चंडीगढ़। दो बार रणनीति असफल होने के बाद शंभू बॉर्डर पर डंटे किसानों ने एक बार फिर दिल्ली मार्च का ऐलान कर दिया है। 101 किसानों का जत्था 14 दिसंबर को दिल्ली की ओर कूच करेगा। यह ऐलान किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किया है। उन्होंने कहा है कि अब हम लोग 14 दिसंबर को दिल्ली की ओर मार्च करेंगे। इस दौरान पंढेर ने यह भी हुंकार भरी की कि किसान भागने वाले नहीं हैं, बल्कि सरकार को भगाएंगे।
सूत्रों की मानें तो मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा और किसान-मजदूर संघर्ष समिति की सामूहिक बैठक हुई। इसके बाद आगामी निर्णय लिया गया। किसान नेता पंढेर ने कहा कि हमारे प्रदर्शन को 303 दिन पूरे हो चुके हैं और किसानों का आमरण अनशन भी 15वें दिन पर पहुंच गया है. हमने हमेशा बातचीत का स्वागत किया है। सरकार की ओर से किसी ने हमसे संपर्क नहीं किया। बता दें कि बीते 11 महीने से किसान शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
सुरक्षाबलों की ओर से किसान नेताओं को बनाया जा रहा निशाना
पंधेर ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि शंभू बॉर्डर पर लगातार हरियाणा पुलिस व सुरक्षा बलों की ओर से किसान नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। शुक्रवार को दिल्ली कूच करने गए जत्थे में शामिल किसान नेता सुरजीत सिंह फूल को घायल किया गया। वहीं रविवार को रेस्क्यू टीम में शामिल किसान नेता दिलबाग सिंह को घायल किया गया। दिलबाग सिंह की हालत ठीक नहीं है और उन्हें इमरजेंसी में शिफ्ट किया जा रहा है।
मोदी सरकार ने लोगों में खोया अपना विश्वास
पंधेर ने कहा कि केंद्र के मंत्री आए दिन उल्टे सीधे बयान देते रहते हैं। यही वजह है कि मोदी सरकार ने लोगों में अपना विश्वास खो दिया है। हरियाणा व पंजाब पुलिस प्रशासन ने किसानों से समय मांगा था, उन्हें दे दिया। अब अगर बातचीत का न्योता आता है, तो बहुत अच्छा है। लेकिन अगर नहीं आता है, तो फिर मंगलवार को दोनों फोरमों की ओर से बैठक में विचार करने के बाद दिल्ली कूच पर फैसला लिया जाएगा। किसान पीछे हटने वाले नहीं हैं। हर हाल में अपनी मांगों को केंद्र से मनवा कर ही रहेंगे। पंधेर ने पंजाब के सभी गायकों व प्रसिद्ध शख्सियतों से बॉर्डरों पर अपनी मांगों को लेकर महीनों से बैठे किसानों के हक में आगे आकर आवाज बुलंद करने की अपील भी की।
जगजीत डल्लेवाल का वजन 11 किलो घटा
इस बीच किसान संगठनों के बड़े नेता शंभू बॉर्डर से खनौरी बॉर्डर पहुंच गए हैं। किसानों ने यहां मंगलवार को सामूहिक भूख हड़ताल रखा। सोमवार को किसान नेता काका सिंह कोटडा ने मंच से कहा कि संयुक्त मोर्चा के प्रमुख जगजीत डल्लेवाल की सेहत लगातार बिगड़ती जा रही है। उनका वजन करीब 11 किलो कम हो गया है। वह काफी कमजोरी महसूस कर रहे हैं। उन्हें चक्कर आते रहते हैं। डॉक्टरों के मुताबिक डल्लेवाल के लिवर फंक्शन टेस्ट खराब आ रहे हैं।
राजनीति भी तेज
किसान आंदोलन पर पंजाब में राजनीति भी तेज हो गई है। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा कि किसान बस यही मांग रहे हैं कि एमएसपी पर कानूनी गारंटी दी जाए। लेकिन केंद्र का व्यवहार ठीक नहीं है। किसानों पर लाठीचार्ज हो रहा है और उन्हें दिल्ली नहीं जाने दिया जा रहा है। राहुल गांधी ने भी एमएसपी पर कानूनी गारंटी का मामला उठाया है। अगर हमें मौका मिला तो हम संसद में शून्यकाल या प्रश्नकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाएंगे। कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियां कॉरपोरेट समर्थक और किसान विरोधी हैं। हमें उनसे कोई उम्मीद और अपेक्षा नहीं है। वहीं पंजाब विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि केंद्र सरकार को आगे आकर किसानों से बात करनी चाहिए।