र धर्मग्रंथ “गीता” की शिक्षा से प्रदेशवासियों के जीवन को आलोकित करने और सनातन संस्कृति से जोड़ने के लिए गीता जयंती पर बड़े स्तर पर गीता पाठ किया जा रहा है।

साधो बैंड मुंबई द्वारा दी गई सुरमई प्रस्तुति
राज्य स्तरीय कार्यक्रम के दौरान श्रीमदभगवद पुराण और गौ एवं गोपाल चित्र प्रदर्शनी का संयोजन किया जाएगा। साथ ही साधो बैंड मुंबई के द्वारा भक्तिमय गीतों की सुरमई प्रस्तुति दी जाएगी। विशेष रूप से मध्य प्रदेश में आ रहे पर्यटकों और आगंतुकों को गीता की महिमा से अवगत कराने के लिए प्रदेश के होटलों में श्रीमद्भगवद्गीता, वाल्मीकि रामायण और रामचरित मानस की एक-एक प्रति रखने की पहल भी की जाएगी।

शुक्ल पक्ष एकादशी को मनाई जाती है गीता जयंती
बता दें कि मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन एकादशी पर गीता जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस तिथि पर मोक्षदा एकादशी व्रत भी किया जाता है। पंचांग के अनुसार 11 दिसंबर को गीता जयंती है। भगवान श्रीकृष्ण द्वारा 5 हजार वर्ष पहले कौरव-पांडवों के युद्ध के बीच अर्जुन को कर्मवाद की शिक्षा प्रदान करने से धर्मग्रंथ “गीता” की रचना हुई।

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