भोपाल। खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास सारंग ने सोमवार को वाटर स्पोर्ट्स अकादमी में वाटर स्पोर्ट्स की गतिविधियों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने युवाओं और नागरिकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से सप्ताह में एक दिन लेक व्यू पर वाटर स्पोर्ट्स की गतिविधियों का आयोजन करने के निर्देश दिये। बैठक में संचालक रवि कुमार गुप्ता, संयुक्त संचालक बी.एल. यादव, सहायक संचालक क्षिप्रा श्रीवास्तव सहित वाटर स्पोर्ट्स अकादमी के कोच और ट्रेनर्स उपस्थित थे। सारंग ने शुरूआत में अकादमी के बच्चों से भेंटकर उनकी समस्या और सुझाव जाने। साथ ही उनके खाने और ठहरने की व्यस्थाओं के बारे में भी जानकारी प्राप्त की।
मंत्री सारंग ने कहा कि इसके लिये एक इवेंट प्रोग्राम भी बनाएं, जिसमें वाटर स्पोर्ट्स की गतिविधियों को पूरा शहर देखे। इसमें नगर निगम और पर्यटन विभाग सहित अन्य विभागों का भी सहयोग लिया जाये। उन्होंने ने कहा कि पालकों को भी खेल के प्रति जागरूक करने के प्रयास किया जाना चाहिए। खेल से युवाओं को अनुशासन, संस्कार और कॅरियर मिलता है। इवेन्ट प्रोग्राम से बच्चों और युवाओं को खेल की गतिविधियां देखकर उनके प्रति आकर्षण और खेल की भावना जागृत होगी। उन्होंने वाटर स्पोर्ट्स अकादमी में एलईडी के माध्यम से वाटर स्पोर्ट्स की गतिविधियों की शॉर्ट फिल्म का प्रदर्शन करवाने को भी कहा।
खिलाड़ियों की डाक्यूमेंट प्रोफाइल हो तैयार
खेल मंत्री ने कहा कि अकादमी के खिलाड़ियों की डायरी तैयार की जाये, इस डाक्यूमेंट प्रोफाइल में उसका विवरण सहित खेल में प्रदर्शन और अचीवमेंट दर्ज हो। साथ ही फिजीकल एक्टिविटी का समावेश भी हो। उन्होंने कहा कि भारत सरकार से स्पोर्ट्स की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये अपेक्षाएं एवं अनुदान के संबंध में प्रस्ताव तैयार किया जाए। सारंग ने कहा कि उत्कृष्ठ खिलाड़ियों की सफलता की कहानियां भी तैयार की जाये। उसका सोशल मीडिया, प्रिन्ट और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर प्रदर्शन हो इससे युवा खेल के प्रति आकर्षित होंगे और टेलेंट सर्च करने में आसानी होगी।
स्कूली बच्चों में अकादमी के प्रति आकर्षित करने के प्रयास हों
सारंग ने कहा कि मध्यप्रदेश में वाटर स्पोर्ट्स, शूटिंग और हॉकी में अपार संभावनाएं है। इस दिशा में भरकस प्रयास किये जाने चाहिए। स्कूली बच्चों को अकादमी में आकर्षित करने के लिये इसकी जानकारी उन तक पहुंचाना हमारा लक्ष्य होना चाहिए। इसके लिये विभिन्न तरह के प्रोग्राम के जरिए उन्हें अवगत करवाना होगा। मंत्री ने कहा कि वाटर स्पोर्ट्स के लिये उपकरणों की कमी नहीं होना चाहिए। साथ ही कोच एवं ट्रेनर का आंकलन कर लिया जाये, उसी हिसाब से इसकी व्यवस्थाएं की जायेंगी। टेलेंट सर्च के जरिए जिनमें खेल के प्रति रूचि हो वहीं बच्चे चयनित किये जाये। इसके लिये “खेलो-बढ़ो” अभियान का समावेश किया जाये।