भोपाल। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोमवार लोकसभा में बतौर नेता प्रतिपक्ष पहला भाषण दिया। उन्होंने अपने पहले भाषण में ही विवाद खड़ा कर दिया। राहुल ने भाषण के दौरान भगवान शिव और गुरुनानक की फोटो दिखाते हुए हिन्दुओं को हिंसक बता दिया। उनके इस बयान से हंगामा खड़ा हो गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर भाजपा के तमाम नेताओं ने राहुल हमलावर हो गए हैं।
पहले बता देते हैं कि संसद में अपनी स्पीच के दौरान राहुल गांधी ने क्या कहा है। राहुल ने संसद मेंं भगवान शिव और गुरुनानक की तस्वीर दिखाते हुए कहा कि शिव जी की फोटो देखिए, त्रिशूल जमीन में गढ़ा है। वह अहिंसा की बात करते हैं। इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि जो लोग अपने आप को हिंदू कहते हैं वो 24 घंटे हिंसा, हिंसा, हिंसा नफरत, नफरत, नफरत- असत्य, असत्य, असत्य और फिर बीजेपी सांसदों की ओर इशारा करते हुए कहा कि आप हिंदू हो ही नहीं। राहुल गांधी के इसी बयान पर सियासत गरमा गई है।
राहुल के पूर्वजों ने हिन्दुओं को दिए सौ-सौ घाव
भोपाल के हुजूर विधानसभा से बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि राहुल गांधी के पूर्वजों ने हिंदुओं को सौ-सौ घाव दिए हैं। देश के विभाजन में लाशों की ढेर लग गई। पाकिस्तान में हिंदुओं को काटा गया है। हिंदुस्तान के अंदर भी आपके राज में हिंदुओं की गाड़ियां जलाई गई हैं, दंगे हुए हैं, मुस्लिम आतंक का नंगा नाच हुआ है। विधायक ने जवाब देते हुए कहा कि राहुल गांधी को शर्म आनी चाहिए, जो हिंदुस्तान के अंदर खड़े होकर 80 फीसदी से अधिक हिंदू आबादी को हिंसक कह रहे हैं। वहीं चेतावनी देते हुए शर्मा ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए। अगर वे माफी नहीं मांगते तो देशभर में कांग्रेस और राहुल गांधी के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा।
पीएम मोदी ने जताई आपत्ति, शाह ने किया पलटवार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि ये विषय बहुत गंभीर है, पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना, ये गंभीर विषय है। इसके बाद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीजेपी और मोदी जी पूरा हिंदू समाज नहीं हैं। राहुल के बयान पर पलटवार करते हुए अमित शाह ने कहा, “शोरशराबा कर के इतने बड़े कृत्य को छिपाया नहीं जा सकता। विपक्ष के नेता ने कहा कि जो अपने आप को हिंदू कहते हैं, वह हिंसा करते हैं, हिंसा की बात करते हैं। इनको शायद मालूम नहीं है कि करोड़ों लोग खुद को गर्व से हिंदू कहते हैं। क्या वे सभी लोग हिंसा करते हैं। हिंसा की भावना को किसी धर्म के साथ जोड़ना और इस सदन में संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति ने। मुझे लगता है उन्हें इसकी माफी मांगनी चाहिए।”