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सिंहस्थ 2028 को लेकर एक्शन में मप्र सरकार, विकास कार्य के लिए 5,882 करोड़ मंजूर, CM बोले- इसके माध्यम से भारत दुनिया का करेगा नेतृत्व

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भोपाल। धार्मिक नगरी उज्जैन में साल 2028 में सिंहस्थ मेला लगेगा, लेकिन चार साल बाद उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ मेले की तैयारियों लेकर मप्र सरकार अभी एक्शन में आ गई है। यहीं नहीं सिंहस्थ-2028 के 19 विकास कार्यां के लिए सरकार ने 5,882 करोड़ रुपए की मंजूरी भी दे दी है। यह मंजूरी मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली मंत्री-मंडलीय समिति ने दी दी है बता दें कि उज्जयिनी में हर 12 साल सिंहस्थ मेले का आयोजन किया जाता है।

सिंहस्थ मेले की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को कहा है कि सनातन धर्म की सभी सन्यासी परम्पराओं के सभी वैष्णव और शैव संत 12 साल में सिंहस्थ में आते हैं और भविष्य में सनातन धर्म की दिशा, आचरण, स्वरूप तय करते है। मानवता की स्थापना के लिये सर्वोच्च सिंहस्थ मेला-2028 में पुन: होने वाला है। सिंहस्थ की तैयारियां अभी से प्रारंभ की जा चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक आयोजन सिंहस्थ के माध्यम से भारत दुनिया का नेतृत्व करेगा। इसकी समुचित तैयारियां की जा रही हैं।

विश्व में होती है सिंहस्थ की गूंज
सीएम ने आगे कहा कि देश के 12 ज्योतिलिंर्गों में से एक महाकाल ज्योर्तिलिंग उज्जैन के महाकाल लोक और दूसरे ज्योर्तिलिंग ओंकारेश्वर में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। मध्यप्रदेश की पहचान धार्मिक नगरी उज्जयिनी में हर 12 वर्ष में होने वाले सिंहस्थ के रूप में होती है। ऐसे में सिंहस्थ प्रदेश के साथ ही राष्ट्र के लिये एक महत्वपूर्ण आयोजन है। पूरे विश्व में इसकी गूंज होती है। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अधिक से अधिक सुविधाएं देने के लिए नये निर्माण कार्य भी कराये जा रहे हैं। साथ ही वर्तमान सुविधाओं का उन्नयन भी किया जा रहा है।

सिंहस्थ को सफल बनाने अभी से शुरू करें तैयारियां
सीएम ने कहा कि सिंहस्थ की सफलता के लिये अभी से तैयारियां शुरू करनी होगी। इन सभी कार्यों को शासकीय विभागों और अन्य उपक्रमों तालमेल के साथ पूर्ण करने के लिये जुटना होगा। उन्होंने कहा कि ऐसी योजना तैयार की जाये कि क्षिप्रा नदी हर हाल में पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त हो और क्षिप्रा नदी में निरंतर शुद्ध जल का अविरल प्रवाह हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंहस्थ-महाकुंभ में दुनिया भर से करीब 15 करोड़ लोगों के शामिल होने की संभावना है। इस वजह से उज्जैन में ट्रैफिक व्यवस्था बनाये रखना बड़ी चुनौतीपूर्ण होगा।

सिंहस्थ के लिये 568 कार्यों के प्रस्ताव प्राप्त
सिंहस्थ-2028 के 19 कार्यों के लिये 5 हजार 882 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है। यह मंजूरी मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्री-मंडलीय की पहली बैठक में दी गई। बैठक में जल संसाधन, नगरीय प्रशासन एवं विकास, ऊर्जा, लोक निर्माण, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के कार्यों को मंजूरी दी गई है। अपर मुख्य सचिव नगरीय प्रशासन एवं आवास नीरज मंडलोई ने बताया कि अभी तक सिंहस्थ-2028 के लिये 18 विभागों के 568 कार्यों के प्रस्ताव प्राप्त हुए है, जिनकी अनुमानित लागत 15 हजार 567 करोड़ रुपए है। इन कार्यों में विभागीय, सिंहस्थ मद और बीओटी आदि के कार्य शामिल है। मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने जानकारी दी कि इंदौर में लव-कुश चौराहे से उज्जैन तक नवीन मेट्रो लाईन बिछाये जाने का सर्वेक्षण कार्य दिल्ली रेल मेट्रो कापोर्रेशन को सौंपा गया है।

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