रीवा। भारतीय खाद्य निगम सतना मंडल के हिस्से का चावल बगैर डिपाजिटर के भेड़रहा एवं क्योंटी शाखा के वेयर हाउसों में जमा किया गया था। मामला उजागर होने के बाद फूड, नॉन एवं राजस्व की संयुक्त टीम ने जांच की। तीन दिन तक चली जांच के बाद 93 हजार क्विंटल चावल जब्त किया गया है जिसकी अनुमानित कीमत 37 करोड़ रुपए बताई गई है।
गौरतलब है कि मिलरों को मिलिंग के लिए दी गई शासकीय धान के बाद भारतीय खाद्य निगम सतना मंडल के हिस्से का 47 करोड़ कीमत का चावल नागरिक आपूर्ति निगम में जमा करने वाले राइस मिलरों द्वारा अवैध रूप से बगैर डिपाजिटर के भेड़रहा एवं क्योंटी के गोदामों में जमा कराया गया था। ताज्जुब की बात यह है कि इस पूरे मामले में नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक एएस राजपूत की मिलीभगत से 47 करोड़ रुपए के चावल का अवैध भंडारण कराया गया। हैरानी की बात यह है कि मिलरों द्वारा जो चावल गोदामों में जमा कराया गया उसमें न तो टैग लगा हुआ है और न ही मार्का। ऐसी स्थिति में बुधवार से शुरू की गई जांच शुक्रवार तक चली जिसमें भेड़रहा एवं क्योंटी के गोदामों से 93 हजार क्विंटल चावल जब्त किया गया है।
कामता वेयर हाउस में मिला सर्वाधिक चावल
भेड़रहा शाखा के भेड़रहा गोदाम एवं क्योंटी शाखा के अंकिता एवं कामता वेयर हाउस की जांच करने के बाद सर्वाधिक अवैध चावल का भंडारण कामता वेयर हाउस में पाया गया है। शुक्रवार को गोदाम की जांच के बाद यहां से 73 हजार बोरी चावल जब्त किया गया है। जिसकी कीमत 14 करोड़ रुपए बताई गई है।
राइस मिल बंद कर भागे संचालक
राइस मिलरों द्वारा जमा किए गए अवैध चावल का गोदामों में भंडारण पाए जाने के बाद जांच टीम को राइस मिलों की जांच करनी थी। मिली जानकारी में बताया गया है कि जैसे ही मिलरों को जांच की भनक लगी उन्होंने राइस मिल में ताला डाल दिया। ऐसी स्थिति में वहां जांच नहीं हो पाई। बताया गया है कि शुक्ला एग्रोटेक का 27 हजार क्विंटल, श्री कृष्णा इंडस्ट्रीज का 44 हजार क्विंटल एवं ईशा इंडस्ट्रीज का 25 हजार तथा लक्ष्मी राइस मिल का 23सौ क्विंटल चावल भोपाल की टीम को आॅफलाइन बिना डिपाजिटर के जमा मिला था। हालांकि राइस मिल बंद होने के चलते अभी इनकी जांच नहीं हो पाई है।