इंदौर। इंदौर में कांग्रेस नेता जितेन्द्र चौहान के छह साल के बेटे की हत्या करने वाले आरोपियों को जिला कोर्ट ने 16 महीने बाद सजा सुना दी है। कोर्ट ने हर्ष चौहान की शामिल में दो आरोपियों को मौत की सजा सुनाई। वहीं एक अन्य आरोपी को जीवनदान दे दिया है। गौरतलब है कि आरोपियों ने मासूम हर्ष का अपहरण करने के बाद 4 करोड़ की फिरौती मांगी। रकम न मिलने पर हर्ष के मुंह में कपड़े ठूस कर उसकी जान ले ली थी। घटना 5 फरवरी 2023 को हुई थी। अदालत ने मुख्य आरोपी विक्रांत और ऋतिक को फांसी की सजा सुनाई है। वहीं एक अन्य आरोपी हरिओम को बरी कर दिया है।
वकील आशीष शर्मा ने बताया कि पिगडंबर में कांग्रेस नेता के बेटे हर्ष चौहान (6) की हत्या करने के मामले में इंदौर जिला कोर्ट ने फैसला सुनाया है। दो आरोपियों को मृत्युदंड दिया है और एक अन्य आरोपी को बरी कर दिया गया है। घटना 5 फरवरी 2023 को हुई थी। कोर्ट ने मुख्य आरोपी विक्रांत और ऋतिक को फांसी की सजा सुनाई है। अन्य आरोपी हरिओम को दोषमुक्त (बरी) कर दिया है। घटना का मास्टर माइंड ऋतिक मृत बच्चे के पिता जितेंद्र के भांजे का भांजा ही है जो पिगडंबर में ही अलग कमरे में रहता था। बावजूद, ऋतिक ने अपने दोस्त विक्रांत के साथ मिलकर जितेंद्र के बेटे हर्ष का अपहरण किया और उसकी जान ले ली। वह 4 करोड़ रुपए फिरौती में चाहता था लेकिन जब पकड़ाने का डर हुआ तो अपहृत बच्चे हर्ष की हत्या कर दी।
4 करोड़ की फिरौती के लिए की थी हत्या
ऋतिक और विक्रांत ने बच्चे हर्ष को कार में बैठाने के बाद उसके मुंह में कपड़ा ठूंसा और टेप लगाकर उसका मुंह बंद कर मारा था। मामले में मृतक हर्ष के परिजन की तरफ से आरोपी को फांसी देने की मांग की गई थी। मां रंजना ने कहा था कि आरोपियों को फांसी होने पर ही हर्ष की आत्मा को शांति मिलेगी। वो जेल में रोटी खा रहे और हम मां-बाप रोज मर रहे हैं। गौरतलब है कि इंदौर के पिगडंबर में 5 फरवरी 2023 को 4 करोड़ की फिरौती के लिए 6 साल के हर्ष पिता जितेंद्र चौहान की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मुख्य आरोपी रिश्तेदार ऋतिक (पिगडंबर), उसका दोस्त विक्रांत (राऊ), हरिओम (शाजापुर) और ऋतिक के छोटे भाई को गिरफ्तार किया गया था। आरोप था कि ऋतिक और विक्रांत ने बच्चे हर्ष को कार में बैठाने के बाद उसके मुंह में कपड़ा ठूंसा और टेप लगाकर उसका मुंह बंद कर मारा था।
पिता के आवेदन पर दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर हुआ था केस
इस हत्याकांड पर फैसला मार्च में ही आ सकता था क्योंकि आरोपी ऋतिक एक कबूलनामा पेश कर चुका था। जब फैसले में देरी हुई तो हर्ष के पिता जितेंद्र चौहान ने जिला कोर्ट में आवेदन किया। इसमें कहा था कि ‘यह प्रकरण क्रमांक 30/2023 अपर सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में लंबित है। केस का जल्द निराकरण नहीं किया जा रहा है। इससे फरियादी को न्याय मिलने में देरी हो रही है। पहले भी न्याय के लिए गुहार लगाई गई। न्यायालय से न्याय हित में निवेदन है कि आवेदन पत्र स्वीकार कर केस को अन्य न्यायालय में ट्रांसफर करने का आदेश पारित करने की कृपा करें।’ इसके बाद केस को जिला कोर्ट ने महू से हटाकर विशेष न्यायालय इंदौर में ट्रांसफर कर दिया था। सोमवार को इस पर फैसला सुना दिया गया है।