भोपाल। मध्यप्रदेश के नए प्रशासनिक मुखिया अनुराग जैन ने गुरुवार को कमान सभाल ली है। वह मप्र के 35वें मुख्य सचिव हैं। पद ग्रहण करने के बाद अनुराग जैन को बधाई देने वालों का तांता लग गया। सीएम मोहन यादव एसीसी डॉ. राजेश राजौरा समेत मंत्रालय के कई सीनियर अफसरों ने उनसे मुलाकत कर बधाई दी। बता दें कि मुख्य सचिव की रेस में राजेश राजौरा भी थे। यहीं नहीं, सीएम मने उनका नाम लगभग फाईनल भी कर दिया था, लेकिन अंत में अनुराग जैन से बाजी मार ली। 1989 बैच के आईएएस अधिकारी है। जैन मंडला, मंदसौर और भोपाल के कलेक्टर रहे हैं। जैन ने केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जनधन योजना, पीएम गति शक्ति योजना जैसी योजनाओं को शुरू करने में महत्पूर्ण योगदान दिया।
बता दें जैन बुधवार को ही दिल्ली से भोपाल पहुंच गए थे। जहां गुरुवार को उन्होंने पद भार संभाला। 30 सितंबर को मुख्य सचिव वीरा राणा का एक्सटेंशन खत्म हो गया है। आईएएस वीरा राणा की जगह 1989 बैच के आईएएस अधिकारी अनुराग जैन को प्रदेश का नया मुख्य सचिव बनाया गया है। अनुराग जैन 30 मई 2020 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे। पूर्व मुख्य सचिव रहे इकबाल सिंह बैंस के एक्सटेंशन के समय भी जैन के मुख्य सचिव बनने की चर्चा थी। इस समय केंद्र सरकार ने अनुराग जैन को नहीं छोड़ा था। 10 साल पहले पीएमओ में संयुक्त सचिव रहे अनुराग जैन को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में सबसे अहम मंत्रालय रोड, ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे की कमान दी गई है। जैन मप्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दो बार सचिव रह चुके हैं। वे भोपाल के कलेक्टर भी रहे हैं। जैन वित्त प्रबंधन के अच्छे जानकार माने जाते हैं।
कमलनाथ सरकार में मिली वित्त विभाग की जिम्मेदारी
यही वजह है कि 2019 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद कमलनाथ सरकार ने उन्हें वित्त विभाग की जिम्मेदारी सौंपी थी। लेकिन मई 2020 में वे फिर से प्रतिनियुक्ति पर केंद्र चले गए। अनुराग जैन ने दिसंबर 2013 से फरवरी 2014 तक भारतीय निर्यात-आयात बैंक के कार्यवाहक अध्यक्ष और कार्यवाहक प्रबंध निदेशक के रूप में भी काम किया है। अब अनुराग जैन की सेंट्रल डेपुटेशन से वापसी हुई है। प्रदेश सरकार की रिक्वेस्ट पर केंद्र ने उन्हें वापस भेज दिया है। वे आज बुधवार को भोपाल पहुंच गए हैं। कल मंत्रालय में अनुराग जैन प्रशासनिक मुखिया की कुर्सी संभालेंगे।