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मप्र के टाइगर अब दूसरे राज्यों में बढ़ाएंगे कुनबा, सीएम बोले- सौभाग्य है कि प्रदेश में हैं सर्वाधिक बाघ

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भोपाल। हर साल 29 जुलाई के दिन को विश्व के कई देशों में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के तौर पर मनाया जाता है। हमारे देश के लिए ये दिन और भी खास है। पूरे देश में आज सोमवार को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया गया। अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर मध्यप्रदेश में राज्यस्तरीय कार्यक्रम भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया। इस दौरान वन मंत्री रामनिवास रावत भी मौजूद थे।

सीएम मोहन ने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर बाघ प्रेमियों को बधाई देते हुए कहा है कि यह हमारा सौभाग्य है कि देश में सर्वाधिक बाघ मध्यप्रदेश में पाए जाते हैं। भोपाल देश की एकमात्र ऐसी राजधानी है जिसकी नगर निगम सीमा के आसपास बाघ निर्बाध रूप से विचरण करते हैं। गर्व का विषय है कि प्रदेश में चीता परियोजना भी गतिशील है, जबकि संपूर्ण एशिया में कहीं चीता नहीं पाया जाता। पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को दृष्टिगत कर राज्य सरकार विभिन्न वन्य जीवों के सह अस्तित्व को प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में प्रोत्साहित करती रहेगी। प्रदेश के जिन क्षेत्रों में टाइगर नहीं है वहां नए टाइगर रिजर्व विकसित किए जाएंगे। टाइगर राष्ट्रीय पशु है, सभी राज्यों में टाइगर के अस्तित्व के लिये मध्यप्रदेश अन्य राज्यों को भी टाइगर उपलब्ध कराएगा।

तीन पुस्तकों का विमोचन एवं तीन लघु फिल्मों का हुआ प्रदर्शन
सीएम ने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर लगी प्रदर्शनी का शुभारंभ कर अवलोकन भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वन विभाग की तीन पुस्तकों क्रमश: वॉलेंट्री विलेज रिलोकेशन : द सतपुड़ा मॉडल, पेंच टाइगर बिहेवियर एक्टिविटीज किट-3 और कान्हा की कहानियां का विमोचन किया। इस अवसर पर टाइगर वॉरियर्स, पेंच लेंड आफ टाइगर और गौर के पुनर्स्थापन पर केंद्रित लघु फिल्मों का प्रदर्शन भी किया गया। इस दौरान उन्होंने वन और वन्य प्राणियों के संरक्षण में उत्कृष्ट कार्य के लिए वन कर्मियों और अधिकारियों को सम्मानित भी किया।

गांधी सागर क्षेत्र में चीतों को बसाने के लिए गतिविधियां जारी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में चीता प्रोजेक्ट भी गतिशील है और गांधी सागर क्षेत्र में भी चीतों को बसाने के लिए गतिविधियां जारी हैं। उन्होंने कहा कि वन्य प्राणियों के संरक्षण और टाइगर रिजर्व के बेहतर प्रबंधन से पर्यटकों की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है। प्रदेश में 7 टाइगर रिजर्व विद्यमान हैं। वन से लगभग 60 करोड़ रूपए का राजस्व प्राप्त होता है और 25 लाख से अधिक पर्यटकों का प्रदेश में आवागमन है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में वन और वन्य-प्राणियों के संरक्षण के लिए जारी प्रयासों से पारिस्थितिकी तंत्र और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि काल के प्रवाह में विलुप्त प्राय वन्य प्राणियों के पुनर्स्थापना और सांपों की विभिन्न प्रजातियों के संरक्षण के लिए भी प्रयास आरंभ किया जाना आवश्यक है।

सीएम ने वन कर्मचारियों को किया सम्मानित
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वन तथा वन्य-प्राणियों के संरक्षण के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों और वन कर्मचारियों को सम्मानित किया। इसमें वन अपराध अन्वेषण श्रेणी में इंदौर की उप वन संरक्षक श्रीमती अनुभा त्रिवेदी, पन्ना टाइगर रिजर्व के वन क्षेत्रपाल हृदयेश हरि भार्गव, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के वन रक्षक नंदकिशोर अहिरवार, सक्रिय वन्यप्राणी प्रबंधन क्षेत्र में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के सहायक महावत नीलम सिंह, पन्ना टाइगर रिजर्व के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजीव कुमार गुप्ता, वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व के वन संरक्षक ताराचंद गौड़, पेंच टाइगर रिजर्व के वन पाल मोहपत सिंह चौधरी, वन्य-प्राणी संरक्षण क्षेणी में सहायक वन संरक्षक राजेश मंडावलिया, कान्हा टाइगर रिजर्व के उप वन क्षेत्रपाल कुवर सिंह टेकाम और टाइगर स्ट्राइक फोर्स जबलपुर के वनरक्षक राजेश मेहरा को सम्मानित किया गया।

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