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हरियाणा भाजपा में बड़ी बगावत: अब तक नेता पार्टी को कह चुके हैं अलविदा, पूर्व मंत्री को मनाने गए सीए को ऐसे झेलनी पड़ी शर्मिंदगी

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चंडीगढ़। हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए 5 नवंबर को मतदान होना है। इससे पहले राज्य का सियासी पारा चरम पर पहुंच गया है। भाजपा की पहली सूची जारी होने के बाद तो पार्टी के अंदर घमासान मच गया है। इतना ही बगावत भी तेज हो गई है। टिकट कटने के बाद से अब तक मंत्री, विधायक, पूर्व मंत्री समेत 14 नेताओं ने पार्टी को अलविदा कह दिया है। राज्य के ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह चौटाला, विधायक लक्ष्मण दास, किसान मोर्चा के अध्यक्ष सुखविंदर श्योराण, प्रदेश उपाध्यक्ष जीएल शर्मा व पीपीपी के स्टेट कोआॅर्डिनेटर सतीश खोला ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि भाजपा डैमेज कंट्रोल करने में जुट गई है, लेकिन नाराज नेता मानने को तैयार नहीं है। ऐसा देखने को भी मिल रहा है। दरअसल मनोहर लाल खट्टर सरकार में मंत्री रहे कर्णदेव कंबोज को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी खुद उन्हें मनाने पहुंचे। लेकिन उन्हें शर्मिंदगी का शिकार होना पड़ा। उन्होंने जब कंबोज से हाथ मिलाने के हाथ आगे बढ़ाया तो कंबोज नमस्ते करके आगे बढ़ गए। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। बता दें कि टिकट नहीं मिलने से नाराज कंबोज ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया.।

मुख्यमंत्री नायब सैनी और विधायक सुभाष सुधा दरअसल पार्टी से नाराज कंबोज से मिलने उनके गांव पहुंचे थे। उन्हें मनाने पहुंचे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जैसे ही हैंडशेक के लिए हाथ आगे बढ़ाया। कंबोज हाथ जोड़कर आगे बढ़ गए। कंबोज का कहना है कि अब वह बीजेपी को हराने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी से पूछना चाहता हूं कि ऐसी क्या मजबूरी थी कि 2019 में श्याम सिंह राणा का टिकट काटना पड़ा और ऐसी क्या मजबूरी आ गई कि इतनी गद्दारी करने के बावजूद 2024 में उन्हें टिकट दिया गया? ऐसी कौन सी मजबूर थी, पार्टी मुझे बताएं? अगर मैं उससे संतुष्ट होऊंगा तो मैं पार्टी का सहयोग करूंगा। लेकिन जिस तरह से षडयंत्र कर गद्दार को टिकट दिया गया, जिसने पार्टी के उम्मीदवार को हराने का काम किया। जो आदमी हमें गालियां देता रहा, उसे टिकट दिया लेकिन हमें टिकट नहीं दिया। इससे पार्टी के कार्यकर्ता नाराज हैं।

प्रदेश में ओबीसी का सम्मान नहीं
कंबोज ने कहा कि पीएम ने ओबीसी समाज को सम्मान दिया है लेकिन प्रदेश में ओबीसी का सम्मान नहीं है। इससे कार्यकर्ता नाराज है। मेरी दोनों सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी थी। टिकट एक ही सीट पर मिलना था। लेकिन हम दूसरी सीट पर उतारे जाने वाले उम्मीदवार को भी जितवाने का काम करते। लेकिन किसी भी सीट से टिकट नहीं मिला। बीजेपी अब ये दोनों सीटे हारेगी। अगर नहीं हारेगी तो हम दोनों सीटों पर हरवाने का काम करेंगे। कंबोज जैसे नाराज नेताओं की लंबी फेहरिश्त है।

कविता जैन फूट-फूट कर रोई
सोनीपत से टिकट नहीं मिलने पर पूर्व मंत्री कविता जैन बृहस्पतिवार को समर्थकों के सामने फूट-फूटकर रोने लगीं। उन्होंने पार्टी आलाकमान को आठ सितंबर तक का समय देते हुए तीन दिन में सोनीपत चुत से पार्टी प्रत्याशी निखिल मदान को बदलने का अल्टीमेटम दिया है। सोनीपत के मेयर निखिल कुछ महीने पहले ही कांग्रेस से भाजपा में आए हैं। कविता जैन के पति व भाजपा नेता राजीव जैन ने दिल्ली में डेरा डाल दिया है।

हिसार से टिकट की उम्मीद में थीं जिंदल
कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल को हिसार से टिकट नहीं मिलने पर उनके समर्थक उनके पास पहुंचे और नाराजगी जताई। देश की चौथी सबसे धनी महिला और दो बार मंत्री रह चुकीं सावित्री जिंदल ने कहा कि हिसार विधानसभा सीट से चुनाव लडूंगी, लेकिन किसी पार्टी से या निर्दलीय यह फैसला अभी तक नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि वह कभी भाजपा की सदस्य नहीं थीं। उन्होंने कहा कि मैंने बेटे नवीन जिंदल के लिए कुरुक्षेत्र में प्रचार किया, हिसार में भी प्रचार किया था। उन्होंने कहा कि मैंने कांग्रेस कभी नहीं छोड़ी। अगर बिना कोई कागज भेजे इस्तीफा स्वीकार हो गया हो तो मुझे मालूम नहीं।

वहीं, टिकट न मिलने से नाराज फतेहाबाद के रतिया से विधायक लक्ष्मण नापा ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वह दिल्ली में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा से भी मिलने पहुंचे। वहीं, राज्यमंत्री बिशंबर वाल्मीकि का बवानीखेड़ा से भाजपा से टिकट कटने से उनके आंसू टपक पड़े तो तोशाम से टिकट नहीं मिलने पर पूर्व विधायक शशिरंजन परमार भी रो पड़े। भाजपा ने तोशाम से पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की पौत्री श्रुति चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा है। बवानीखेड़ा से नया चेहरा कपूर सिंह वाल्मीकि को का टिकट दिया है।

बता दें कि हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के चुनाव के लिए बीजेपी ने बुधवार को 67 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी। लेकिन यह लिस्ट जारी होने के बाद से बीजेपी को अपने नेताओं की नाराजगी का सामना भी करना पड़ा है। कई नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। कुछ ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। ऊर्जा और जेल मंत्री रणजीत सिंह चौटाला और विधायक लक्ष्मण दास नापा समेत बड़ी संख्या में कई नेताओं ने टिकट कटने पर नाराजगी जाहिर करते हुए पार्टी छोड़ने का ऐलान किया। राज्य में 5 अक्तूबर को एक ही चरण में वोटिंग होनी है जबकि नतीजे 8 अक्तूबर को आएंगे।

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