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रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव: CM मोहन ने उद्योगपतियों को ऐसे लुभाया, मिले 17 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव, 10 करोड़ खर्च करेगा अडाणी ग्रुप

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जबलपुर। मध्यप्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में शनिवार को रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया। नेताजी सुभाषचंद्र बोस कन्वेंशन सेंटर में आयोजित रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव में 5 देशों और 9 राज्यों के 3000 से ज्यादा निवेशकों ने शिरकत की। कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने डिफेंस, टेक्सटाइल, फार्मा, टूरिज्म, फूड, टैंक निर्माण आदि सेक्टर में नए उद्योग लागने उद्योगपतियों से वन-टू-वन चर्चा की। शुरू करने पर चर्चा हुई। यही नहीं, मप्र सरकार को 17 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव भी मिले हैं। अडाणी ग्रुप गोला बारूद के उत्पादन में अकेले 10 हजार करोड़ का निवेश करेंगा। वहीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के दौरान 67 औद्योगिक इकाईयों का लोकार्पण और भूमिपूजन हुआ। इन नई औद्योगिक इकाइयों से 12 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। इन इकाइयों को भूमि आवंटन के आशय पत्र भी सौंपे गए।

रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में आए उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए सीएम मोहन ने कहा कि टेक्सटाइल क्षेत्र में अति-आधुनिक स्किल सेंटर की शुरूआत की जाएगी, जिससे विशेष रूप से बहनों को रोजगार प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि एमपी में टूरिज्म, माइनिंग और अन्य सेक्टर के अलावा शिक्षा के क्षेत्र में रोजगार की अवसर पैदा किए गए हैं। सीएम ने कहा, एमपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चलने को तत्पर है। हम मोदी के नेतृत्व में पांचवीं अर्थव्यवस्था बने हैं। सीएम ने कहा, ढाई सौ साल तक लूट का शिकार बनने के बाद 75 सालों में हमने अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने का काम किया है। एमपी में माइनिंग की नीलामी ने देश में अलग स्थान हासिल किया है।

रक्षा क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि
सीएम ने कहा कि खनिज के क्षेत्र में ओडिशा के बाद मध्य प्रदेश दूसरे स्थान पर है। खदानों की नीलामी में मध्य प्रदेश की पारदर्शी प्रक्रिया देश में अग्रणी है। भारत सरकार ने पुरस्कार भी दिया है। प्रदेश के पन्ना जिले में हीरा उत्पादन होता है। अब हीरों को तराशने का कार्य भी प्रदेश में किया जाएगा। गौरतलब है कि सीएम कि उपस्थिति में 600 करोड़ के निवेश के लिए अशोक लीलैंड और आर्मर्ड व्हीकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड में करार हुआ। रक्षा क्षेत्र में यह नया कदम है। अब तक मध्य प्रदेश में तोप निर्माण हो रहा था। अब सेना के टैंक भी मध्य प्रदेश में ही बनेंगे। इस दौरान सीएम ने छिंदवाड़ा के विकास के लिए 15 नई यूनिट का वर्चुअल लोकार्पण भी किया। कहा- छिंदवाड़ा के विकास में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी।

उद्योगों को बिजली और पानी की नहीं होगी कमी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में उद्योगपतियों से मध्यप्रदेश में निवेश करने का आमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सिर्फ पांच मेडिकल कॉलेज होते थे। अब यह संख्या 25 होने वाली है। प्रदेश में फार्मा सेक्टर की 275 यूनिट काम कर रही हैं। अकेले पीथमपुर में ही 60 इकाइयां हैं। प्रदेश से 160 से अधिक देशों को फार्मा प्रोडक्ट भेजे जाते हैं। फूड प्रोसेसिंग में हम 150 प्रतिशत प्रोत्साहन देने को तैयार हैं। उद्योगों को पानी और बिजली की आपूर्ति की कोई कमी नहीं है। आठ मेगा फूड पार्क संचालित हो रहे हैं। दो और मेगा फूड पार्क आ रहे हैं।

