छतरपुर/भोपाल। छतरपुर कोतवाली थाने में पथराव करने वाले उपद्रवियों पर जिला उपद्रवियों पर जिला प्रशासन ने सख्त एक्शन लिया है। सीमए मोहन यदव के निर्देश पर जिला प्रशासन ने हिंसा के मुख्य आरोपी शहजाद अली की शानदार हवेली बुलडोजर दौड़ा दिया है। सरकार के इस कदम से प्रदेश की सियासत गरमा गई है। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने शहदाज के हवेली पर बुलडोजर की कार्रवाई करने पर सरकार को घेरा था। उन्होंने कार्रवाई को नियम विरुद्ध बताते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर बिना नोटिस कार्रवाई करने वालों पर कार्रवाई की मांग की थी। हालांकि, इसका जवाब खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार को दिया और साफ कर दिया कि इस मामले में कानून अपना काम करेगा।
बता दें कि कोतवाली थाने में पथराव के मामले में पुलिस ने 48 नामजद और 100 से अधिक अन्य आरोपियों के खिलाफ थाना कोतवाली में केस दर्ज किया गया है। मामले में अभी तक 70 से अधिक लोगों से पूछताछ की गई और 20 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखकर कहा है- ‘बिना नोटिस दिए मकान तोड़े गए हैं, जो न्याय व्यवस्था के विपरीत है। एक दिन अंदर बिना नोटिस के मकान तोड़ दिया गया, यह सरासर गलत है। कांग्रेस नेताओं को इस मामले में आगे आना चाहिए। आरिफ मसूद के अस आरोप पर सीएम मोहन यादव ने कहा कि कानून का जो उल्लंघन करेगा, उसके लिए कानून अपना रास्ता बनाएगा। सरकार समाज के काम में मददगार रहती है और असामाजिक तत्वों से निपटने में भी सक्षम है।
क्या है पूरा मामला?
डीआईजी ललित शाक्यवार ने बताया कि 21 अगस्त को धार्मिक नेता सैय्यद हाजी शहजाद अली और सैय्यद जावेद अली के नेतृत्व में करीब 300-400 लोग ज्ञापन सौंपने के लिए पुलिस थाने आए थे। वे महाराष्ट्र के संत रामगिरी महाराज के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग कर रहे थे, जिन पर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर महाराष्ट्र में पहले से ही कई केस दर्ज हैं। शाक्यवार ने बताया कि भीड़ अचानक आक्रामक हो गई और पथराव शुरू कर दिया, जो करीब दस मिनट तक जारी रहा, जिसके बाद पुलिस को प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसूगैस के गोले दागने पड़े। पथराव के कारण कोतवाली थाना प्रभारी अनिल कुजूर के हाथ और सिर में गंभीर चोटें आईं हैं। आरक्षक भूपेंद्र प्रजापति भी घायल हुए हैं. पुलिस की टीमें गश्त कर रही हैं और सीसीटीवी फुटेज और वीडियो क्लिपिंग की मदद से पथराव में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है।