मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजों के चार दिन बाद भी महायुति नए सीएम का ऐलान नहीं कर सकी है। इसकी वजह भाजपा और शिवसेना के बीच चल रही खींचतान को माना जा रहा है। भाजपा और शिवसेना दोनों ही सीएम की कुर्सी को नहीं छोड़ना चाह रहे हैं। इस खींचतान के बीच शिवसेना नेता और कार्यवाहक सीएम एक नाथ शिंदे ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि उनकी ओर से कोई दिक्कत नहीं है भाजपा जो फैसला करेगी वह हमें मान्य है। कुल मिलाकर देखा जाए तो शिंदे सीएम की रेस से पीछे हट गए हैं। शिंदे के इस बयान के बाद भाजपा नेता और पूर्व डिप्टी सीएम देवेन्द्र फडणवीस और महाराष्ट्र भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले का भी बड़ा बयान सामने आया है।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा, हमारी महायुति में कभी भी एक-दूसरे के प्रति मतभेद नहीं रहा। हमने हमेशा मिल-बैठकर निर्णय लिए हैं और चुनाव से पहले हमने कहा था कि चुनाव के बाद हम (मुख्यमंत्री पद के बारे में) सामूहिक रूप से निर्णय लेंगे। कुछ लोगों को संदेह है, जिसे आज एकनाथ शिंदे जी ने स्पष्ट कर दिया है। जल्द ही हम अपने नेताओं से मिलेंगे और निर्णय लेंगे।
बावनकुले बोले- शिंदे ने एनडीए को मजबूत किया
महाराष्ट्र बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले ने कहा- मैं महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे का आभार व्यक्त करता हूं। आज उन्होंने सभी संदेहों को दूर कर दिया है। उन्होंने लोगों से कहा कि महाराष्ट्र में सीएम पद को लेकर जो भी फैसला लेना होगा वह पीएम मोदी, अमित शाह लेंगे। उनका फैसला सभी को स्वीकार होगा। उन्होंने महाराष्ट्र के हित में यह कदम उठाया है। कई लोगों ने एकनाथ शिंदे पर सवाल उठाए थे। महायुति को लेकर बहुत सारे झूठ फैलाए थे। आज शिंदे ने महायुति, एनडीए को मजबूत करने का काम किया।
यह बोले थे शिंदे
शिंदे ने कहा, “मैंने मोदीजी-शाहजी को फोन किया। मैंने उनसे कहा कि आपका जो भी फैसला होगा, हमें स्वीकार है। भाजपा की बैठक में आपका कैंडिडेट चुना जाएगा, वो भी हमें स्वीकार है। हम सरकार बनाने में अड़चन नहीं है। आप सरकार बनाने को लेकर जो फैसला लेना चाहते हैं, ले लीजिए। शिवसेना और मेरी तरफ से कोई अड़चन नहीं है। शिंदे ने कहा कि हमने ढाई साल सरकार चलाई। इस दौरान केंद्र सरकार हमारे साथ मौजूद रही, खड़ी रही। हमारे हर प्रस्ताव को उसका समर्थन मिला। राज्य को चलाने के लिए केंद्र सरकार का साथ जरूरी है।”
मुझे पद की लालसा नहीं,
शिंदे ने कहा, “मुझे पद की लालसा नहीं। हम लड़ने वाले लोग नहीं हैं। हम काम करने वाले लोग हैं। मैंने पीएम और गृह मंत्री से भी कह दिया है कि महाराष्ट्र में कोई स्पीड ब्रेकर नहीं है, कोई नाराज नहीं, कोई गायब नहीं है। यहां कोई मतभेद नहीं है। एक स्पीड ब्रेकर था वो था महा विकास अघाड़ी, वो हटा दिया है।”
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पार्टियों का प्रदर्शन
बता दें कि राज्य में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला महायुति और महा विकास अघाड़ी गठबंधनों के बीच था। जिसमें महायुति ने बाजी मारते हुए 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटों पर जीत हासिल की है। इसमें भाजपा ने अकेले 132 सीट, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 और अजित पवार गुट की एनसीपी ने 41 सीटों पर जीत हासिल की है। महायुति गठबंधन के तीनों घटक दल भाजपा, शिवसेना और एनसीपी क्रमश: राज्य की शीर्ष तीन पार्टियां हैं। वहीं इसके उलट महा विकास अघाड़ी को 288 सीटों में से मात्र 46 सीटें ही हासिल की है। इसमें उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी ने 20 सीट, कांग्रेस ने 16 और शरद पवार की एनसीपी-एसपी ने सिर्फ 10 ही सीटें विधानसभा चुनाव में जीती है।