भोपाल। देशभर में आज असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक दशहरे का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। मप्र सरकार ने दशहरे का पर्व कुछ अलग अंदाज में ही मनाया। दरअसल मुख्यमंत्री मोहन यादव समेत सूबे के सभी मंत्रियों ने दशहरे पर शस्त्र पूजन किया। सीएम ने जहां लोकमाता अहिल्या बाई की कर्मभूमि महेश्वर पहुंचकर शस्त्र पूजन किया। जबकि मंत्रियों ने अपने प्रभार वाले जिलों ेकिया। सीएम ने महेश्वर में 83.29 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया। सीएम ने 43 निर्माण कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। इस दौरान उन्होंने यह भी ऐलान किया की अगले साल मकर संक्रांति के आसपास कैबिनेट बैठक महेश्वर में की जाएगी और महेश्वर में अहिल्या लोक बनाने की भी घोषणा की।
सीएम ने मंत्रोच्चार के साथ धर्म शास्त्रों में शस्त्र पूजन के विधान अनुसार शस्त्र पूजन एवं कन्या पाद पूजन किया। उन्होंने कहा कि शस्त्र-पूजन हमारी प्राचीन परंपरा का हिस्सा है। शस्त्र आत्मरक्षा, अन्याय और शोषण के विरुद्ध जंग का प्रतीक है। शस्त्रों के भरोसे ही धर्म और देश की रक्षा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि महेश्वर क्षेत्र में युवाओं को रोजगार देने के लिये इंडस्ट्रियल बेल्ट विकसित किया जायेगा। साथ ही यहां पर टूरिज्म विलेज भी बनेगा। महेश्वर में अहिल्या लोक भी बनाया जायेगा। सीएम ने कहा कि शस्त्र पूजन के लिये महेश्वर को इसलिये चुना गया, क्योंकि लोकमाता देवी अहिल्या सुशासन और लोक कल्याण का प्रतीक रही हैं। जनता की सुविधाओं को लेकर जनता की इच्छा, आकांक्षाओं के आधार पर सरकार चलाना ही सुशासन है। इसका लोकमाता देवी अहिल्या बाई सर्वोत्कृष्ट उदाहरण है।
पीएम के नेतृत्व में अगल पहचान बना रहा देश
सीएम ने कहा कि लोकमाता देवी अहिल्याबाई ने सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास के सिद्धांत पर चलकर काम किया। अपने राज्य की सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए उन्होंने जनजातीय समाज से भी मदद ली। लोगों को रोजगार दिलाने के लिए देवी अहिल्याबाई ने औरंगाबाद, हैदराबाद, काशी एवं अन्य शहरों से कारीगरों को लाकर महेश्वर में बुनकरों को काम दिया और महेश्वरी साड़ी के नाम से देश में एक अलग पहचान बनाई। देवी अहिल्याबाई ने नारी सशक्तिकरण के लिए काम किया है। उन्होंने महिलाओं के लिए नर्मदा तट पर अलग घाट बनाये। लोकमाता अहिल्याबाई ने अपने प्रियजनों के दिवंगत हो जाने के बाद भी जनता के अभिभावक के रूप में पूरी कुशलता के साथ अपने राज्य को चलाया। देवी अहिल्या के सिद्धांतों पर चलकर ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की भावना को लेकर काम कर रहे हैं और देश को निरंतर उन्नति की ओर ले जा रहे हैं। प्पीएम मोदी के नेतृत्व में देश आज एक अलग पहचान बना रहा है। यह हमारा सौभाग्य है कि हमें प्रधानमंत्री श्री मोदी के रूप में एक सशक्त नेतृत्व मिला है।
शस्त्र पूजन अन्याय के खिलाफ लड़ने की देते रहेंगे प्रेरणा
मुख्यमंत्री ने माता अहिल्या की 300वीं जयंती पर्व पर अहमदनगर का नाम अहिल्या नगर करने के लिए महाराष्ट्र सरकार और वहं के मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने लोकमाता अहिल्या के कल्याणकारी राज्य की परिकल्पना को जीवन्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के आधार पर अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हुआ है। भगवान राम ने भी अन्याय के विरुद्ध शस्त्र उठाए थे। उनकी इसी परंपरा को आगे बढ़ते हुए आज प्रदेश के सभी जिलों में शस्त्र पूजन के कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं। शस्त्र पूजन कार्यक्रम हमें आत्मरक्षा करने, अन्याय के विरुद्ध लड़ने की प्रेरणा देते रहेंगे।
मकर संक्रांति के आसपास महेश्वर में होगी कैबिनेट बैठक
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आगामी सिंहस्थ को ध्यान में रखकर महेश्वर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को सिविल अस्पताल में रेनोवेशन करने, झापड़ी में 5.50 करोड़ रुपए की सड़क निर्माण,बंगरिया से सोमा खेड़ी तक 4.50 करोड़ रुपए की सड़क निर्माण, मंडलेश्वर कॉलेज का नाम महर्षि मंडन मिश्र के नाम पर करने, क्षेत्र के 2 मंदिरों का जिर्णोद्धार करने, नरसिंह घाट का विस्तार करने, महेश्वर में टेक्सटाइल उद्योग को प्रोत्साहित करने, महेश्वर के पास में औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने, बड़वाह- धामनोद मार्ग पर बड़वाह में डिवाइडर बनाने घोषणा की। उन्होंने स्थानीय सांसद एवं विधायक की मांग पर कहां कि मकर संक्रांति पर्व के पास महेश्वर में कैबिनेट की बैठक होगी। उन्होंने कहा कि तहसील एवं जिलों की सीमाओं का युक्तिकरण करने के लिए परिसीमन आयोग का गठन किया गया है। इस आयोग की रिपोर्ट आने पर जिले एवं संभाग की सीमाएं बदल जाएगी और आम जनता को सहूलियत होगी।