भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र एक जुलाई से शुरू होने जा रहा है। इससे पहले शुक्रवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विधानसभा सत्र के लिए जा रही तैयारियों और विभागों द्वारा जानकारी भेजने की विभागावार समीक्षा की। इस दौरान सीएम मोहन सख्त निर्देश दिया कि विधानसभा के आगामी सत्र के लिए विभाग और विभागाध्यक्ष प्रश्नों के उत्तर भेजने के साथ ही विभागीय उपलब्धियों का विवरण भी तैयार रखें।
समीक्षा बैठक के दौरान सीएम ने कहा कि विधानसभा एक ऐसा माध्यम है, जहां शासन के श्रेष्ठ कार्यों की जानकारी दिए जाने से आमजन तक भी महत्वपूर्ण सूचनाएं पहुंच जाती हैं। विधानसभा सदस्यों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर समय-सीमा में भेजे जाएं। उत्तर के रूप में भेजी गई जानकारी भी संपूर्ण एवं प्रासंगिक होना चाहिए। इसी तरह जनकल्याण से जुड़ी राज्य शासन की प्राथमिकताओं का ब्यौरा भी इसमें शामिल होना चाहिए।
सत्र से पहले पूर्ण कर ली जाए जरूरी प्रक्रिया
सीएम ने बैठक में विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को सत्र के संबंध में शासन स्तर पर की जाने वाली कार्यवाही के संबंध में आवश्यक निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र में पारित किए जाने वाले विधेयक से संबंधित आवश्यक प्रक्रिया सत्र के पूर्व यथाशीघ्र पूर्ण की जाए। इसके साथ ही अपूर्ण प्रश्न, शून्यकाल की सूचना से संबंधित जानकारी भी तैयार कर विधानसभा सचिवालय को भेजी जाए। सत्र के दौरान विभागों द्वारा निर्धारित नोडल अधिकारी नियमित रूप से उपस्थित रहें।
बैठक में यह रहे मौजूद
सीएम ने कहा कि सत्र में बजट प्रस्तुत किए जाने के दिन भी संबंधित अधिकारी दायित्व पर उपस्थित रहें। विभागों के अधिकारी, विभागों द्वारा किए जा रहे अच्छे कार्यों का विस्तृत विवरण आवश्यकतानुसार उपलब्ध करवाएं। बैठक में मुख्य सचिव वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव संसदीय कार्य विभाग केसी गुप्ता, प्रमुख सचिव विधानसभा एपी सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय संजय कुमार शुक्ला और राघवेन्द्र कुमार सिंह, प्रमुख सचिव जनसंपर्क एवं विमानन प यादव सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।