16.2 C
Bhopal

मानवीय चूक से क्रैस हुआ था देश के पहले CDS का हेलीकाप्टर, संसदीय समिति की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, रावत समेत 13 लोगों की गई थी जान

प्रमुख खबरे

नई दिल्ली। देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की मौत को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। दरसअल उनकी मौत मानवीय चूक से हुई है। यह खुलासा जांच के लिए गठित की गई टीम ने अपनी रिपोर्ट में किया है। बता दें कि तीन पहले आठ दिसंबर, 2021 को तमिलनाडु के कुन्नूर के पास एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर दुर्घटना ग्रस्त हो गया था। इस दुर्घटना में जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और कई अन्य सशस्त्र बल कर्मियों की मौत हो गई थी। इस हादसे की जांच के लिए सरकार ने संसदीय समिति का गठन किया था। जिसकी रिपोर्ट सामने आ गई है।

जांच के लिए गठित एक संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि 8 दिसंबर 2021 को हुए हादसे में एमआई-17 हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ। यह 33वीं दुर्घटना थी। इसका कारण एचई(ए) यानी ‘मानवीय भूल (एयरक्रू)’ है। रक्षा मंत्रालय ने संसदीय समिति को बताया है कि साल 2018 के बाद बीते करीब छह साल में 34 दुर्घटनाओं की जांच की गई। जानकारी के मुताबिक शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को संसद में रक्षा संबंधी स्थायी समिति की रिपोर्ट पेश की गई। इसमें 13वीं रक्षा योजना अवधि के दौरान हुई भारतीय वायुसेना के विमान दुर्घटनाओं का ब्यौरा दिया गया।

रिपोर्ट में हादसे की तारीख और विवरण भी दिया गया
रिपोर्ट के मुताबिक कुल 34 दुर्घटनाएं हुईं थीं, जिनमें 2021-22 में भारतीय वायुसेना के नौ विमानों के साथ दुर्घटनाएं हुईं और 2018-19 में 11 विमान दुर्घटनाएं शामिल हैं। रिपोर्ट में ‘कारण’ शीर्षक से एक कॉलम है जिसमें दुर्घटना की वजह ‘मानवीय चूक’ को बताया गया है। संसदीय समिति की रिपोर्ट में हादसों की संख्या के साथ कारणों का भी उल्लेख है। रिपोर्ट में दुर्घटनाओं के कारण, विमान का प्रकार, हादसे की तारीख और दुर्घटना का विवरण भी दिया गया है। रक्षा मंत्रालय ने संसदीय समिति को आश्वस्त किया है कि वायुसेना प्रमुख की टिप्पणियों के आधार पर हादसों को टालने के सभी उपाय किए जाते हैं। अधिकांश का कार्यान्वयन हो चुका है, जबकि कुछ सुझावों और उपायों पर काम किया जा रहा है।

13 लोगों की गई थी जान
8 दिसंबर 2021 का वो दिन जब तमिलनाडु में कुन्नूर के करीब हेलीकॉप्टर हादसा हुआ था, जिसमें सीडीएस जनरल बिपिन रावत का निधन हो गया। इस हादसे में उनकी पत्नी की भी जान चली गई थी। बात अगर पूरे हेलीकॉप्टर की करें तो कुल 14 लोग सवार थे जिनमें से 13 की मौत हो गई थी। इस दुर्घटना में शौर्य चक्र पुरस्कार विजेता ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह अकेले जीवित बचे। उन्हें गंभीर चोटें आई थीं और उन्हें तुरंत अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। लेकिन दुर्भाग्य से, एक सप्ताह के भीतर इलाज के दौरान उनका भी निधन हो गया।

- Advertisement -spot_img

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

ताज़ा खबरे