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सावन का दूसरा सोमवार: बाबा महाकाल का दर्शन पाने उमड़ा भक्तों का सैलाब, शाही सवारी में चन्द्रमौलेश्वर रूप में भक्तों को देंगे दिखाई

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उज्जैन। भगवान भोलेनाथ के सबसे प्रिय महीने सावन का आज दूसरा सोमवार है। ऐसे में आज सुबह से देशभर के शिवायल भगवान भोलेनाथ के जयकारों से गूंजायमान हो रहे हैं। छोटे से लेक बड़े शिव मंदिरों भक्तों लाइनें लगी देखी जा रही हैं। ऐसा ही विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर मंदिर में भी देखने को मिल रहा है। महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल का दर्शन पाने के लिए आधी रात से ही भक्तों की लंबी-लंबी लाइनें लग गई थीं। इतना ही नहीं, जहां तक नजर जा रही है, वहां तक बाबा के भक्त ही दिखाई दे रहे हैं। हालांकि बाबा महाकाल ने भी भक्तों को ज्यादा इंतजार नहीं कराया। भस्मारती के लिए आज डेढ़ घंटे पहले यानि रात 2.30 बजे ही मंदिर के पट खोल दिए गए। आज सबसे पहले भगवान महाकाल का जल से अभिषेक किया गया। इसके बाद दूध, दही, घी, शहद, फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन किया। वहीं भांग, चंदन, सूखे मेवों और आभूषणों से बाबा महाकाल का अर्धनारीश्वर स्वरूप दिव्य श्रृंगार किया गया।

इसके बाद बाबा को भस्म चढ़ाई गई। भस्मीभूत होने के बाद झांझ-मंजीरे, ढोल-नगाड़े व शंखनाद के साथ बाबा की भस्म आरती की गई। चलायमान भस्मारती का हजारों श्रद्धालुओं ने लाभ लिया। भस्म आरती में क्रिकेटर उमेश यादव भी शामिल हुए। उन्होंने भी दर्शन कर बाबा का आशीर्वाद लिया। मान्यता है कि श्रावण माह में शिव आराधना करने से सभी कष्टों से तत्काल मुक्ति मिलती है। मंदिर प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार सुबह 10 बजे तक करीब एक लाख 75 हजार भक्तों दर्शन कर चुके हैं। सावन के पहले सोमवार को 5 लाख से अधिक भक्तों ने दर्शन किए थे, आज भी ऐसी ही संभावना है। रात 10.30 बजे तक दर्शनों का सिलसिला इसी तरह चलता रहेगा।

हाथी पर सवार को प्रजा का हाल जानने निकलेंगे भोलेनाथ
श्री महाकालेश्वर की सावन माह के दूसरे सोमवार को आज दूसरी शाही सवारी निकलेगी। भगवान महाकालेश्वर चंद्रमौलेश्वर के रूप में पालकी में और हाथी पर मनमहेश के रूप में विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे। महाकाल की सवारी को पुलिस ब्रास बैंड के 350 नव प्रशिक्षित जवान और अधिक भव्यता प्रदान करेंगे। बैंड के द्वारा प्रस्तुत मधुर धुनों से सवारी में उत्साह, उमंग और आकर्षण कई गुना बढ़ जायेगा। मध्यप्रदेश की सभी पुलिस इकाइयों में पुलिस के जवानों को 6 माह का प्रशिक्षण दिया गया है। इसके साथ ही पुलिस बैंड द्वारा क्षिप्रा तट पर पूजन के समय दत्त अखाड़ा घाट पर भी विशेष प्रस्तुति दी जाएगी।

इन रूट्स से प्रजा का हाल जानने निकलेंगे महाकाल
मंदिर में शाम 4 बजे पूजा होगी, इसके बाद महाकाल नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवान पालकी में विराजमान भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर को सलामी (गार्ड आॅफ आॅनर) देंगे। भगवान श्री महाकालेश्वर की पालकी मंदिर से निकलने के बाद महाकाल रोड, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी से होते हुए रामघाट पहुंचेगी। यहां शिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार से होते हुए पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिन पहुंचेगी।

ओंकारेश्वर में ओंकार महाराज का हुआ भव्य श्रृंगार
वहीं सावन महीने के दूसरे सोमवार ओंकारेश्वर में ओंकार महाराज का भव्य श्रृंगार किया गया है। गर्भगृह को फूलों से सजाया गया है। श्रृंगार आरती के बाद दर्शन का सिलसिला शुरू हुआ। मंगला आरती में भी भगवान को फलों का नैवेद्य लगाया गया। इसके अलावा मंदसौर में अष्टमुखी भगवान पशुपतिनाथ मंदिर में पंचामृत से अभिषेक किया जा रहा है। सुबह से बाबा के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। अष्टमुखी महादेव का फूलों से श्रृंगार किया गया है। भक्तों को बारिश से बचाने के लिए मंदिर परिसर में डोम टेंट लगाए गए हैं। उधर, तेज बारिश से शिवना नदी भी उफान पर है।

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