लखनऊ। लोकसभा चुनाव में भाजपा को उत्तरप्रदेश में उम्मीद के हिसाब से सीटें नहीं मिली है। यूपी में भाजपा 80 में से सिर्फ 33 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी है। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद यूपी भाजपा में खूब खटपट देखने को मिल रही है। यह सबसे ज्यादा सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्च के बीच देखने को मिल रहा है। हालांकि शीर्ष नेतृत्व इन दोनों दिग्गज नेताओं के बीच चल रहे विवाद को खत्म करने की कोशिशों में लगा हुआ है। इन सबके बीच सपा चीफ अखिलेश यादव योगी और मौर्य के बीच चल रही खटपट का फायदा उठाने के लिए सक्रिय हो गए हैं। इतना ही नहीं उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए केशव प्रसाद मौर्य को आफर भी दे दिया है।
अखिेलश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि लिखा- 100 लाओ, सरकार बनाओ! उनका यह खुला आफर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के लिए है। हालांकि यह पहला मौका नहीं है, जब अखिलेश ने मौर्य को आफर दिया है। इससे पहले भी अखिलेश मौर्य को आफर देते हुए कहा था कि 100 एमएलए साथ लाओ और सपा के समर्थन में सरकार बनाओ। अखिलेश ने मौर्य को ऐसे आफर तभी दिए हैं जब उन्होंने भाजपा नेताओं के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की है। हालांकि अखिलेश के इस आफर पर केशव प्रसाद मौर्य ने पलटवार भी किया था। मौर्य ने कहा था कि देश और प्रदेश दोनों जगहों पर भाजपा की मजबूत संगठन और सरकार है। सपा का पीडीए धोखा है। उन्होंने दावा किया था कि यूपी में सपा के गुंडाराज की वापसी असंभव है और भाजपा 2017 विधानसभा चुनाव में 2017 दोहराएगी।
बीजेपी कार्यसमिति की बैठक में सामने आई थी कलह
हाल ही में बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक हुई थी। जिसमें बीजेपी के नेताओं की कलह सामने आई। यहां डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कहा था कि संगठन सरकार से बड़ा है। कार्यकतार्ओं का दर्द मेरा दर्द है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अति आत्मविश्वास ने लोकसभा चुनावों में बीजेपी को नुकसान पहुंचाया। उन्होंने कहा था, “2014 और उसके बाद के चुनावों में बीजेपी के पक्ष में जितने प्रतिशत वोट थे, बीजेपी 2024 में भी उतने ही वोट हासिल करने में सफल रही है, लेकिन वोटों की शिफ्टिंग और अति आत्मविश्वास ने हमारी उम्मीदों को नुकसान पहुंचाया है।”
केशव मौर्य से नड्डा ने की थी मुलाकात
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने डिप्टी सीएम केशव मौर्य को दिल्ली बुलाया था। सूत्रों की मानें तो उनसे कहा गया है कि यूपी में सरकार और संगठन साथ-साथ काम करे, इस पर काम होना चाहिए और ऐसी कोई बयानबाजी नहीं होनी चाहिए, जिससे जनता में मैसेज जाए कि अंदरूनी कलह चल रही है। उनके साथ यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को भी दिल्ली तलब किया गया था। भूपेंद्र चौधरी ने यूपी में हार की समीक्षा पार्टी नेतृत्व को सौंप दी है। 15 पन्नों की अपनी रिपोर्ट में उन्होंने यूपी में पार्टी की हार के कारण बताए हैं।