नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केन्द्र सरकार पर पीएसबी को अमीर और शक्तिशाली निगमों के के लिए निजी फाइनेंसर्स में बदलने का आरोप लगाया है। उनके इस आरोप पर केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जोरदार पटलवार किया है। उन्होंने कहा कि सरकारी बैंकों पर राहुल का बयान मेहनती कर्मचारियों और साफ-सुथरी एवं मजबूत बैंकिंग प्रणाली से लाभान्वित होने वाले नागरिकों का अपमान है।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने राहुल पर आरोप पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के शासनकाल के दौरान उनके व्यापारी मित्रों के लिए एटीएम के रूप में माना जाता था। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के दौरान भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबीएस) में हुए सुधारों और उपलब्धियों को गिनाते हुए राहुल गांधी के आरोपों को “बेबुनियाद” और “तथ्यों से परे” बताया। उन्होंने कहा कि भारत के बैंकिंग क्षेत्र, खासकर पब्लिक सेक्टर बैंकों (पीएसबीएस) में पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अभूतपूर्व सुधार हुए हैं।
सीतारमण ने किया राहुल के बयान पर पलटवार
सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस के सरकारी कार्यकर्ताओं द्वारा बैंकों को फोन बैंकिंग के माध्यम से ‘क्रोनीज’ को ऋण देने के लिए मजबूर किया गया था। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, “क्या नेता प्रतिपक्ष से मिलने वाले लोगों ने उन्हें यह नहीं बताया कि हमारी सरकार ने 2015 में एक समीक्षा की थी, जिसमें कांग्रेस सरकार की फोन बैंकिंग का पता चला था।” सीतारमण ने बताया कि पीएम मोदी के कार्यकाल में पीएसबी को 3.26 लाख करोड़ रुपये का फिर से पूंजीकरण के माध्यम से समर्थन दिया गया। इसके साथ ही उन्होंने जन धन योजना, पीएम मुद्रा, स्टैंड-अप इंडिया जैससी योजनाओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी द्वारा तथ्यों को गलत तरीके से पेश करना पीएसबी के कर्मचारियों और उन नागरिकों का अपमान है, जिन्हें बैंकिंग प्रणाली से लाभ मिलता है।
राहुल ने लगाया था यह आरोप
बता दें कि राहुल गांधी ने सोशल मीडिया में एक पोस्ट डालकर केन्द्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि सार्वजनिक बैंकों को प्रत्येक नागरिक को ऋण तक पहुंच प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया था। मोदी सरकार ने इसे अमीर और शक्तिशाली निगमों के लिए निजी फाइनेंसर्स में बदल दिया। कांग्रेस सांसद के इस आरोप पर निर्मला सीतारमण ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “विपक्ष के नेता राहुल गांधी का एकबार फिर आधारहीन बयान देने का दौर शुरू हो गया है। भारत के बैंकिंग क्षेत्र विशेष रूप से सार्वजनिक बैंकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में बहुत बड़ा बदलाव देखा है। क्या नेता प्रतिपक्ष से मिलने वाले लोगों ने उन्हें यह नहीं बताया कि कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान अंधाधुंध ऋण देने देने के परिणामस्वरूप पीएसपी के कामकाज में गिरावट आई थी।”