भोपाल। मध्यप्रदेश में मंगलवार को दस्तक सह स्टॉप डायरिया अभियान की शुरुआत हुई। यह अभियान 25 जून से 31 अगस्त तक चलेगा। भोपाल में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम में शामिल होकर उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने अभियान का शुभारंभ किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि स्वास्थ्य के विभिन्न पैरामीटर आईएमआर, एमएमआर, सीएमआर आदि में मप्र को शीर्ष स्तर में ले जाना है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को पूरे तन-मन से काम करना होगा।
राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि मप्र में योग्यता की कमी नहीं है। स्वास्थ्य विभाग को निरंतर सशक्त किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में संसाधनों की कमी नहीं है। स्वास्थ्य विभाग में आगामी 6 महीने में 30 हजार पदों पर भर्ती की जाएगी। मध्यप्रदेश के हर नागरिक, हर क्षेत्र तक गुणवत्तापूर्ण सेवाओं की पहुंच और उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार सतत प्रयास कर रही है। डिप्टी सीएम ने कहा कि हमारे पास जो भी लोग आते हैं, वह कहते हैं कि बिल्डिंग तो अच्छी है। डॉक्टर्स भी दे दीजिए, पैरामेडिकल स्टॉफ भी दे दीजिए। यह चुनौती हमारे सामने थी। अगले छह महीने में 30 हजार एडिशनल मैन पॉवर स्वास्थ्य विभाग को मिलने वाला है। अब हमें काम करना है। बिल्डिंग इक्विपमेंट और मैन पावर देने की जिम्मेदारी सरकार की है। परफॉर्म करने की जिम्मेदारी आपकी है।
मेडिकल प्रोफेशन ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं देने के बारे सोचे
डिप्टी सीएम ने अपील की है कि मेडिकल प्रोफेशनल ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देनें के बारे में सोचे। आवश्यक सुविधाओं के लिए विभागीय स्तर पर सतत मंथन किया जा रहा है और सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। वहीं उन्होंने कहा कि पीएम श्री एयर एम्बुलेंस सेवा से आपातकाल में दूरस्थ क्षेत्रों के नागरिकों को उत्कृष्ट सेवाएं मुहैया कराने का प्रयास किया गया है। एयर एम्बुलेंस सेवा का आवश्यकतानुसार उपयोग सुनिश्चित करने लिए विभागीय अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों को जागरूकता लाने के निर्देश दिये गये हैं। तृतीयक स्वास्थ्य सेवाएँ ग्रामीण अंचल में उपलब्ध कराने के लिए अधोसंरचनात्मक विकास और मैनपॉवर उपलब्धता के सतत प्रयास किए जा रहे हैं।
दस्तक अभियान में समुचित शिशु एवं बाल आहारपूर्ति की दी जाएगी समझाईश
दस्तक अभियान के अन्तर्गत बीमार नवजातों और अस्पताल से छुट्टी प्राप्त बच्चों का फालोअप किया जाएगा। 9 माह से 5 वर्ष के बच्चों में विटामिन ए की खुराक का अनुपूरण और 0 से 5 आयु वर्ष के बच्चों में दस्त की पहचान एवं नियंत्रण हेतु ओ.आर. एस. एवं जिंक का वितरण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा किया जाएगा। इसके साथ ही 0-5 आयु वर्ष के बच्चों में निमोनिया, जन्मजात विकृतियों एवं वृद्धि विलम्ब, गंभीर कुपोषण की त्वरित पहचान और प्रबंधन का कार्य किया जाएगा। 6 माह से 5 वर्ष के बच्चों में गंभीर अनीमिया की स्क्रीनिंग एवं प्रबंधन के साथ शिशु एवं बाल आहारपूर्ति सम्बन्धी समझाइश समुदाय को दी जाएगी। आंशिक रूप से टीकाकृत बच्चों या टीकाकरण से छूटे बच्चों की स्थिति की जानकारी लेकर आवश्यक निदानात्मक कार्यवाही की जाएगी। 5 वर्ष तक के बच्चों में श्रवण बाधिता और दृष्टिदोष की पहचान एवं उपचार का कार्य किया जाएगा। साथ ही समस्त चिन्हांकित अनीमिक बच्चों में सिकल सेल अनीमिया की पहचान कर उपयुक्त उपचार किया जाएगा।