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केदारनाथ धाम: चट्टानों के बीच फंसे यात्रियों को निकालने फिर शुरु हुआ अभियान, याद आने लगा था 2013 का खौफनाक मंजर

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रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड में बुधवार-गुरुवार दरम्यानी रात बादल फटने से भारी तबाही मची है। टिहरी के जिस नौताड़ इलाके और केदारनाथ में बादल फटे हैं वहां भारी तबाही हुई है। इस भीषण तबाही के निशान जगह- जगह देखे जा सकते हैं। लिनचोली के समीप जंगलचट्टी में बादल फटने से गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल रास्ते पर भारी बारिश के बाद भीमबली में 20-25 मीटर का मार्ग बह गया तथा पहाड़ों से बड़े-बड़े पत्थर आ गए। इसके बाद रामबाड़ा, भीमबली लिनचोली का रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया। बादल फटने से केदारनाथ यात्रा रूट पर 30 मीटर की सड़क मंदाकिनी नदी में समा गई है।

रास्ते बंद होने से केदारनाथ धाम में 5000 से ज्यादा यात्री रास्ते में फंस गए हैं। हालांकि उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए गुरुवार से ही जद्दोजदह शुरू हो गई थी। इतना ही नहीं गुरुवार को 4000 यात्रियों को सुरक्षित निकाल भी लिया था। 3300 को पैदल निकला है जबकि 700 यात्रियों को हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया। वहीं 1000 से ज्यादा बचे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए आज शुक्रवार सुबह से ही रेक्स्यू आॅपरेशन शुरू कर दिया है। पैदल मार्ग पर सुबह से रेस्क्यू अभियान फिर शुरू हो गया है। भीमबली और लिनचोली से भी यात्रियों को एयर लिफ्ट करना शुरू कर दिया गया है। वहीं मैनुअल रेस्क्यू भी लगातार जारी है।

केदारनाथ पैदल मार्ग से लेकर सोनप्रयाग तक हुई व्यापक क्षति के बाद राहत व बचाव कार्य के लिए केंद्र से रेस्क्यू के लिए चिनूक हेलिकॉप्टर और एमआई-17 हेलिकॉप्टर भेजा गया है। साथ ही तीन टैंकर एटीएफ की मदद भी भेजी गई है। शुक्रवार से भारतीय सेना के चिनूक व एमआई-17 हेलिकॉप्टर से केदारनाथ में रुके यात्री वापस लाए जाएंगे। बता दें कि बुधवार देर शाम साढ़े सात बजे से शुरू हुई तेज बारिश और रात साढ़े आठ बजे बिजली की तेज चमक और गर्जना के साथ लिनचोली से भीमबली के बीच बादल फट गया। इतना ही नहीं, यात्रियों को यह आपदा 2013 की भी याद दिलाने लगी थी। यात्रा मार्ग पर दुकान चलाने वाले लोगों के साथ ही अन्य स्थानीय लोग जैसे-तैसे भारी बारिश के बीच ही सुरक्षित स्थान पर पहुंचे और अपनी जान बचाई।

सीएम ने की प्रभावितों से मुलाकात
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘केदारघाटी में बुधवार रात्रि को हुई अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर स्थानीय लोगों एवं विभिन्न राज्यों से आए श्रद्धालुओं से भेंट कर उनका कुशलक्षेम जाना। इस दौरान जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग को क्षतिग्रस्त सड़कों और पैदल मार्गों के सुधारीकरण का कार्य तेजी से किए जाने एवं संवेदनशील स्थानों से लोगों को जल्द सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए।’

पांच और लोगों की मौत
टिहरी के भिलंगना ब्लॉक में ग्राम पंचायत जखन्याली के नौताड़ में बुधवार की रात बादल फटने से घायल हुए विपिन (30) की भी मौत हो गई, जबकि उनके माता-पिता भानुप्रसाद व नीलम की बीती रात ही मौत हो गई थी। उधर, दिल्ली से सहस्रधारा घूमने आए तीन युवक नदी के तेज बहाव में बह गए। एक को नदी तट पर मौजूद लोगों ने बचा लिया। जबकि, दो युवकों इंद्रपाल और भूपिंदर राणा की मौत हो गई। उधर देहरादून में डील फैक्ट्री के पास बहे दूसरे व्यक्ति अर्जुन सिंह राणा (52) निवासी रायपुर, देहरादून का भी शव बरामद हो गया, जबकि यहां बहे सुंदर सिंह (40) निवासी रायपुर, देहरादून का शव बुधवार रात ही मिल गया था। वहीं, विकासनगर में सहसपुर थाना क्षेत्र के कैंचीवाला में आशीष कलूड़ा (34) की नाले में डूबने से मौत हो गई।

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