भोपाल। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार को शिक्षा भूषण अखिल भारतीय शिक्षक सम्मान समारोह को संबोधित किया। समारोह का आयोजन मप्र शिक्षक संघ द्वारा भोपाल के रवीन्द्र भवन में आयोजित किया गया था। सीएम ने शिक्षा भूषण अखिल भारतीय शिक्षक सम्मान -2024 से डॉ. रामचंद्रन आर., प्रोफेसर केके अग्रवाल और प्रोफेसर कुसुमलता केडिया को सम्मानित किया।
सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए सीएम मोहन ने कहा कि गुरुकुल परंपरा हमारे देश की शिक्षा का आधार रही है। शिक्षक हमेशा पूज्य थे और पूज्य रहेंगे। भारत विश्व गुरु के रूप में उस शिक्षक परंपरा को स्थापित करना चाहता है, जो गुरुकुल परंपरा चाणक्य से चंद्रगुप्त तक और चंद्रगुप्त से विक्रमादित्य तक हर जगह, हर समय, हर काल में कायम रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के हित में शिक्षा, शिक्षा के हित में शिक्षक और शिक्षक के हित में समाज के उद्देश्य से आयोजित शिक्षक समारोह के आयोजन में शैक्षिक फाउंडेशन और अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की महत्वपूर्ण भूमिका है।
भारत में गुरु का बड़ा महत्व
सीएम उन्होंने कहा कि भारत की गुरु और गुरुकुल परंपरा में गुरु का बड़ा महत्व है। इतिहास में जब भी कोई प्रश्न खड़े हुए तो गुरु की भूमिका सामने आई। यदि भगवान श्रीराम और लक्ष्मण को गुरु वशिष्ठ वनवास के लिए नहीं ले जाते तो रामायण में राम का चरित्र अधूरा रहता। भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा में गुरु सांदीपनि का उज्ज्वल चरित्र शिष्यों के लिए अनुकरणीय और चुनौतियों में प्रेरणा का स्रोत रहा है।
कार्यक्रम में यह रहे मौजूद
सीएम ने सरस्वती वंदना के साथ दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। समारोह में अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सुरेश सोनी, स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह, राज्यसभा सदस्य स्वामी उमेश नाथ जी महाराज कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित थे।