भोपाल। मध्यप्रदेश की संस्कारधानी कहे जाने वाले जबलपुर में 20 जनवरी यानि शनिवार को रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव (क्षेत्रीय उद्योग सम्मेलन) आयोजित होने जा रही है। क्षेत्रीय उद्योग सम्मेलन का शुभारंभ मुख्यमंत्री मोहन यादव करेंगे। कार्यक्रम नेताजी सुभाष चंद्र बोस सांस्कृतिक और सूचना केंद्र में आयोजित किया जाएगा। जिसकी तैयारियां जोरों पर हैं। इतना ही नहीं सीएम यादव ने रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव के संबंध में गुरुवार को जबलपुर, कटनी, मंडला, डिंडौरी और नरसिंहपुर के औद्योगिक संघों के पदाधिकारियों व उद्योगपतियों से वर्चुअली संवाद किया।
बता दें कि इस सम्मेलन का उद्देश्य क्षेत्रीय क्षमता का दोहन कर औद्योगिक विकास में असमानताओं को दूर करना है। जबलपुर क्षेत्र की औद्योगिक क्षमताओं और अवसरों से निवेशकों को रू-ब-रू करवाकर क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना है। नवाचारी सम्मेलन का उद्देश्य प्रमुख बाजारों से निवेशकों को एक साथ लाकर, सार्थक चर्चा करके सहयोग को बढ़ावा देना है। सीएम ने यादव ने संवाद करते हुए कहा कि भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प में सहयोग के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। निवेश प्रोत्साहन को प्राथमिकता देते हुए राज्य शासन द्वारा वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष में मनाने का निर्णय लिया गया है।
आद्योगिक गतिविधियों को मिलेगा प्रोत्साहन
उन्होंने कहा कि रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव, स्थानीय उद्योगों की समस्याओं का समाधान कर उन्हें प्रोत्साहित करते हुए प्रदेश व देश की अर्थव्यवस्था की उन्नति में उनकी उद्यमशीलता के योगदान को बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही हैं। जबलपुर में होने वाले इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव से जबलपुर व आसपास के जिलों की औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार स्थानीय उद्यमियों के साथ बाहर के उद्यमियों को जोड़कर प्रदेश के सभी अंचलों में समान विकास सुनिश्चित करने के लिये प्रतिबद्ध है। कृषि, रोजगार, व्यापार और पर्यटन आदि क्षेत्र में स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार रोजगारमूलक गतिविधियों को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा। रहे थे।
की जाएगी बेहतर लिंकेज की व्यवस्था
सीएम ने कहा कि प्रदेश में उपलब्ध खनिज संपदा तथा अन्य प्राकृतिक संसाधनों की वैल्यू एडिशन के लिए युवाओं को विभिन्न कौशलों का आवश्यक प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के साथ-साथ व्यापार-व्यवसाय के लिए उनके बेहतर लिंकेज की व्यवस्था की जाएगी। इससे व्यवसाय में होने वाला अधिकतम लाभ स्थानीय लोगों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि जबलपुर जिले में 5 विकसित औद्योगिक क्षेत्र और एक विकासाधीन औद्योगिक क्षेत्र 640 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर स्थित है, जिसमें 514 एमएसएमई इकाइयां कार्यरत हैं।
जबलपुर आईटी पार्क में रोजगार की प्रबल संभावनाएं
सीएम ने कहा कि जबलपुर में विकसित किए गए आईटी पार्क में भी रोजगार की बहुत संभावनाएं मौजूद हैं। इसके साथ ही फर्नीचर क्लस्टर, नवीन गारमेंट क्लस्टर, खाद्य प्र-संस्करण आधारित उद्योगों, माइनिंग एंड मिनरल प्रोसेसिंग और फार्मा इकाइयों में भी बहुत संभावनाएं हैं। रीजनल इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव के माध्यम से क्षेत्र के लोग औद्योगिक विकास को मूर्त रूप लेते हुए अपने सामने देख सकेंगे। यह प्रक्रिया निरंतर जारी रहेगी। देश के दूसरे भागों से भी उद्योगपतियों को निवेश और औद्योगिक गतिविधियों के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। प्रदेश में सागर, ग्वालियर, रीवा में भी रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव आयोजित किए जाएंगे।
सीएम यादव ने इन उद्योगपतियों से किया संवाद
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के साथ वर्चुअल संवाद में जबलपुर से महाकौशल चेम्बर आॅफ कॉमर्स के अध्यक्ष रवि गुप्ता, फेडरेशन आॅफ म.प्र. चैम्बर आॅफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज के सीनियर वाइस सेक्रेटरी हिमांशु खरे, लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष व्ही.के. नेमा, महाकौशल उद्योग संघ के अध्यक्ष बी.आर. जैसवानी, कटनी से मप्र लघु उद्योग संघ के सुधीर कुमार मिश्रा, मध्यप्रदेश रिफ्रेक्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद गुगलिया, मंडला से राईस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल वीरानी सहित नरसिंहपुर के सजल अग्रवाल और डिण्डौरी के रमेश राजपाल ने अपने विचार रखे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में महाकौशल क्षेत्र के अन्य उद्योगपति और व्यवसायी भी शामिल हुए।