यह भी रहे मौजूद
अडानी पावर, नेटलिंक, वैद्यनाथ ग्रुप, दावत फूड्स, वॉल्वो आयशर, एवीएनएल, एनसीएल, स्वराज शूटिंग, लोहिया एनर्जी, आदिशक्ति राइस मिल, फिनिक्स पोल्ट्री, इंफोविजन दुबई और दलित चैम्बर आॅफ कॉमर्स (डिकी ) सहित अनेक उद्योग संगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहे। प्रमुख सचिव राघवेंद्र कुमार सिंह सभी निवेशकों को 7-8 फरवरी 2025 को भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर सम्मिट में सहभागिता के लिए आमंत्रित किया। बैद्यनाथ ग्रुप, आईटीसी, वॉल्वो आयशर, बेस्ट कॉर्प, एसआरएफ और दावत ग्रुप जैसे प्रमुख उद्योगों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। ताइवान, मलेशिया, यूके, फिजी, कोस्टा रिका और इंडोनेशिया जैसे देशों के प्रतिनिधि भी कॉन्क्लेव में शामिल हुए।

उद्यमियों से सीएम ने की वन-टू-वन चर्चा
इस वर्ष का दूसरा इंडस्ट्री कॉन्क्लेव जबलपुर में आयोजित हुआ। पांच देशों के साथ-साथ देश के कई प्रमुख उद्योगपतियों ने कॉन्क्लेव में भाग लिया। इससे पहले मार्च में उज्जैन में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन हुआ था। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने प्रदेश की 29 औद्योगिक इकाइयों का लोकार्पण और 38 औद्योगिक इकाइयों का भूमिपूजन किया। कुल 67 इकाइयों की शुरूआत की। इन परियोजनाओं में 1,500 करोड़ रुपए का निवेश होगा। करीब 4,500 लोगों को रोजगार मिलेगा। प्रदेश की 265 इकाइयों को 340 एकड़ भूमि के आवंटन के लिए आशय पत्र जारी किए गए। 1,800 करोड़ रुपये का निवेश होगा। 12,000 लोगों को रोजगार मिलेगा। प्रदेश में 16 औद्योगिक पार्क के माध्यम से कुल 517 लघु, मध्यम और सूक्ष्म उद्योगों द्वारा पौने छह हजार करोड़ का निवेश हुआ है। इससे 20 हजार लोगों को रोजगार मिला है। कॉन्क्लेव में मध्य प्रदेश की विशेषताओं पर केंद्रित लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। जबलपुर की रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में चार हजार से ज्यादा निवेशक जुटे। उद्यमियों से वन-टू-वन चर्चा भी हुई। कॉन्क्लेव में पांच सेक्टर्स पर फोकस किया गया। ये हैं- एग्रो, माइंस, डिफेंस, टूरिज्म और गारमेंट्स।

निवेशकों ने जताया भरोसा- मध्य प्रदेश बनेगा सरताज
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने राज्य की खनिज नीति के संदर्भ में मार्गदर्शक पुस्तिका का विमोचन किया। कॉन्क्लेव में हीडलबर्ग सीमेंट के सीईओ जॉयदीप मुखर्जी, प्रतिभा सिंटेक्स के एमडी श्रेयस्कर चौधरी, वीई कमर्शियल व्हीकल के एमडी विनोद अग्रवाल और एसआरएफ लिमिटेड के सीएमडी आशीष भारतम ने प्रदेश में निवेश के अनुभव साझा किए। मुखर्जी ने कहा कि उन्हें लीडरशिप पर भरोसा है। चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव की कथनी और करने में अंतर नहीं है। वॉल्वो आयशर के विनोद अग्रवाल ने कहा कि उन्हें मध्य प्रदेश में 35 हजार से अधिक लोगों को रोजगार देकर खुशी हुई है। मध्य प्रदेश भारत का दिल है और अब सरताज भी बनेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अग्रवाल से आग्रह किया कि वे मध्य प्रदेश में रिसर्च सेंटर भी प्रारंभ करें।

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