भोपाल। मप्र सरकार एक जुलाई यानि सोमवार से परिवहन के क्षेत्र में बड़ा बदलाव करने जा रही है। दरअसल अब में गुजरात की तर्ज पर चेक पोस्ट बनाए जाएंगे। चौकियों का नाम रोड सेफ्टी एंड इंफोर्समेंट पाइंट रखा जाएगा। परिवहन क्षेत्र में हो रहे इस अहम बदलाव को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार को सभी जिलों के कलेक्टर्स के साथ वर्चुअली बैठक की और कई अहम निर्देश दिए।
सीएम यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सुशासन के अंतर्गत देश में अनेक कार्य किए जा रहे हैं। इस नाते परिवहन क्षेत्र में मध्यप्रदेश में कुछ बदलाव किए गए हैं। चेक पोस्ट संबंधी नई व्यवस्था शीघ्र लागू की जा रही है। उन्होंने कहा कि एक जुलाई से परिवहन चेक पोस्ट जो अन्य राज्यों की सीमा पर वाहनों के आवागमन के संबंध में भूमिका अदा करती हैं वहां संबंधित जिला प्रशासन के साथ तालमेल कर वर्तमान में हो रही अव्यवस्थाओं को दूर करने और पारदर्शी व्यवस्था लागू करने का कदम उठाया गया है।
सुशासन के लिए जाना जाता है मप्र
डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सुशासन के लिए जाना जाता है। परिवहन व्यवस्था के संबंध में शिकायतें प्राप्त होने पर राज्य शासन द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी। नई व्यवस्था से भारी वाहनों के संचालकों को किस प्रकार की असुविधा नहीं होगी। शिकायतों को दूर कर साफ-सुथरे ढंग से परिवहन विभाग के मूल कार्य को बेहतर ढंग से संचालित करने के प्रबंध किए गए हैं।
बाहरी वाहनों के संचालकों को नहीं होगी कोई समस्या
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आज मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन से वीडियो कांफ्रेंस में सभी जिलों से जुड़े प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि परिवहन विभाग को नई व्यवस्था में आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाए। प्रदेश में अब सीमावर्ती जिलों में नई व्यवस्था में उड़नदस्ते कार्य करेंगे। बाहरी वाहनों के संचालकों को कोई समस्या नहीं आएगी। नई पारदर्शी व्यवस्था सभी के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।
गुजरात पैटर्न की विशेषताएं और मध्यप्रदेश में इसकी शुरूआत
परिवहन विभाग के राजस्व संग्रहण में वृद्धि और व्यवस्थित कार्य प्रणाली लागू करने की पहल करते हुए प्रदेश में आवश्यक प्रबंध किए गए हैं। शिकायतों को समाप्त किया जा सकेगा। वाहन चालकों और संचालकों की दिक्कतें दूर होंगी। प्रदेश में ईज आॅफ डूइंग बिजनेस के अंतर्गत अहम निर्णय किया गया है।
परिवहन क्षेत्र में चेक पोस्ट के स्थान पर चेक पॉइंट रहेंगे। अन्य राज्यों से लगे जिलों में मोबाइल उड़नदस्ते कार्य करेंगे। कुल 45 चेक पॉइंट रहेंगे।
प्रदेश में 211 होमगार्ड के लिए आवश्यक व्यवस्था हुई है जो सेवाएं देंगे। उन्हें नई परिवहन व्यवस्था के अंतर्गत आवंटित जिलों में पदस्थ किया गया है। होमगार्ड जवान क्रमश: अपनी डयूटी करेंगे।
प्रदेश में गुजरात राज्य में लागू पैटर्न के अनुसार कार्य किया जाएगा।
परिवहन नाकों के स्थान पर मोबाइल टीम कार्य करेगी। चेक पॉइंट पर पदस्थ अमला समयावधि में बदलेगा।
प्रदेश के 26 जिलों में विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं, ऐसे जिले चयनित किए गए हैं जो सीमावर्ती हैं।