नई दिल्ली। भारतीय विमान सेवा से जुड़ी एक बड़ी खबर है। दरअसल एयरलाइन विस्तारा आज सोमवार को आखिरी बार उड़ान भरेगी और कल मंगलवार को इसका मर्जर एयर इंडिया में हो जाएगा। कुल मिलाकर एयरलाइन विस्तारा की कमान एयर इंडिया के हाथों में रहेगी। बता दें कि एयरलाइन विस्तारा का संचालन अब तक टाटा ग्रुप और सिंगापुर एयरलाइंस संयुक्त रूप से कर रहे थे।अब एयर इंडिया के साथ विलय के बाद नई इकाई में भी सिंगापुर एयरलाइन की 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। विस्तारा की शुरूआत जनवरी 2015 में हुई थी। एयरलाइन में सिंगापुर एयरलाइंस की 49 प्रतिशत और टाटा समूह की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
एयर इंडिया में विलय के बाद विस्तारा एयरलाइन के फ्लाइट कोड के आगे ‘2’ जुड़ जाएगी। वहीं मर्जर के बाद पहले महीने में विस्तारा टिकट वाले 1,15,000 से ज्यादा यात्री एयर इंडिया की फ्लाइट्स में यात्रा करेंगी. कंपनी की ओर से कहा गया है कि यात्रियों को विस्तारा जैसा ही अनुभव होगा। एयर इंडिया ने घोषणा की है कि विस्तारा के जैसा ही उत्पाद और सेवा अनुभव लोगों को आगे भी उपलब्ध रहेगा। बदलाव में मदद के लिए हवाई अड्डों पर हेल्प डेस्क कियोस्क स्थापित किए जाएंगे। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर लगी साइनेज और सूचना यात्रियों को सही चेक-इन डेस्क तक ले जाएगी। विस्तारा संपर्क केंद्र निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए एयर इंडिया के प्रतिनिधियों को कॉल पुनर्निर्देशित करेगा। विस्तारा के लॉयल्टी सदस्यों को एयर इंडिया कार्यक्रम में स्थानांतरित किया जाएगा।
2022 में किया गया था मर्जर का ऐलान
एयर इंडिया-विस्तारा मर्जर का ऐलान 29 नवंबर, 2022 को किया गया था और इसकी डेडलाइन 12 नवंबर तय की गई थी, जो कि कल है. खास बात ये है कि दोनों एयरलाइंस के मर्जर के बाद सिंगापुर एयरलाइंस, एयर इंडिया में 3195 करोड़ रुपये का अतिरिक्त इन्वेस्टमेंट करेगी, जिसके चलते उसकी एयर इंडिया में 25.1 फीसदी हिस्सेदारी हो जाएगी. बता दें कि पिछले कुछ सालों में किंगफिशर और एयर सहारा जैसी एयरलाइन्स, जिन्हें जेटलाइट के नाम से जाना जाता है, ने अपना परिचालन बंद कर दिया है। 25 साल तक परिचालन करने वाली जेट एयरवेज को वित्तीय समस्याओं के कारण अप्रैल 2019 में ग्राउंडेड कर दिया गया था और अब इसे बंद करने की तैयारी है।
कैसे हुई थी विस्तारा एयरलाइन की शुरूआत?
वर्ष 2012 में जब मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने विदेशी एयरलाइनों को घरेलू एयरलाइन में 49% तक की हिस्सेदारी हासिल करने की अनुमति दी, तो इससे जेट एयरवेज को खाड़ी एयरलाइन एतिहाद से 24% हिस्सेदारी हासिल हुई थी। उसी दौरान टाटा समूह के नेतृत्व में एयरएशिया इंडिया और विस्तारा का भी उदय हुआ। विस्तारा पिछले एक दशक में भारतीय आसमान में परिचालन शुरू करने वाली एकमात्र पूर्ण-सेवा एयरलाइन थी।