15.1 C
Bhopal

मप्र में दो दिन में 14 मासूमों की मौत: PCC चीफ के निशाने पर मोहन, जीतू बोले- CM इवेंट में व्यस्त, बच्चों की हुई सरकारी हत्या

प्रमुख खबरे

भोपाल। मध्यप्रदेश में दो दिन में 14 बच्चों की मौत हो गई है। रीवा जिले के गढ़ में जर्जर दीवार गिरने से चार मासूम स्कूली बच्चों की मौत हो गई है। वहीं सागर जिले के रहली विधानसभा के शाहपुर में भी 50 साल पुराने मकान की दीवार गिरने से 9 बच्चों की जान चली गई है। यह सभी भागवत कथा के लिए शिवलिंग बना रहे थे। इन दोनों दर्दनाक हादसों को लेकर मप्र की सियासत गरमा गरमा गई है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोहन सरकार पर जमकर बोला है। इतना ही नहीं उन्होंने दोनों घटनाओं को बच्चों की सरकारी हत्या भी बता दिया है। साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग से श्वेत पत्र लाने की भी बात कही है।

पत्रकार वार्ता को संबोधिक करते हुए पटवारी ने कहा कि रीवा में जो घटना हुई है वह घटना-दुर्घटना नहीं, सरकार द्वारा की गई बच्चों की सरकारी हत्या है। रीवा के गढ़ में एक जर्जर दीवार गिरने से 4 बच्चों की अकाल मृत्यु बेहद दर्दनाक है। ऐसे ही सागर में बच्चों के साथ जो दुर्घटना हुई वह प्रशासन की लापरवाही का इससे बड़ा उदाहरण ओर क्या हो सकता है। सागर जिले के शाहपुर ब्लाक में शिवलिंग निर्माण के दौरान कार्यक्रम स्थल की दीवार गिरने से 9 बच्चों की मौत हो गई और 4 बच्चे जीवन और मृत्यु से संघर्ष कर रहे हैं।

हादसों का प्रदेश बन गया मप्र
जीतू ने मोहन यादव को अपने निशाने पर लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी एक तरफ आप इंवेट करते हैं मीडिया और अखबारों की सुर्खियां बटोरते हैं। विज्ञापन देते हैं और दूसरी तरफ बच्चों की सरकारी तंत्र द्वारा हत्या होती है, इसके दोषी मुख्यमंत्री मोहन यादव जी है। यह प्रदेश हादसों का प्रदेश बन गया है। पटवारी यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा कि रोज अखबारों में देखते हैं कहीं स्कूलों के पास नाला बह रहा है, स्कूलों के पास में गटर हैं, डेंगू फेल रहा हैं, कहीं झाड के नीचे बच्चों को पढ़ाया जा रहा है, कहीं भवन विहीन स्कूल हैं, कहीं शिक्षक हैं पर बच्चे नदारद है तो कहीं दो-दो सौ बच्चे हैं लेकिन शिक्षक नदारद है। शहरी क्षेत्रों में शिक्षकों की अधिकता और ग्रामीण सुदूर अंचलों में शिक्षकों का अभाव है।

मप्र की सरकार पूरे देश से अलग सरकार
पीसीसी चीफ ने तंज कसते हुए कहा कि मप्र की सरकार पूरे देश से अलग सरकार है, जिसमें पिछले 10 साल में शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर कमी आयी है। शिक्षा के लिए 10 साल में बढ़कर सीधा दोगुना यानि 32 हजार करोड़ का बजट किया गया है, लेकिन इन सालों में बच्चों की संख्या 50 लाख घट गई है। भाजपा सरकार का चेहरा तीन आंकड़े बताता हैं, जनसंख्या बड़ी, स्कलों में बच्चों की संख्या घटी और मुख्यमंत्री विज्ञापन और इवेंट में व्यस्त हैं।

मध्य प्रदेश में चल रही है तीन सी की सरकार
पटवारी ने कहा कि मप्र में तीन सी की सरकार चल रही है कर्ज, क्राईम और करप्शन। भाजपा के नेताओं और अधिकारियों द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार की बयार बह रही है। सरकार कर्ज लेने में पीछे नहीं हटती और इंवेट करके उस कर्ज का खर्च करने में भी पीछे नहीं हटती। पच्चीस विभागों पर बजट की राशि से खर्च पर रोक लगा दी गई है। आर्थिक अराजकता की स्थिति मप्र में निर्मित हो चुकी है। बच्चों की हुई सरकारी हत्या पर मप्र सरकार की मैं निंदा करता हूं। कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि बच्चों की सरकारी हत्या और स्कूली शिक्षा को लेकर मोहन यादव सरकार श्वेत पत्र जारी करे। पत्रकार वार्ता के दौरान प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक भी उपस्थित थे।

- Advertisement -spot_img

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

ताज़ा खबरे