भोपाल। मामा और भाई के नाम से मशहूर मप्र के पूर्व सीएम और केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को लेकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के सुर बदल गए हैं। यही नहीं, उन्होंने शिवराज को नया नाम किसान के लाड़ले भाई भी दे दिया है। धनखड़ ने शिवराज को संबोधित करते हुए कहा कि आज से मैंने आपका नामकरण किसानों के लाड़ले भाई कर कर दिया है।
बता दें कि दो दिन पहले मुंबई के एक कार्यक्रम में किसानों के मुद्दे पर केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से सवाल करते हुए उपराष्ट्रपति ने पूछा था कि कृप्या करके मुझे बताएं कि किसान से किया गया वादा क्यों नहीं निभाया गया। उसे पूरा करने के लिए हम क्या कर रहे हैं। उपराष्ट्रपति के कृषि मंत्री से पूछे गए इस सवाल को मुद्दा भी बनाया था, लेकिन शुक्रवार को उनके सुर बदले गए और शिवराज की तारीफ करते हुए उनका नया नामकरण कर दिया।
यह बोले धनखड़
धनखड़ ने कहा कि जिस व्यक्ति की पहचान देश में ‘लाडली बहनों के भैया’ के रूप में थी, अब वो किसान का लाड़ला भाई बन गया है। इस बयान के दौरान उन्होंने शिवराज की ऊर्जा और उनके किसानों के प्रति किए गए कार्यों का उल्लेख किया और उन्हें पूरी तरह से आश्वस्त किया कि वह किसानों के लिए और भी बेहतर काम करेंगे। धनखड़ की तारीख वाले वीडियों को केंद्रीय मंत्री ने अपने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। उन्होंने आगे कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि शिवराज सिंह चौहान अपने नाम के अनुरूप ऊजार्वान मंत्री हैं और किसानों के लिए उनका कार्य इस दिशा में सकारात्मक रूप से प्रभावित होगा।
जयराम के सवालों का शिवराज ने दिया जवाब
बता दें कि इन दिनों लोकसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है। सत्र के 9वें दिन शुक्रवार को राज्यसभा में किसानों का मुद्दा उठाने वाले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को लेकर सवाल पूछा। इसके जवाब में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आश्वासन दिया कि मोदी सरकार किसानों की उपज को एमएसपी पर खरीदने की पूरी गारंटी देती है। चौहान ने इस दौरान यह भी कहा कि पिछली सरकारों के समय एमएसपी पर कृषि उपज की खरीद के लिए किसी तरह की कोई गारंटी नहीं दी गई थी। कृषि मंत्री ने आगे कहा कि हमने एमएसपी बढ़ाने के साथ ही किसानों से उनकी फसलें एमएसपी पर खरीदने का काम किया है।
स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों का हवाले दें शिवराज ने जयराम को घेरा
उन्होंने इस दौरान एमएस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों का हवाला देते हुए यह भी कहा कि पिछली सरकारों ने इन सिफारिशों को स्वीकार करने से मना किया था। इससे पहले, एक कार्यक्रम के दौरान उपराष्ट्रपति ने शिवराज से किसानों से संवाद नहीं होने पर सवाल किए थे। धनखड़ ने यह भी व्यक्त किया था कि उनका दिल इस बात पर दुखी है कि किसानों के आंदोलन को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा था कि वह इस मुद्दे पर जल्द कार्रवाई की उम्मीद करते हैं।