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मोहन सरकार फिर लेगी 5 हजार करोड़ का कर्ज: नाथ का तंज- कर्ज लो और घी पियो के सिद्धांत पर चल रही सरकार

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भोपाल। विकास कार्यों को गति देने के लिए मप्र की मोहन सरकार लगातार कर्ज ले रही है। इसी महीने 6 अगस्त को 5 हजार करोड़ का कर्ज देने के बाद सरकार 27 अगस्त को फिर 5 हजार करोड़ का कर्ज लेने जा रही है। यानि इसी महीने में मोहन सरकार ने 10 हजार करोड़ का कर्ज लिया है। मप्र के ऊपर लगातार बढ़ रहे कर्ज को लेकर कांग्रेस हमलावार हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी सरकार पर हमला बोला है। बता दें कि चालू वित्त वर्ष में डॉ.मोहन यादव सरकार यह तीसरा कर्ज ले रही है। कर्ज की इस राशि से सरकार मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाले कामों में लगाया जाएगा।

कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा कि मध्य प्रदेश की डॉक्टर मोहन यादव सरकार कर्ज लो और घी पियो के सिद्धांत पर चल रही है। सरकार एक बार फिर से पांच हजार करोड़ का कर्ज लेने जा रही है। प्रदेश पर पहले से ही 3.8 लाख करोड़ का कर्ज है। प्रदेश को कर्ज के दलदल में डुबाने वाली भाजपा सरकार के मुंह से आज तक यह नहीं सुना कि अगर प्रदेश के ऊपर कर्ज बढ़ रहा है तो सरकार फिजूल खर्च में कमी करने के लिए कोई कदम उठाने जा रही है।

कर्ज लेने के बाद भी ना रोजगार बढ़े ना नौकरियां
नाथ ने आगे लिखा कि लगातार कर्ज लेने के बावजूद न तो प्रदेश में निवेश बढ़ा है, न रोजगार बढ़ा है, न नौकरी बढ़ी है, न ही गेहूं और धान का समर्थन मूल्य बढ़ाया गया है और न ही लाड़ली बहनों को तीन हजार रुपये प्रति महीने दिए जा रहे हैं। जब समाज के किसी वर्ग के कल्याण में यह पैसा खर्च नहीं हो रहा तो जाहिर है, यह सारा कर्ज भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है और सत्ता और संगठन मिलकर पैसे की बंदरबांट कर रहे हैं। अगर मोहन यादव सरकार इसी तरह कर्ज लेती रही तो प्रदेश दिवालियेपन की कगार पर पहुंच जाएगा। मैं मुख्यमंत्री से निवेदन करता हूं कि उन्हें अपनी वित्तीय नीतियों के बारे में फिर से सोचना चाहिए और इस तरह के कदम उठाने चाहिए जिससे प्रदेश कर्ज़ के दलदल से बाहर आ सके।

सरकार ने एक लिया था 44 हजार करोड़ का कर्ज
वित्त विभाग द्वारा नए लोन के लिए अधिसूचना जारी की गई है। अधिसूचना के मुताबिक ढाई हजार-ढाई हजार करोड़ का यह कर्ज 28 अगस्त 2038 तक 14-14 साल की अवधि के लिए लिया जा रहा है, जिसकी भरपाई सरकार इस अवधि में करेगी। इसका ब्याज सरकार हर साल जमा करती रहेगी। गौरतलब है कि मप्र पर 31 मार्च 2024 को खत्म हुए वित्त वर्ष में 3 लाख 75 हजार 578 करोड़ रुपए का कर्ज है। एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक मप्र सरकार ने एक साल में 44 हजार करोड़ रुपए कर्ज लिया था। इसके पहले 31 मार्च 2023 को सरकार पर कर्ज की राशि 3 लाख 31 हजार करोड़ रुपए से अधिक थी।

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