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मप्र में कुलपतियों को अब इस नाम किया जाएगा संबोधित: मोहन कैबिनेट का अहम फैसला, गोवंश परिवहन करने वालों पर एक्शन लेंगे कलेक्टर

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भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो गया है। सदन की कार्यवाही शुरू होने पहले मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में विधानसभा में ही कैबिनेट बैठक हुई। इस बैठक में कैबिनेट ने कई अहम प्रस्तावों को हरी झंडी दी। बैठक में विश्वविद्यालयों में अब कुलपति को कुलगुरू कहा जाने का फैसला लिया है। इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में गोवंश परिवहन करने वालों पर कार्रवाई के अधिकार कलेक्टरों को दिए गए। कैबिनेट में लिए अहम फैसलों की जानकारी नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दी।

विजयवर्गीय ने बताया कि कैबिनेट ने उच्च शिक्षा विभाग के मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) संशोधन विधेयक-2024 प्रारूप को को मंजूरी दे दी। अब विश्वविद्यालयों के कुलपति को कुलगुरू के नाम संबोधित किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में नागरिकों के कल्याण और उन्हें अपनी संस्कृति से जुड़ने से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा रहे हैं। निरंतर लिए जा रहे ऐसे फैसलों से विभिन्न क्षेत्रों में व्यवस्था से जुड़े आवश्यक सुधार भी हो रहे हैं, इस क्रम में सरकार ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया।

गौवंश के अवैध परिवहन पर वाहन होंगे राजसात
मंत्री ने बताया कि गौ-वंश को वध के प्रयोजन के लिए या गौ-मांस को ले जा रहे वाहनों को कलेक्टर राजसात कर सकेंगे। कैबिनेट में मध्यप्रदेश गौ-वंश वध प्रतिषेध अधिनियम 2004 (यथा संशोधित 2010) में प्रस्तावित संशोधन को स्वीकृति दी। इस संशोधन प्रस्ताव को अब विधानसभा में रखा जाएगा। इसमें इसमें गौवंश को वध या गो-मांस के प्रयोजन के लिए जा रहे वाहनों को राजसात किए जाने के लिए कलेक्टर को अधिकार होंगे। अभी आरोपी कोर्ट जाकर वाहन छुड़ा लेते थे अब ऐसा नहीं कर सकेंगे।

वहीं, मध्यप्रदेश मंत्री (वेतन तथा भत्ता) संशोधन विधेयक-2024 का अनुमोदन किया गया। विधेयक पर आवश्यक कार्यवाही करने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को अधिकृत किया गया। इसमें अब मंत्रियों के वेतन और भत्ते पर आयकर सरकार नहीं भरेंगी। मंत्री खुद ही अपना आयकर भरेंगे। राष्ट्रीयकृत लघु वनोपजों के व्यापार से अर्जित शुद्ध लाभ की राशि का वितरण किये जाने का निर्णय लिया गया। इसमें लघुवनोपज से जो भी राशि आएगी, उसका उपयोग आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में किया जाएगा।

खुले बोरवेल बंद नहीं किए तो होगी सख्त कार्रवाई
कैबिनेट ने मध्यप्रदेश खुले नलकूप में इंसानों के गिरने से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम एवं सुरक्षा विधेयक-2024 को विधानसभा में पुर:स्थापित कर पारित कराने की समस्त कार्यवाही के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को अधिकृत किया। खुले नलकूप को बंद नहीं करने पर राशि की वसूली दण्ड सहित की जा सकेगी। नए कानून में ऐसे बोरवेल को बंद कराने का दायित्य भू स्वामी और बोरवेल ड्रील करने वाली एजेंसी का होगा। ऐसे सूखे या असफल बोरवेल के खुले होने के संबंध में सीएम हेल्पलाइन या किसी शिकायत से मिलती है तो उसको बंद पहले बंद कराया जाएगा। इसका दायित्व भू स्वामी और ड्रिलिंग एजेंसी होगा। पहले उनको बोरवेल बंद कराने के लिए कहा जाएगा। इसमें असफल रहने पर उनके खिलाफ जुमार्ना लगाया जाएगा।

107.27 करोड़ रुपए की स्वीकृति
कैबिनेट में वल्लभ भवन-1 के नवीनीकरण/आधुनिकीकरण के लिए राशि 107 करोड़ 27 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। नेशनल बिल्डिंग कोड के अनुसार सुधार कार्य किए जाएंगे। पुराना वल्लभ भवन आधुनिक बनाया जाएगा।

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