झारखण्ड। झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 43 सीटों पर 13 नवंबर को मतदान होगा। ऐसे में कल सोमवार को चुनावी शोर थम जाएगा। इससे पहले राजनीतिक पार्टियों के शीर्ष नेता अपनी-अपनी पार्टियों के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी रविवार को झारखंड में ताबड़तोड़ चुनावी सभाएं की। उन्होंने दुमका जिले की पोरैयाहाट विधानसभा के सरैयाहाट तथा देवघर जिले की सारद और मोहनपुर विधानसभाओं में जनसभा को संबोधित किया। यहां से सीएम मोहन ने जहां कांग्रेस और जेएमएम पर तीखा वार किया। वहीं उन्होंने यह भी कहा की भाजपा को बांग्लादेशी घुसपैठियों के वोट नहीं चाहिए।
सीएम मोहन ने चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि मैं डंके की चोट पर कह रहा हूं कि भाजपा को बांग्लादेश घुसपैठियों के वोट नहीं चाहिए। ये घुसपैठिए या तो जेल भेजे जाएं या फिर वापस बांग्लादेश की सीमा में चले जाएं, यही भाजपा का संकल्प है। उन्होंने जनता से अपील की कि ये चुनाव बहुत जिम्मेदारी का चुनाव हैं। आपने देखा है कि किस तरह कंस के रास्ते पर चल रहे कांग्रेस और हेमंत सोरेन जैसे लोग सत्ता पर कब्जा करके बैठ गए थे और चोर, लुटेरे, उठाईगीरे सब इकट्ठे हो गए थे। इसलिए आप सभी ये संकल्प लीजिए कि आने वाली 13 तारीख को जब तक हर घर के वोट भाजपा को नहीं डल जाते, तब तक चैन से नहीं बैठेंगे।
सतर्क रहें, ये आपका तिलक और धर्म मिटाना चाहते हैं
डॉ. यादव ने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों से बहुत सतर्क रहने की जरूरत है। ये आपके तिलक और आपके धर्म को मिटाना चाहते हैं। ये बहन-बेटियों की आबरू लूटना चाहते हैं और उनके माध्यम से आपकी जमीनों पर कब्जा करना चाहते हैं। ये झारखंड को बांग्लादेश बनाना चाहते हैं। डॉ. यादव ने कहा कि आज हमारी लड़ाई सिर्फ इसी बात पर होनी चाहिए कि चाहे जो हो जाए, हम इन घुसपैठियों को झारखंड में नहीं रहने देंगे। इसलिए ये चुनाव आप सभी के लिए जीवन-मरण का चुनाव है। कोई कितना भी मीठा बोले, लेकिन आपको उसके चक्कर में नहीं आना है।
कश्मीरी पंडितों का किया नरसंहार
सीएम ने आगे कहा कि बस एक ही सवाल करना है कि आप बांग्लादेशी घुसपैठियों के मामले में क्या कहना चाहते हैं। आपने देखा है कि किस तरह कांग्रेस ने कश्मीर में धारा 370 लगाकर खून की नदियां बहाई। हजारों लोग मारे गए, सैनिक शहीद हुए और कश्मीरी पंडितों का नरसंहार किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धारा 370 हटाई और कश्मीर में शांति स्थापित हुई। लेकिन कांग्रेस के समर्थन से चल रही नेशनल कांफ्रेस सरकार ने दो-तीन दिन पहले ही धारा 370 को हटाने के लिए प्रस्ताव पारित किया। ये कश्मीर को फिर उस दौर में ले जाना चाहते हैं।
सोरेन सरकार ने क्या किया?
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में बहुत बड़ी-बड़ी नदियां हैं। लेकिन हेमंत सोरेन की सरकार ने ऐसा कोई डेम नहीं बनाया कि जिसके पानी से किसान सिंचाई कर सकें। हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने मध्यप्रदेश में नदियों पर डेम बनवाए हैं और नदी जोड़ो योजना लागू करके साल भर पानी मिलने का इंतजाम कर रही है। सरकार के इन कामों ने मध्यप्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था को बदल दिया। इस तरह के काम झारखंड में भी हो सकते हैं, लेकिन ये तब होगा जब यहां डबलइंजन की सरकार होगी। यानी केंद्र में भी भाजपा और झारखंड में भी भाजपा सरकार।