नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली भाजपा कार्यालय में रविवार को लगातार दूसरे दिन भाजपा शासित राज्यों के सीएम और डिप्टी सीएम के साथ बैठक की। बैठक में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह और संगठन से जुड़े बड़े नेता और 13 राज्यों के मुख्यमंत्री और 15 डिप्टी सीएम शामिल रहे। इसके अलावा एनडीए शासित कुछ राज्यों के उप मुख्यमंत्रियों ने भी बैठक में शिरकत की। इस दौरान पीएम ने ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार के बीच संयुक्त समन्वय पर जोर दिया। पीएम मोदी ने भारत की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने पर भी जोर दिया।
पीएम मोदी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार और राज्यों के बीच समन्वय स्थापित करने और मजबूत प्रयासों से विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के विचार के पीछे विकासशील विरासत और विकास की विरासत के निर्माण का एक विशेष स्थान है। पीएम ने कहा कि विकसित भारत सरकार का प्रमुख एजेंडा है और इसमें जनता की भागीदारी भी अति आवश्यक है। पीएम मोदी ने कहा कि सरकार की योजनाओं को सोशल मीडिया के माध्यम से अलग अलग समूहों के जरिए लोगों तक पहुंचाना जरूरी है।
केन्द्र सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं से न करें छेड़छाड़
भाजपा नेताओं और मुख्यमंत्रियों से बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र सरकार की योजनाओं को राज्यों में अच्छी तरह से प्रसारित किया जाए। इसके अलवा उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में गुड गवर्नेंस का बेहतरीन उदाहरण पेश किया जाए। पीएम ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई गरीब-कल्याण योजनाओं में छेड़छाड़ ना करें, जैसे कि योजना में ना कोई कमी की जाए, ना ही कुछ जोड़कर दिया जाए। उदाहरण के लिए प्रधानमंत्री अन्न योजना के तहत केंद्र सरकार एक परिवार में प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज दे रही है, तो उतना ही अनाज दिया जाए। इसमें न ही कोई खाद्य पदार्थ बढ़ाया जाए और ना ही घटाया जाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार कोई भी योजना सोच समझकर और जनता पर पड़ने वाले प्रभाव को देखकर तैयार करती है, ऐसे में उसमें कोई फेरबदल ना करें।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नई शिक्षा नीति के बारे में बताया
मुख्यमंत्री परिषद की बैठक को समय समय पर आयोजित कराया जाता है और इसमें मुख्य रूप से सरकार के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के साथ साथ वरिष्ठ भाजपा नेता भी मौजूद थे। इस दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नई शिक्षा नीति के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर राज्यों की भूमिका के बारे में भी जानकारी दी। बैठक के दौरान विभिन्न राज्यों ने अपनी प्रमुख योजनाओं के बारे में भी प्रस्तुति दी।
बैठक में यह इन राज्यों के सीएम रहे मौजूद
बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (उत्तर प्रदेश), मोहन यादव (मध्य प्रदेश), भजनलाल शर्मा (राजस्थान), विष्णु देव साय (छत्तीसगढ़), नायब सिंह सैनी (हरियाणा), भूपेंद्र पटेल (गुजरात), डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस (महाराष्ट्र), पुष्कर सिंह धामी (उत्तराखंड), हिमंता बिस्व सरमा (असम), पेमा खांडू (अरुणाचल प्रदेश), बिरेन सिंह (मणिपुर), मोहन चरण माझी (ओडिशा), माणिक साहा (त्रिपुरा) मौजूद रहे।
27 जुलाई: बैठक का पहला दिन
शनिवार को हुई बैठक में पार्टी में चल रही अंदरूनी गुटबाजी और इस साल चार राज्यों- महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा हुई थी। हालांकि, इसका कोई आॅफिशियल अपडेट नहीं आया था। लोकसभा चुनाव के बाद यह पहली बड़ी बैठक है, जिसमें भाजपा के सभी मुख्यमंत्री मौजूद रहे थे। कल भी राज्यों के मुख्यमंत्री अपने काम का भी हिसाब-किताब दिया था। उन्हें पार्टी की ओर से एक फॉर्मेट दिया गया था, जिसमें अपने कार्यकाल की उपलब्धियां बताने को कहा गया था। साथ ही उन योजनाओं को भी बताने को कहा गया जिसे वो लागू नहीं कर पाए।