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मप्र के हर विकास खंड में बनाए जाएंगे वृंदावन गांव, मोहन कैबिनेट का अहम फैसला: नर्मदापुरम में रिमूवल एनर्जी परियोजना को हरी झंडी

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भोपाल। मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की अहम बैठक हुई। इस बैठक में कई अहम प्रस्तावों को हरी झंडी दी गई। मोहन कैबिनेट ने हर विकास खंड में वृंदावन गांव बनाने और नर्मदापुरम में 227 एकड़ में रिमूवल एनर्जी परियोजना की स्वीकृति दी गई है। इस परियोजना से करीब 10 हजार लोगों को रोजार मिलेगा। इसके अलावा 4 हजार करोड़ रुपए से अधिक राशि की दाबयुक्त सूक्ष्म सिंचाई परियोजना और मोहासा-बाबई और सीतापुर को इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में डेवलप करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने दी।

डिप्टी सीएम ने बताया कि हर विकास खंड में वृंदावन गांव योजना लागू करने का निर्णय लिया जाएगा । इसके लिए 313 गांव चिन्हित किए जाएंगे। योजना के तहत हर विकासखंड से एक गांव का चयन होगा। यहां दूध उत्पादन को बढ़ावा देकर दूध उत्पादकों किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रहेगा। गौपालन, गौशाला की स्थापना होगी और समस्त आवासों को शत-प्रतिशत सौर उर्जा से युक्त किया जाएगा। शत प्रतिशत शौचालय, औषधीय पौधे लगाए जाएंगे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग कार्ययोजना तैयार करेगा। उन्होंने बताया कि गीता भवन सभी नगरीय निकायों में खोले जाएंगे। वैचारिक अध्ययन केंद्र के रूप में काम करेंगे और पठन पाठन की सामग्री देने का काम होगा। धार्मिक कार्यक्रमों के लिए इसे दिया जाएगा। नगरीय आवास और विकास विभाग इसके निर्देश जारी करेगा।

जावद-नीमच दाबयुक्त सूक्ष्म सिंचाई परियोजना को मंजूरी
शुक्ल ने जानकारी देते हुए बताया कि नीमच जिले की जावद-नीमच दाबयुक्त सूक्ष्म सिंचाई परियोजना लागत राशि 4 हजार 197 करोड़ 58 लाख रुपए, सैंच्य क्षेत्र 1 लाख 8 हजार 600 हेक्टेयर की स्वीकृति प्रदान की गई। स्वीकृत परियोजना से नीमच जिले की नीमच तहसील के 253 गांव की 59700 हेक्टेयर एवं जावद तहसील के 212 र्गावों की 48900 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि सिंचाई के क्षेत्र में जिस तरह से काम हुआ है उसे और बढ़ाया जा रहा है। एक करोड़ हेक्टेयर तक ले जाना है।

मोहासा और सीतापुर में इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट को मंजूरी
डिप्टी सीएम शुक्ल ने बताया कि मोहासा बाबई में रिन्युवल एनर्जी और एनर्जी के लिए मैन्युफैक्चरिंग इकाइयां स्थापित करने 227 एकड़ जमीन पर 93.50 करोड़ खर्च होगा। इसमें केंद्र 60 प्रतिशत राशि केंद्र और 40 प्रतिशत राज्य देगा। इसमें से 56 करोड़ केंद्र देगा। दस हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। यहां दस हजार करोड़ का निवेश होगा। इसी तरह मुरैना जिले के सीतापुर का 161.7 एकड़ जमीन पर फुटवियर एसेसरीज और डेवलपमेंट पार्क के रूप में विकास होगा। इस पर 111 करोड़ खर्च होंगे। लेदर एसेसरीज, बैग्स, गारमेंट बनेंगे। 2300 करोड़ का निवेश होगा। एक से दो एकड़ की प्लाट साइज होगी। यहां 3200 लोगों को रोजगार मिलेगा।

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